सैकड़ों रोहिंग्या और बांग्लादेशी वापस भेजे गए

रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कार्रवाई तेज

 सैकड़ों रोहिंग्या और बांग्लादेशी वापस भेजे गए

अब सीमा से ही खदेड़ दिए जाएंगे घुसपैठिए सरमा

नई दिल्ली/गुवाहाटी, 13 मई (एजेंसियां)। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने देश में घुस कर बैठे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालने की कार्रवाई तेज कर दी। सौ से अधिक रोहिंग्या घुसपैठियों को बांग्लादेश की सीमा में छोड़ा गया। 40 रोहिंग्या को अंडमान से समुद्र मार्ग से रवाना किया गया। 78 बांग्लादेशी घुसपैठियों को सुंदरबन से खदेड़ा गया। सुरक्षा एजेंसियों ने कहा कि भारत में पाकिस्तान से जारी तनाव के बीच बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों पर कार्रवाई जारी है।

भारत ने घुसपैठियों को गिरफ्तार करने के बाद इन्हें वापस भेजना भी शुरू कर दिया है। ऐसी ही एक कार्रवाई में असम के एक डिटेंशन कैंप से रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को वापस बांग्लादेश भेजा गया है। कुछ रोहिंग्याओं को अंडमान निकोबार से समुद्र के रास्ते भेजा गया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने अपने राज्य के एक डिटेंशन कैंप से घुसपैठियों के भेजे जाने की आधिकारिक पुष्टि की है। इस मामले में रोहिंग्या घुसपैठियों के समर्थक सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गए हैं।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसारअसम के मटिया डिटेंशन कैंप में रखे गए 102 रोहिंग्या को बांग्लादेश के रास्ते भेजा गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उन्हें पहले बसों में भर कर त्रिपुरा ले जाया गया और इसके बाद बांग्लादेश भेज दिया गया। मटिया कैंप असम के गोलपाड़ा जिले में है और देश का सबसे बड़ा डिटेंशन कैंप है। इस कार्रवाई की पुष्टि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने हाल ही में की थी। शनिवार 9 मई को सीएम सरमा ने कहा था कि मटिया कैंप में अब मात्र 30-40 लोग बचे हैं और बाकी को बांग्लादेश वापस भेज दिया गया है। उन्होंने कहाअब मटिया में केवल वही लोग हैं जिन्हें विदेशी घोषित किया जा चुका है और उनका मुकदमा चल रहा है। उनके अलावा कैंप से बाकी सभी लोग बांग्लादेश वापस चले गए हैं। यह भारत सरकार द्वारा किया गया एक ऑपरेशन था। असम ने भी इसमें हिस्सा लिया था।

सीएम सरमा ने कहा, देश के अलग-अलग हिस्सों में पहचाने गए लोगों के साथ-साथ असम में घुसपैठिए के रूप में पहचाने गए लोगों को भी वापस धकेल दिया गया है। रोहिंग्या भी वापस चले गए हैं। मटिया कैंप अब लगभग मुक्त हो गया है और 30-40 लोग बचे हैं। सीएम सरमा ने बताया कि अब घुसपैठियों को बॉर्डर से ही वापस भेज दिया जाएगा। पहले हम उन्हें हिरासत में लेते थेमामला दर्ज करते थेअदालत में पेश करते थे और जेल में डाल देते थे। लेकिन अब हमने फैसला किया है कि हम उन्हें अंदर नहीं लाएंगे और उन्हें सीमा से ही वापस खदेड़ देंगे।

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खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली पुलिस ने भी रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के खिलाफ ऑपरेशन चालू कर रखा है। दिल्ली पुलिस ने 40 रोहिंग्या घुसपैठियों को पकड़ कर अंडमान के रास्ते समुद्र में छोड़ दिया है ताकि वह म्यांमार वापस पहुंच सकें। रिपोर्ट में बताया गया कि यह कार्रवाई 7 मई 2025 को की गई। हालांकिइसे लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में पड़ गई है। रोहिंग्या घुसपैठियों के समर्थन में मोहम्मद इस्माइल ने यह याचिका दायर की है। मोहम्मद इस्माइल ने दावा किया है कि दिल्ली पुलिस ने 43 रोहिंग्या को बायोमेट्रिक जानकारी लेने के नाम पर अपने साथ लिया और बाद में उन्हें अंडमान के रास्ते समुद्र में भेज दिया। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कहा कि यह देश केवल भारतीयों के रहने के लिए। रोहिंग्या या बांग्लादेशियों के लिए नहीं। सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका को 31 जुलाई को सुनवाई होनी है। एक और रिपोर्ट में बताया गया है कि बीएसएफ ने 78 बांग्लादेशी घुसपैठियों को सुंदरबन के जंगल में छोड़ दिया है और उन्हें बांग्लादेशी सुरक्षाबलों ने बरामद किया है।

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