जनरल बिपिन रावत की संदेहास्पद मौत की जांच हुई या लीपापोती?

हादसे को मानवीय भूल बता कर 'केस-क्लोज़'

जनरल बिपिन रावत की संदेहास्पद मौत की जांच हुई या लीपापोती?

8 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में देश के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ  जनरल बिपिन रावत और 13 अन्य लोगों की मौत हो गई थी।

नई दिल्ली, 20 दिसंबर (एजेंसियां)। देश के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत कई सेनाधिकारियों की संदेहास्पद मौत का मामला अब रहस्य के अंधेरे में ही दफ्न रह जाएगा। हेलीकॉप्टर दुर्घटना की जांच में मामले की लीपापोती कर दी गई और हादसे को मानवीय भूल बताकर संवेदनशील प्रकरण का ढक्कन बंद कर दिया गया। मामले की जांच करने वाली संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में यही कारण बताया है। रक्षा संबंधी स्थायी समिति ने यह जानकारी संसद को दी।

उल्लेखनीय है कि 8 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में देश के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ  जनरल बिपिन रावत और 13 अन्य लोगों की मौत हो गई थी। दुर्घटना की जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि इस दुर्घटना का कारण मानवीय भूल थी। जांच में पाया गया कि खराब मौसम और पायलट द्वारा की गई चूक से यह दुर्घटना हुई।

8 दिसंबर 2021 को जनरल बिपिन रावत एवं अन्य लोगों को लेकर हेलीकॉप्टर सुलूर एयर बेस से दिन के 11:48 बजे उड़ा। उसे महज 24 मिनट बाद 12:15 पर गोल्फ कोर्स पर लैंड करना था। इसी बीच हेलीकॉप्टर का ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क भी टूट गया, दुर्घटना भी हो गई और जीवंत जनरल रावत दिवंगत भी हो गए। रिपोर्ट कहती है कि हेलीकॉप्टर ने कम ऊंचाई पर उड़ान भरी और बादल में घुसते ही  अचानक आग की लपटों में घिर गई और सब कुछ समाप्त हो गई। देश के शीर्षस्थ सेनाधिकारी और अन्य बड़े अफसरों को कुछ मिनटों के लिए हेलीकॉप्टर पर ले जाने के लिए इतनी गैरजिम्मेदारी क्यों बरती गई, कम ऊंचाई पर हेलीकॉप्टर क्यों उड़ा, क्यों कुछ ही सेकंड में आग का गोला बन कर नीचे गिरा, इसकी गहराई से जांच करने के बजाय यह बता दिया गया कि मानवीय भूल हुई। बेहतरीन उड़ान अनुभवों से सुसज्जित पायलट से मानवीय भूल क्यों हुई या उससे भूल क्यों कराई गई, यह जांच का विषय नहीं था।

इस दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत, उनके रक्षा सहायक ब्रिगेडियर एलएस लिडर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान, हेलीकॉप्टर के पायलट स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह, सह-पायलट जूनियर वारंट ऑफिसर राणा प्रताप दास, जूनियर वारंट ऑफिसर अरक्कल प्रदीप, हवलदार सतपाल राय, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार और लांस नायक बी साई तेजा की मौत हुई थी।

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