धर्मांतरण गिरोह से जुड़ा था मदरसा, प्रशासन ने सील किया
श्रावस्ती, 12 जुलाई (एजेंसियां)। धर्मांतरण गिरोह के सरगना छांगुर की जांच में श्रावस्ती के इकौना स्थित एक मदरसे का लिंक पाया गया है। मदरसा चलाने वाले सैयद सिराजुद्दीन हाशमी और छांगुर बाबा के गहरे लिंक पाए गए हैं। पुलिस यह जांच कर रही है कि धर्मांतरण के कुकृत्य मदरसा किस तरह शामिल था। जांच के दौरान टीम ने मदरसे की तलाशी ली और मदरसा सील कर दस्तावेज अपने साथ ले गई।
हिंदू परिवारों का धर्म परिवर्तन, लव जेहाद और देश विरोधी गतिविधियों के आरोपी बलरामपुर के उतरौला निवासी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर मामले की जांच अब श्रावस्ती के इकौना तक पहुंच गई है। पुलिस टीम शनिवार को इकौना देहात के रहमान पुरवा स्थित जामिया नूरिया फातिमा लिल बनात संस्था/मदरसा पहुंची। एडीएम के नेतृत्व में पहुंची टीम मदरसा सील करके वहां रखे अभिलेख अपने साथ ले गई।
गुजरात के वडोदरा जिले के धोबोई निवासी सैयद सिराजुद्दीन हाशमी ने इकौना देहात के रहमान पुरवा में 2019 में जामिया नूरिया फातिमा लिल बनात संस्था/मदरसा बनवाया था। इस आवासीय बालिका मदरसे में 300 छात्राएं रहकर शिक्षा ग्रहण कर रही थीं। जबकि, इसकी मान्यता भी नहीं थी। बाद में उसने मदरसे के बगल में करीब दो बीघा भूमि और खरीदी। उस पर भवन निर्माण शुरू कराया था। एक मई को एसडीएम की जांच में मदरसा संचालन से संबंधित अभिलेख नहीं मिले।
इसके बाद तीन मई को डीएम के निर्देश पर मदरसे को सील कर दिया गया था। इसमें सैयद सिराजुद्दीन हाशमी का आवास होने के कारण आवासीय परिसर को बाद में खोल दिया गया। हालांकि, मदरसा सील था। अब छांगुर मामले में नाम आने के बाद शनिवार को एडीएम अमरेंद्र कुमार वर्मा के नेतृत्व में एसडीएम ओम प्रकाश, सीओ भिनगा सतीश शर्मा, नायब तहसीलदार अमरेश कुमार, एसओजी टीम प्रभारी नितिन यादव व एसओ अखिलेश पांडेय की टीम मदरसा पहुंची। इस दौरान वहां रखे अभिलेख टीम अपने साथ ले गई।
सैयद सिराजुद्दीन हाशमी की ससुराल बलरामपुर के उतरौला में है। वहां आने-जाने के दौरान वह छांगुर के संपर्क में आया। इसके बाद उसका उतरौला आना-जाना बढ़ गया। ऐसे में सैयद सिराजुद्दीन हाशमी व छांगुर के मध्य क्या कनेक्शन है? टीम इसे तलाशने में जुटी है। छापेमारी के दौरान इसके तीन बैंक खातों का खुलासा हुआ। इनमें एक स्थानीय व दो गुजरात के हैं। इनकी जांच बैंक व ट्रेजरी के अधिकारियों से कराई जाएगी।
डीएम अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि मदरसे से मिले अभिलेख उर्दू में हैं। पहले उनका अनुवाद कराया जाएगा। इसके बाद इसकी जांच की जाएगी। साथ ही मदरसे में शिक्षणरत छात्राएं कहां से आई थीं? मौजूदा समय में कहां हैं? इसकी भी जांच कराई जाएगी। उतरौला आने जाने के इसके उद्देश्य, मदरसा निर्माण के लिए पैसा कहां से आया? कहीं किसी अन्य गतिविधि में भी इसकी भी संलिप्तता तो नहीं है। इसकी भी जांच कराई जाएगी।
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