यमन में निमिषा प्रिया की मौत की सजा बरकरार
नींद की दवा पिलाकर शोषक की हत्या करने का आरोप
निमिषा का इरादा हत्या करने का नहीं था
पलक्कड़ (केरल), 01 जनवरी (एजेंसियां)। यमन में रह रही केरल की नर्स निमिषा प्रिया को मौत की सजा देने का फैसला राष्ट्रपति राशिद अल-अलीमी ने मंजूर कर लिया है। निमिषा को 2017 में यमनी नागरिक तलाल अब्दो मेहदी की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। यमन की अदालत ने उन्हें 2020 में मौत की सजा सुनाई थी, और उनकी अपील को नवंबर 2023 में खारिज कर दिया गया। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद उनकी सजा पर अमल अगले एक महीने के भीतर हो सकता है।
यह खबर निमिषा के परिवार के लिए किसी झटके से कम नहीं है। उनकी मां प्रेमा कुमारी ने कहा है कि अगर किसी की जान लेनी है तो उनकी ले ली जाए। उन्होंने अपनी बेटी को बचाने के लिए पिछले कई साल से हरसंभव कोशिश की। प्रेमा कुमारी ने यमन जाकर मृतक के परिवार से बात करने और ब्लड मनी (मुआवजा) के जरिए समझौता करने की कोशिश की, लेकिन बातचीत विफल रही। निमिषा प्रिया पर आरोप लगे थे कि उन्होंने साल 2017 में एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी को ड्रग्स का ओवरडोज दे दिया था, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। वहीं, निमिषा ने अपने बचाव में कहा था कि मृतक ने उनका पासपोर्ट छीन लिया था, जिसे वो वापस पाना चाहती थी। निमिषा ने दावा किया था कि उन्होंने महदी को बेहोशी की दवा दी थी। उसकी हत्या करने का इरादा नहीं था।
भारत सरकार ने इस मामले में बयान दिया है कि वे सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि सरकार निमिषा प्रिया और उनके परिवार को हरसंभव सहायता प्रदान कर रही है। निमिषा शादीशुदा हैं। केरल के पलक्कड़ की रहने वाली निमिषा अपने पति और बेटी के साथ पिछले लगभग एक दशक से यमन में काम कर रही थीं। इस बीच यमन में गृहयुद्ध शुरु हो गया तो उनका परिवार भारत आ गया था। यमनी नागरिक द्वारा पासपोर्ट ले लेने के कारण निमिषा वापस नहीं लौट पाई थीं।