दुनिया में आठवें नंबर पर पहुंचा भारत का टूरिज्म
विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद की ताजा रिपोर्ट से खुलासा
फ्रांस-जर्मनी पीछे छूटे, 19.4 लाख करोड़ की कमाई हुई
नई दिल्ली, 19 जुलाई (एजेंसियां)। भारत ने विश्व पर्यटन की दुनिया में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद (डब्ल्यूटीटीसी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 में भारत दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी पर्यटन अर्थव्यवस्था बन गया है। देश की पर्यटन से होने वाली कमाई 231.6 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 19.4 लाख करोड़ रुपए) तक पहुंच गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल भारत 10वें स्थान पर था, लेकिन इस बार दो पायदान की छलांग लगाकर जापान और फ्रांस जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया। अमेरिका पहले स्थान पर है 2,360 अरब डॉलर के साथ, उसके बाद चीन, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, फ्रां
कोविड के बाद तेज रिकवरी हुई। 2023 में विदेशी पर्यटक 9.52 मिलियन पहुंच गए, जो 2019 के 87 प्रतिशत के बराबर था। घरेलू पर्यटन भी बढ़ा। 2023 में 2.5 अरब से ज्यादा घरेलू यात्राएं हुईं। यह सब सरकार की नीतियों से हुआ। 2014 से पर्यटन को प्राथमिकता दी गई। बजट आवंटन 2014 में 500 करोड़ रुपए था, जो अब 2,400 करोड़ से ज्यादा हो गया है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा साल 2002 में चलाए गए अतुल्य भारत अभियान को और मजबूत किया गया। सोशल मीडिया, फिल्मों और ब्लॉग्स के जरिए प्रमोशन बढ़ा। ट्रैवल कंटेंट ने भारत को वैश्विक स्तर पर चमकाया।
इसके अलावा स्वदेश दर्शन योजना 2014-15 में शुरू हुई, जिसमें थीम-आधारित पर्यटन सर्किट विकसित किए गए, जैसे बौद्ध सर्किट, रामायण सर्किट, वन्यजीव सर्किट। लेकिन शुरुआत में यह कई राज्यों में फैली हुई थी, इसलिए प्रभाव कम पड़ा। 2022 में स्वदेश दर्शन 2.0 लॉन्च हुई, जो एक-एक जगह पर केंद्रित है। इसमें सतत पर्यटन पर जोर – पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे, स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो। पायलट प्रोजेक्ट में ओरछा (मध्य प्रदेश), गांडीकोटा (आंध्र प्रदेश), बोधगया (बिहार) जैसी सात जगहें शामिल हैं।
एक और महत्वपूर्ण योजना है प्रसाद (तीर्थयात्रा पुनरुद्धार और आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान)। यह धार्मिक स्थलों को सुधारने के लिए है। जैसे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या का विकास, केदारनाथ का पुनर्निर्माण। इनसे धार्मिक पर्यटन बढ़ा और रोजगार मिला। 2024 तक प्रसाद के तहत 73 परियोजनाओं पर काम हुआ, जिसमें 1,400 करोड़ रुपए खर्च हुए। बुनियादी ढांचे में बदलाव जबरदस्त है। साल 2014 से 2025 तक राष्ट्रीय राजमार्ग 91,000 किलोमीटर से बढ़कर 1.46 लाख किलोमीटर हो गए। रेल विद्युतीकरण 98 प्रतिशत पहुंच गया। बंदरगाह क्षमता दोगुनी हुई। उड़ान योजना से 88 एयरपोर्ट चालू हुए, छोटे शहरों में उड़ानें बढ़ीं। वंदे भारत ट्रेनों से आरामदायक और तेज यात्रा संभव हुई। होटलों में निवेश बढ़ा। 2024 में 3,295 करोड़ रुपए के 40 प्रोजेक्ट मंजूर हुए, 23 राज्यों में प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्र बनाने के लिए।
