...और सिस्टम ने उजाड़ दिया मां बेटियों का सुकून

घने जंगल में गुफा में दो बेटियों के साथ रहती थी रूसी महिला

...और सिस्टम ने उजाड़ दिया मां बेटियों का सुकून

बांग्लादेशी-रोहिंग्या रह सकते हैं, पर रूस की मां-बेटियां नहीं

बेंगलुरु, 19 जुलाई (एजेंसियां)। भारत की अजीबोगरीब स्थिति है। यहां बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए रह सकते हैं। उन्हें सारी सरकारी सुविधाएं मुहैया करी जा सकती हैं। उनके राजनीतिक आका उनके लिए सारा इंतजाम कर सकते हैं, लेकिन रूस से आकर कर्नाटक के घने निर्जन जंगल में एक गुफा में अपने बच्चों के साथ सुकून से रह रही महिला नीना कुटीना की जिंदगी में सिस्टम के कीड़ों ने जहर बो दिया। नीना कहती हैं, जंगल में जानवरों के साथ रहना बेहद आसान है, यह मनुष्य सबसे खतरनाक और दुष्ट प्रजाति के जीव हैं।

जंगल की गुफा में नीना कुटीना और उनकी दोनों बेटियों का जीवन शांतिपूर्ण था। दक्षिण भारत के एक तटीय शहरगोकर्ण के घने जंगल में वे एक गुफा में रह रहे थे। सूर्योदय पर जागना, नदियों में तैरना और प्रकृति के बीच रहना कितना सुकून दे रहा था उन्हें। कुटीना ने कहामैं मौसम के हिसाब से आग या छोटे से गैस सिलेंडर पर खाना बनाती थी और पास के गांव से किराने का सामान ले आती थी। हम पेंटिंग करते थेगाने गाते थेकिताबें पढ़ते थे और शांति से रहते थे।

40 वर्षीय रूसी महिला और उसकी छह और चार साल की दो बेटियों के कर्नाटक राज्य की एक नम गुफा में शांति से रहने और फिर अचानक एक दिन उनकी शांति को उजाड़ फेंकने की कहानी ने झकझोर कर रख दिया है। जुलाई को पर्यटकों के बीच लोकप्रिय पहाड़ी वन क्षेत्र में गश्त के दौरान पुलिस को जंगल के बीच एक गुफा में लाल साड़ी का एक पर्दा लटका दिखा। पास जाकर देखा तो पता चला कि इस पर्दे से ही गुफा के प्रवेश द्वार को ढंक कर रखा गया था। गुफा के अंदर एक हिंदू देवता की मूर्ति और बिखरे हुए कपड़े दिखाई दे रहे थे। तभी एक सुनहरे बालों वाली बच्ची बाहर आई। उसके पीछे-पीछे गई पुलिस महिला को एक और बच्चे के साथ सोता हुआ देखा। बस महिला के जीवन में प्रशासन ने उत्पात भर दिया। फिर नीना कुटीना से पूछताछ शुरू हो गई।

कुटीना ने अधिकारियों को बताया कि वह ध्यान और प्रार्थना के लिए गुफा में आई थी और खुद को और अपने बच्चों को आधुनिक शहरी जीवन से दूर प्रकृति के बीच ले जाना चाहती थी। जिस समय वहां पुलिस आई, गुफा में एक छोटे से गैस के चूल्हे पर बनी सब्जी और रोटी रखी। वे झरनों में नहा कर आथे और प्लास्टिक की चटाई पर सोए थे, खा भी नहीं पाए। कुटीना ने पुलिस को बताया कि वह पिछले नौ महीनों से भी अधिक समय से गुफा में रह रही थी।

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कुटीना ने पुलिस अधिकारियों की इस चेतावनी को खारिज कर दिया कि यह रहने के लिए बेहद खतरनाक जगह हैखासकर मानसून के दौरान। कुटीना ने पुलिस से कहा कि जानवर और सांप हमारे दोस्त हैं। केवल इंसान ही खतरनाक होते हैं। उनकी आपत्तियों के बावजूदपुलिस ने परिवार को गुफा से निकालकर शहर पहुंचा दिया। फिर भी चैन नहीं लेने दिया। कुटीना की अस्पताल में जांच के बाद उन्हें एक कड़ी सुरक्षा वाले आश्रय (जेल) में रख दिया गया है। स्थानीय पुलिस अधीक्षक एम नारायण ने कहा कि कुटीना मानव समाज से बहुत निराश लग रही थींफिर भी दयालु और आध्यात्मिक रूप से दृढ़ थीं।

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कुटीना ने अपनी बड़ी और खूबसूरत गुफा से निकाले जाने के बाद एक दोस्त को संदेश भेजा कि उसके परिवार को बिना आसमानबिना घासबिना झरने वाली एक जेल में रखा गया हैजिसमें एक बर्फीली सख्त फर्श है जिस पर अब हम बारिश और सांपों से सुरक्षा के लिए सोते हैं। एक बार फिरबुराई जीत गई है।

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आव्रजन रिकॉर्ड के अनुसारनीना कुटीना पहली बार 2016 में भारत आई थी और गोवा के अरम्बोल बीच पर रुकी थीजो रूसी यात्रियों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य है। एक साल बादउसने एक इजराइली व्यक्ति ड्रोर गोल्डस्टीन के साथ संबंध शुरू कर दिया था। 2018 में अपने वीज़ा की अवधि समाप्त होने के बाद कुटीना को रूस भेज दिया गया और वह यूक्रेन चली गईजहां उसकी पहली बेटी हुई। पिछले रिश्ते से उसके पहले से ही दो बड़े बेटे थे। 2020 में कुटीना अपने बच्चों के साथ भारत लौट आईं। गोवा में उनकी मुलाकात गोल्डस्टीन से हुई और वे फिर से गर्भवती हुईं। कला और भाषा शिक्षक के रूप में काम करके उन्होंने पैसे कमाए। गोल्डस्टीन के अनुसारजब वे वीजा रिन्युअल के लिए नेपाल गए इसी बीच कुटीना अपनी दोनों बेटियों के साथ गायब हो गईं। पिछले साल अक्टूबर में कुटीना के सबसे बड़े बेटे की मोटरसाइकिल दुर्घटना में मौत हो गई। गोल्डस्टीन ने कुटीना और बच्चों के गायब होने की सूचना पुलिस में दर्ज कराई थी। लेकिन कुछ पता नहीं चला।

कुटीना अपनी शांति को चुकी हैं। वे अपना बेटा भी खो चुकी हैं। वे कहती हैं, मेरी व्यक्तिगत क्षति इतनी है कि उसकी गिनती नहीं की जा सकती। गुफा में उनके बेटे की अस्थियां रखी थीं, वह भी नहीं दी। अब कुटीना को वापस रूस भेजने (डिपोर्ट करने) की तैयारी है। कुटीना और उसकी दो छोटी बेटियां हिरासत केंद्र में हैं उल्टी गिनती गिन रही हैं...

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