व्यापारिक और सामरिक हित साधेंगे मोदी

23 को ब्रिटेन जाएंगे प्रधानमंत्री मोदी फिर पहुंचेंगे मालदीव

व्यापारिक और सामरिक हित साधेंगे मोदी

अगस्त में चीन भी जा सकते हैं प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली, 19 जुलाई (एजेंसियां)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 से 26 जुलाई तक यूनाइटेड किंगडम और मालदीव की दो देशों की अहम यात्रा पर जाएंगे। पीएम मोदी के दौरे का मकसद अहम व्यापारिक समझौतों और राजनीतिक गतिविधियों के जरिए भारत के राजनयिक संबंधों को मजबूत करना है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का पहला चरण 23-24 जुलाई को यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) होगाजहां वे ऐतिहासिक भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (एफटीएपर हस्ताक्षर करेंगे। यह समझौता टैरिफ में कमी करके ब्रिटेन को होने वाले 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात पर असर पड़ेगा। इससे भारत को भी फायदा होगा और व्हिस्की और कारों जैसे ब्रिटिश निर्यात सुगम होंगे। अगस्त महीने में चीन के तियानजिन शहर में 25वां शिखर सम्मेलन होना है। इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अगले महीने प्रधानमंत्री मोदी चीन जा सकते हैं।

फिलहाल, ब्रिटेन की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी 25-26 जुलाई को मालदीव की यात्रा करेंगेजहां वे 60वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। मोहम्मद मुइज्जू सरकार के कार्यकाल में यह यात्रा इसलिए भी अहम हैक्योंकि यह यात्रा मालदीव में कुछ नेताओं की ओर से भारत विरोधी बयानबाजी और अभियानों के कारण दोनों देशों के संबंधों में आए तनाव के बाद पहली बार हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी की पिछली मालदीव यात्रा जून 2019 में हुई थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान दोनों पक्ष औपचारिक रूप से ऐतिहासिक भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। रक्षा एवं सुरक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर भी विचार किए जाने की उम्मीद है। मई में भारत और ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थेजिससे टैरिफ से 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात को लाभ मिलने की उम्मीद है। इससे ब्रिटिश फर्मों के लिए भारत में व्हिस्कीकार और अन्य उत्पादों का निर्यात करना आसान हो जाएगा। साथ ही समग्र व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। एफटीए के साथ-साथ यूरोपीय संघ छोड़ने के बाद से ब्रिटेन द्वारा किया गया सबसे बड़ा एफटीए किए। प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों समझौतों को दोनों अर्थव्यवस्थाओं में व्यापारनिवेशविकास और रोजगार सृजन को उत्प्रेरित करने और भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया था। अधिकारियों के अनुसार तीन साल की बातचीत के बाद तय किए गए व्यापार समझौते से सभी क्षेत्रों में भारतीय वस्तुओं के लिए व्यापक बाजार पहुंच सुनिश्चित होने की उम्मीद है। भारत को लगभग 99 प्रतिशत टैरिफ लाइनों (उत्पाद श्रेणियों) पर टैरिफ उन्मूलन से लाभ होगाजो लगभग 100 प्रतिशत व्यापार मूल्यों को कवर करता है।

मोदी की इस यात्रा के दौरान दोनों पक्षों द्वारा रक्षा और सुरक्षा सहयोग का विस्तार करने के तरीकों का पता लगाने की भी उम्मीद है। दोनों पक्ष प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल (टीएसआई) के कार्यान्वयन पर भी विचार-विमर्श कर सकते हैं। पिछले साल जुलाई में दोनों देशों ने प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल को अंतिम रूप दिया थाजो दूरसंचारमहत्वपूर्ण खनिजोंअर्धचालकों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित कई प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक साहसिक नया दृष्टिकोण निर्धारित करता है।

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