स्कूल-कॉलेज के परिसरों में मेला-प्रदर्शनी पूरी तरह बैन

 इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

 स्कूल-कॉलेज के परिसरों में मेला-प्रदर्शनी पूरी तरह बैन

शिक्षा परिसर सिर्फ शिक्षा के लिए हैं हाईकोर्ट

प्रयागराज, 30 अक्टूबर (एजेंसियां)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि उत्तर प्रदेश के स्कूल-कॉलेजों को किसी भी व्यापार के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। ये जगहें सिर्फ शिक्षा देने के लिए हैंन कि बिजनेस करने के लिए। हाईकोर्ट ने पूरे राज्य में स्कूल-कॉलेज के अंदर किसी भी तरह के व्यापारिक आयोजन जैसे मेलाप्रदर्शनीट्रेड फेयर या सामान बेचने पर पूरी तरह बैन लगा दिया।

हाईकोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया। याचिका में हमीरपुर जिले के राठ में ब्रह्मानंद डिग्री कॉलेज के मैदान में इस साल एक व्यापारिक मेला लगाने को चुनौती दी गई थी। मामला चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र की बेंच ने सुना। हाईकोर्ट ने साफ-साफ कहा कि स्कूल-कॉलेज की जमीनइमारतें और खेल के मैदान सिर्फ पढ़ाई या उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए हैं। शिक्षा संस्थान सिर्फ शिक्षा देने के लिए हैं। इनकी जमीन-इमारतों पर कोई व्यापारिक काम नहीं हो सकताचाहे वो प्रदर्शनी होमेला हो या सामान बेचना हो। न्यायाधीशों ने कहा कि स्कूल-कॉलेज की सुविधाएं सिर्फ पढ़ाईखेलकूदसांस्कृतिक कार्यक्रम या स्कूल खुद आयोजित करेतभी इस्तेमाल की जा सकेंगी।

ब्रह्मानंद डिग्री कॉलेज में जनवरी से मार्च 2025 तक स्वामी ब्रह्मानंद मेला महोत्सव नाम का व्यापारिक मेला लगा था। मेला कॉलेज के प्रिंसिपल की इजाजत से लगा थाजो पहले के हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन था। प्रिंसिपल की ओर से कहा गया कि मेला मार्च 2025 में खत्म हो चुका हैइसलिए याचिका बेकार हो गई। लेकिन हाईकोर्ट ने यह दलील ठुकरा दी। हाईकोर्ट ने कहाये पूरे राज्य के शिक्षा संस्थानों से जुड़ा बड़ा मुद्दा है। हाईकोर्ट ने राठ के एसडीएम से पूछा कि मेला की इजाजत कैसे दीएसडीएम ने कहा कि उसे हाईकोर्ट के पुराने आदेश की जानकारी नहीं थी।

हाईकोर्ट ने बताया कि 2020 में भी एक जज ने साफ कहा था कि स्कूल-कॉलेज की सम्पत्ति निजी या व्यापारिक काम के लिए नहीं दी जा सकती। वो आदेश चीफ सेक्रेटरी और शिक्षा सचिव को भेजा गया था। सभी डीएम को कहा गया था कि शादी-ब्याह या व्यापारिक आयोजन स्कूल में नहीं होंगे। हाईकोर्ट की बेंच ने कहाहमें कई याचिकाएं मिल रही हैं। कहीं रिकॉर्ड में इजाजत नहींकहीं अफसर चिट्ठी लिख देते हैं। जजों ने कहा कि कोई कानून स्कूल-कॉलेज की संपत्ति को व्यापार के लिए इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देता। सुनवाई में भी कोई ऐसा कानून नहीं बताया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को एक महीने में साफ-साफ सर्कुलर जारी करने को कहा। इसमें सभी डीएमपुलिस और शिक्षा अफसरों को आदेश देना होगा कि शिक्षा संस्थानों में कोई व्यापारिक काम नहीं होगा।

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