देश के 47% मंत्रियों पर दर्ज हैं आपराधिक केस
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट
नई दिल्ली, 04 सितंबर (एजेंसियां)। देशभर के नेताओं पर तरह-तरह के आरोप के कई मुकदमे दर्ज हैं। यह तथ्य खुद उनके चुनाव के दौरान भरे जाने वाले हलफनामों में उल्लिखित हैं। इस आधार पर एडीआर ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार देश के करीब आधे मंत्री पर केस दर्ज हैं और इनमें से कई पर गंभीर मामले भी दर्ज हैं।
देशभर के लगभग आधे मंत्री यानी करीब 47 प्रतिशत मंत्री अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। इनमें हत्या, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर मामले भी शामिल हैं। यह खुलासा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ताजा रिपोर्ट में हुआ है। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब केंद्र सरकार ने तीन नए बिल पेश किए हैं, जिनमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री को गंभीर आपराधिक मामले में 30 दिन तक जेल में रहने पर पद से हटाने का प्रस्ताव है।
एडीआर ने 27 राज्य विधानसभाओं, तीन केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के कुल 643 मंत्रियों के हलफनामों का अध्ययन किया। इनमें से 302 मंत्री (47 प्रतिशत) आपराधिक मामलों में आरोपी हैं। 174 मंत्री गंभीर अपराधों जैसे हत्या और अपहरण के मामलों का सामना कर रहे हैं। इनमें भाजपा के 336 मंत्रियों में से 136 (40 प्रतिशत) पर आपराधिक केस दर्ज हैं। इनमें से 88 (26 प्रतिशत) पर गंभीर मामले हैं। कांग्रेस के 61 मंत्रियों में से 45 (74 प्रतिशत) पर केस, 18 (30 प्रतिशत) पर गंभीर मामले हैं। डीएमके के 31 में से 27 (87 प्रतिशत) पर केस हैं। इनमें 14 (45 प्रतिशत) पर गंभीर मामले हैं। तृणमूल कांग्रेस के 40 में से 13 (33 प्रतिशत) पर केस हैं। इनमें 8 (20 प्रतिशत) पर गंभीर मामले हैं। तेलुगु देशम पार्टी के 23 में से 22 (96 प्रतिशत) पर केस दर्ज हैं। इनमें से 13 (57 प्रतिशत) पर गंभीर मामले हैं। आम आदमी पार्टी के 16 में से 11 (69 प्रतिशत) पर केस दर्ज हैं। इनमें से 5 (31 प्रतिशत) पर गंभीर मामले हैं। एडीआर के विश्लेषण के अनुसार, 11 राज्यों में 60 प्रतिशत से ज्यादा मंत्री आपराधिक मामलों में घिरे हैं। इनमें आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, ओड़ी
इस रिपोर्ट में मंत्रियों की सम्पत्ति का भी विश्लेषण किया गया, जिसमें मंत्रियों की औसत सम्पत्ति 37.21 करोड़ रुपए है। वहीं कुल 643 मंत्रियों की सम्पत्ति का आंकड़ा 23,929 करोड़ रुपए है। जबकि 11 विधानसभाओं में अरबपति मंत्री भी मौजूद हैं। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि किस राज्य में कितने मंत्री अरबपति हैं, इस सूची में कर्नाटक में सबसे ज्यादा आठ मंत्री अरबपति हैं, जबकि इसके पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में कुछ छह मंत्री अरबपति हैं। महाराष्ट्र में कुल चार मंत्री अरबपति हैं। वहीं केंद्र सरकार में छह अरबपति मंत्री (8%) शामिल हैं।
आंध्र प्रदेश में मंत्री और टीडीपी नेता डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी 5,705 करोड़ रुपए से ज्यादा की सम्पत्ति के मालिक हैं, कर्नाटक के डिप्टी सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार की सम्पत्ति 1,413 करोड़ रुपए की है। वहीं आंध्र प्रदेश के सीएम और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की सम्पत्ति 931 करोड़ रुपए है। अन्य धनवान मंत्रियों में आंध्र प्रदेश से आने वाले नारायण पोंगुरु और नारा लोकेश, तेलंगाना के गद्दम विवेकानंद, पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, कर्नाटक के सुरेशा बीएस, महाराष्ट्र से मंगल प्रभात लोढ़ा और मध्य प्रदेश से आने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हैं।
सबसे गरीब मंत्रियों में सबसे पहला नाम इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के नेता और त्रिपुरा के मंत्री सुक्ला चरण नोत्या हैं, जिनकी सम्पत्ति मात्र 2 लाख रुपए की है। वहीं दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल के मंत्री और टीएमसी नेता बीरबाहा हांसदा हैं, जिनकी सम्पत्ति 3 लाख रुपए से थोड़ी अधिक हैं। एडीआर ने रिपोर्ट में कहा कि यह आंकड़े चुनाव के समय दाखिल किए गए हलफनामों पर आधारित हैं और समय के साथ इन मामलों की स्थिति में बदलाव संभव है।
#भारतीयराजनीति, #आपराधिककेस, #भारतकेमंत्री, #लोकतंत्र, #भ्रष्टाचार, #चुनावसुधार, #राजनीतिकपारदर्शिता, #आपराधिकराजनीति, #गवर्नेंस, #लोकसभा