अवैध खनन की रोकथाम के लिए सरकार ला रही नई तकनीक
वेट इन मोशन तकनीक से अवैध खनन पर लगेगा अंकुश
लखनऊ, 18 जुलाई (एजेंसियां)। योगी सरकार अवैध खनन और परिवहन को रोकने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा ले रही है। इसके लिए एकीकृत खनन निगरानी तंत्र के तहत कई कदम उठाए जा रहे हैं। ड्रोन, जियो-फेंसिंग, रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन माइनिंग टैग और एआई आधारित चेक गेट्स के जरिए पहले से ही निगरानी की जा रही है। अब सरकार वेट इन मोशन तकनीक को लागू करने की तैयारी कर रही है, जो समय की बचत के साथ-साथ 100 प्रतिशत सटीकता सुनिश्चित करेगी। इस तकनीक से वाहनों की ओवरलोडिंग पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा।
भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग ने खनन क्षेत्रों की निगरानी को और मजबूत करने के लिए कई तकनीकी उपाय किए हैं। खनन क्षेत्रों की जियो-फेंसिंग, कैमरा युक्त वेट-ब्रिज और वाहनों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन माइनिंग टैग के जरिए खनिज परिवहन पर नजर रखी जा रही है। इसके अलावा, 25 जनपदों में 57 मानव रहित इंटरनेट ऑफ थिंग्स/आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चेक गेट्स स्थापित किए गए हैं, जिन्हें निदेशालय के कमांड सेंटर से एकीकृत किया गया है। वहीं अब विभाग ने वेट इन मोशन संयंत्र की स्थापना के लिए परिवहन आयुक्त से भी सहयोग मांगा गया है, ताकि अवैध खनन और परिवहन पर पूरी तरह रोक लग सके।
खनन क्षेत्रों के सर्वे और निगरानी के लिए ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स, यूपी डेस्को और श्रीट्रान इंडिया लिमिटेड जैसी संस्थाओं से तकनीकी और वित्तीय प्रस्ताव मांगे हैं। यह कदम अवैध खनन को रोकने में मदद करेगा और खनन गतिविधियों को और पारदर्शी बनाएगा। ड्रोन तकनीक से खनन क्षेत्रों की सटीक निगरानी और सर्वेक्षण संभव होगा, जिससे अवैध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी। इसके साथ ही खनन सेवाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए योगी सरकार ने पोर्टल को पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय के परिवेश पोर्टल के साथ जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की है। इससे पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र की प्रक्रिया का प्रभावी अनुश्रवण हो सकेगा और खनन क्षेत्रों में कार्रवाई को तेज किया जा सकेगा। योगी सरकार की यह पहल न केवल अवैध खनन को रोकेगी, बल्कि खनन प्रक्रिया को अधिक व्यवस्थित और पर्यावरण के अनुकूल बनाएगी।
वेट इन मोशन (डब्लूआईएम) एक आधुनिक तकनीक है जो भारी वाहनों, जैसे खनन ट्रकों या मालवाहक वाहनों, का वजन उनके चलते समय मापती है। यह सिस्टम सड़क पर लगे सेंसरों का उपयोग करता है जो वाहन के वजन, गति और अन्य जानकारी को बिना रुके रिकॉर्ड करता है। इससे समय की बचत होती है, कार्यक्षमता बढ़ती है और सड़क सुरक्षा में सुधार होता है। खनन जैसे उद्योगों में यह ओवरलोडिंग रोकने, नियमों का पालन करने और डेटा के आधार पर कार्यों को बेहतर बनाने में मदद करता है। डब्लूआईएम सिस्टम डेटा को तुरंत विश्लेषण के लिए भेजता है, जिससे ऑपरेटरों को वास्तविक समय में जानकारी मिलती है। यह तकनीक लागत कम करने और पर्यावरण पर प्रभाव को कम करने में भी सहायक है।
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