पर्यटकों को आकर्षित करने की एक और वजह रही कि यहां वीजा नीति आसान की गई। ई-वीजा अब 167 देशों के लिए उपलब्ध है, ऑनलाइन आवेदन से विदेशी पर्यटक बढ़े। चिकित्सा पर्यटन को प्रोत्साहन भारत की सस्ती और गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं, जैसे आयुर्वेद और योग, ने लाखों विदेशी रोगियों को आकर्षित किया। 2024 में विदेशी पर्यटकों ने 3.10 लाख करोड़ रुपए खर्च किए, जो 2019 से ज्यादा है। सौंदर्यीकरण प्रयास भी बड़े हैं। स्वच्छ भारत अभियान से जगहें साफ हुईं। ताजमहल के आसपास सफाई, गंगा घाटों का सुधार।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से कई जगहों को बढ़ावा दिया। उनका मानना है कि पर्यटन से रोजगार बढ़ता है और संस्कृति फैलती है। 2024 में लक्षद्वीप का दौरा किया और सोशल मीडिया पर तस्वीरें-वीडियो साझा किए। कहा, लक्षद्वीप की सुंदरता देखिए, यह मालदीव से कम नहीं। इसका प्रभाव यह हुआ कि लक्षद्वीप में पर्यटकों की संख्या दोगुनी हो गई – 2023 में एक लाख से कम, 2024 में दो लाख से ज्यादा। उड़ानें 88 प्रतिशत बढ़ीं। एक्स पर उनके पोस्ट ने लाखों को आकर्षित किया। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन भी पीएम मोदी ने किया। इसका प्रभाव ये हुआ कि वाराणसी में पर्यटक 2014 के पांच करोड़ से बढ़कर 2022 में 7.2 करोड़ हो गए। कॉरिडोर में 10 करोड़ विजिटर्स आए। होटल बुकिंग दोगुनी हुईं। गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बताकर प्रमोट किया गया। अब वहां सालाना 50 लाख पर्यटक आते हैं, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली।
कश्मीर का प्रचार करते हुए पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 हटने के बाद कहा, कश्मीर स्वर्ग है, घूमिए। इसके बाद फिल्मों की शूटिंग बढ़ी, पर्यटक बढ़े। 2024 में कश्मीर में दो करोड़ से ज्यादा पर्यटक आए। मणिपुर, पूर्वोत्तर की जगहों को भी बढ़ावा दिया, जैसे लोकटक झील। अकेले पूर्वोत्तर में पर्यटन 30 प्रतिशत बढ़ गया। पीएम मोदी और भारत सरकार ने विदेश यात्राओं में भी भारत को प्रमोट किया। जी20 शिखर सम्मेलन में दिल्ली और वाराणसी दिखाए। योग दिवस को वैश्विक बनाया, जो स्वास्थ्य पर्यटन बढ़ाता है। भारत की सस्ती और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं विदेशी पर्यटकों को खींच रही हैं। आयुर्वेद, योग, और मॉडर्न मेडिसिन ने भारत को मेडिकल टूरिज्म का हब बनाया। 2024 में लाखों विदेशी मरीज भारत आए।
कुल मिलाकर पीएम मोदी के प्रचार से घरेलू पर्यटन 95 प्रतिशत बढ़ा, जीडीपी में योगदान 6.6 प्रतिशत पहुंच गया, यानी 21 लाख करोड़ रुपए। 2024 में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का खर्च रिकॉर्ड 3.1 ट्रिलियन रुपए (36.8 अरब डॉलर) रहा, 2019 से नौ प्रतिशत ज्यादा। घरेलू खर्च 15.5 लाख करोड़ रुपए, 2019 से 22 प्रतिशत अधिक। डब्ल्यूटीटीसी का अनुमान है कि 2025 में यह 3.2 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचेगा। यह रिपोर्ट कोई आकस्मिक परिणाम नहीं है। 2014 से नीतिगत बदलाव – निजी निवेश को प्रोत्साहन, सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल। कोविड में टीकाकरण तेज किया, रिकवरी में मदद मिली। डब्ल्यूटीटीसी कहता है कि 2034 तक भारत दुनिया में चौथे नंबर पर पहुंच जाएगा। अर्थव्यवस्था में 42 लाख करोड़ रुपए का योगदान होगा और करीब 6.4 करोड़ नौकरियां सृजित होंगी।
भारत का टॉप 10 में पहुंचना कोई छोटी बात नहीं है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता, सरकार की नीतियों और स्थानीय लोगों की मेहनत का नतीजा है। पर्यटन सिर्फ पैसे की बात नहीं है; यह देश की संस्कृति, इतिहास, और विविधता को दुनिया तक ले जाने का जरिया है। काशी के घाटों से लेकर लक्षद्वीप के समुद्र तटों तक भारत हर कोने में खूबसूरत है। अगर इसे सही तरीके से प्रमोट किया जाए और पर्यावरण का ध्यान रखा जाए तो वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की टॉप 5 पर्यटन अर्थव्यवस्थाओं में शुमार होगा।
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