धक्कामुक्की कांड पर कांग्रेस की सफाई पर बीजेपी का काउंटर अटैक, पूछा- अब गुंडे संसद जाएंगे?

धक्कामुक्की कांड पर कांग्रेस की सफाई पर बीजेपी का काउंटर अटैक, पूछा- अब गुंडे संसद जाएंगे?

आज मेरा मन भारी है, व्यथित है, पीड़ा से भरा हुआ है। मैं एक दर्जन बार लोकसभा और विधानसभा का सदस्य रहा हूं। मैंने सांसदों और विधायकों के व्यवहार और आचरण को देखा है। लेकिन आज जो संसद में हुआ उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। अशालीन, अशोभनीय और गुंडागर्दी से भरा व्यवहार किया गया। जिसकी सभ्य समाज कल्पना भी नहीं कर सकता।

केंद्रीय मंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने अभी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। हमें लगा कि वे आज की घटना पर माफ़ी मांगेंगे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। मुझे समझ नहीं आया कि उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों की। उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनका अहंकार झलक रहा था। मैं उनका व्यवहार देख रहा था। लेकिन आज उन्होंने (राहुल गांधी) जो किया वह सभ्य समाज के लिए अकल्पनीय है। आज जब भाजपा सांसद मकर द्वार पर विरोध कर रहे थे, तो राहुल गांधी वहां आ गए। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर जाने के लिए दूसरी जगह का इस्तेमाल करने को कहा। लेकिन वे जानबूझकर वहां आए। उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी उनका अहंकार झलक रहा था। आज मेरा मन भारी है, व्यथित है, पीड़ा से भरा हुआ है। मैं एक दर्जन बार लोकसभा और विधानसभा का सदस्य रहा हूं। मैंने सांसदों और विधायकों के व्यवहार और आचरण को देखा है। लेकिन आज जो संसद में हुआ उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। अशालीन, अशोभनीय और गुंडागर्दी से भरा व्यवहार किया गया। जिसकी सभ्य समाज कल्पना भी नहीं कर सकता।

मैं कई बार विधानसभा या लोकसभा का सदस्य रहा हूं। विधानसभा और संसद दोनों में मैंने सांसदों और विधायकों का आचरण देखा है। हालाँकि, आज संसद में जो हुआ वह अकल्पनीय था। यह एक अशोभनीय कृत्य था जिसे सभ्य समाज स्वीकार नहीं कर सकता। हमारी एक आदिवासी सांसद बहन श्रीमती कोन्याक ने जो कुछ कहा है, वो सुनकर व्यथा से हम भर जाते हैं। उन्होंने सभापति जी को शिकायत की है कि उनके साथ अशालीन, असभ्य, अमर्यादित व्यवहार किया गया। सभापति कह रहे हैं कि वह उनके पास रोती हुई आई थी। क्या महिला आदिवासी सांसद के साथ ऐसा व्यवहार किया जाएगा, क्या उनके इतने निकट पहुंचे कि वो असहज हो जाएं। मां-बहन-बेटी का सम्मान भारत की प्राथमिकता रही है। लेकिन महिला आदिवासी सांसद के साथ ऐसे व्यवहार की कोई कल्पना कर सकता है क्या? क्या हो गया है राहुल गांधी और कांग्रेस को?

जब मैं देखने गया तो मुकेश राजपूत उस समय तक होश में नहीं थे। उनकी MRI की जा रही है। क्या संसद में ऐसे दृश्य देखे जाएंगे, क्या तर्कों का सहारा लेने की बजाय शारीरिक ताकत का प्रयोग किया जाएगा। सांसदों को ये अधिकार है कि वो किसी बात पर विरोध प्रकट करें। कांग्रेस भी कई दिनों से विरोध प्रकट कर रही थी, मकर द्वार पर उनके सांसद एकत्र होते थे। तब हम लोगों को जाना होता था, तो हम द्वार बदल लेते थे या पास में जो space होता था उसमें से चुपचाप निकलकर अंदर चले जाते थे।

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