प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा माध्यम में होनी चाहिए: मुख्यमंत्री सिद्धरामैया

70वें कन्नड़ राज्योत्सव का उद्घाटन

प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा माध्यम में होनी चाहिए: मुख्यमंत्री सिद्धरामैया

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कर्नाटक के साथ केंद्र सरकार के लगातार अन्याय पर अलग और परोक्ष हमला करने वाले मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने इस बात की पुरजोर वकालत की है कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा माध्यम में होनी चाहिए| शहर के कांतिरवा स्टेडियम में 70वें कन्नड़ राज्योत्सव का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि देश केवल सड़कों, पुलों, बिजली, ट्रेनों, विमानों और अच्छी तरह से सुसज्जित इमारतों के बारे में नहीं है, बल्कि देश के बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में भी है|

उन्होंने कहा कि बच्चों को विदेशी भाषा, संस्कृति, जाति, धर्म और अन्य मतभेदों को सहनशीलता से देखना सिखाया जाना चाहिए| दुनिया की किसी भी भाषा जैसा संकट कन्नड़ पर नहीं आया| शिक्षा में कन्नड़ भाषा की उपेक्षा से समस्या बढ़ी है| उन्नत भाषाओं के बच्चे अपनी मातृभाषा में सोच रहे हैं और सीख रहे हैं| हमारी स्थिति विपरीत है| बच्चे हिंदी और अंग्रेजी में सीख रहे हैं| यह हमारे बच्चों की प्रतिभा को कमजोर कर रहा है| इसलिए मातृभाषा में शिक्षा लागू करने के लिए उचित कानून लाया जाना चाहिए और केंद्र सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए| उन्होंने कहा कि ऐसे विचारों को पढ़ाना बहुत जरूरी है जो दुनिया के प्रमुख देशों में चल रही खोजों के अनुरूप हों|

सिद्धरामैया ने कहा कि केंद्र को कर्नाटक से 4.5 लाख करोड़ से ज्यादा की टैक्स दी जा रही है| उन्होंने शिकायत की कि सिर्फ खुले पैसे देकर हजारों करोड़ रुपये की ठगी की जा रही है| अनुदान केवल हिन्दी एवं संस्कृत भाषा के विकास के लिए दिया जा रहा है| कन्नड़ सहित अन्य स्थानीय भाषाओं की उपेक्षा की जा रही है| राज्य के विकास की पूरक योजनाएं नहीं देकर वे धोखा दे रहे हैं| कन्नड़ शास्त्रीय भाषा को जो अनुदान मिलना चाहिए वह न देकर अन्याय किया जा रहा है| उन्होंने आह्वान किया कि इस कन्नड़ विरोधी नीति का विरोध किया जाना चाहिए| केंद्र सरकार के सौतेले रवैये की स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिए| 15वें वित्त आयोग के साथ विश्वासघात के कारण पिछले 5 वर्षों में राज्य को 70 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है| 15वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित अनुदान का वितरण नहीं होने और परियोजनाओं की विफलता के कारण राज्य को कुल 1 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिससे राज्य सरकार संघर्ष कर रही है| समुदाय से भी गंभीरता से पूछताछ होनी चाहिए| हाल ही में मजबूत संघीय व्यवस्था को तोड़ने और राज्यों की शक्तियों को कम करने की नव-उदारवादी भावना सामने आई है|

उन्होंने चिंता व्यक्त की कि अगर हमने पूरे देश में केंद्र के खिलाफ विरोध नहीं किया तो हमारा फायदा उठाया जा सकता है| सांप्रदायिक ताकतें राजनीतिक कारणों से राज्य की सौहार्दपूर्ण विरासत में लगातार जहर घोल रही हैं| वे हिटलर के जर्मनी, मुसोलिनी के इटली, ट्रैंकोस के स्पेन के मॉडल पर भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं| सभी धर्मों में कट्टरपंथी होते हैं| युवाओं को इसका शिकार नहीं होना चाहिए| तर्कसंगत सोच का चरित्र विकसित किया जाना चाहिए| कृत्रिम बुद्धिमत्ता दुनिया पर कब्जा कर रही है| इससे नौकरी जाने का डर रहता है| नई चुनौती से निपटने के लिए भाषा को अपनाना होगा| इसके लिए तकनीशियनों और विद्वानों को मिलकर काम करना चाहिए|

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उन्होंने कहा कि वह कन्नड़ भाषा और विरासत को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति बनाएंगे| आइए नई पीढ़ी के बच्चों में भाषा के प्रति प्रेम पैदा करें और अपनी चुनौतियों को अवसरों में बदलें| अगर युवा पीढ़ी खड़ी हो जाए तो कन्नड़ और कर्नाटक को विकसित देशों के स्तर पर ले जाना होगा| उनकी सरकार लोगों के बीच भाषा और संस्कृति की सराहना बढ़ाने के लिए कार्यक्रम आयोजित कर रही है| व्यावसायिक नेमप्लेट में 60 प्रतिशत कन्नड़ अनिवार्य कर दी गई है और कन्नड़ अभियान चलाया गया है| उन्होंने बताया कि विधान सौधा के पास भुवनेश्वरी की एक प्रतिमा स्थापित की गई है|
भाषा हमारी गौरवपूर्ण विरासत और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का रूप है| कन्नड़ का इतिहास कई वर्ष पुराना है| महाकाव्य महाभारत में कन्नड़ का उल्लेख दक्षिण भारत के शिल्प काव्यों में मिलता है| कन्नड़ का शाही प्रभाव पूरे भारत में फैल गया, बंगाल के सेन राजवंश और बिहार के यदा ने कन्नड़ वंश का होने का दावा किया|

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एकीकरण के आन्दोलन में अनेक सरदारों ने अपने प्राणों की आहुति दी| उन्होंने कहा कि देश की शांति के लिए गोकक आंदोलन चलाना जरूरी है| आदिकवि पम्पा से लेकर अब तक कन्नड़ को एक भाषा के रूप में अपना अलग दर्जा प्राप्त है| हमारे बुजुर्गों ने पाया कि अनेक भाषाएँ, अनेक धर्म, अनेक संस्कृतियाँ, अनेक जातियाँ एक साथ रहती हैं| हमने प्रारंभ से ही एकता के साथ देश का निर्माण और पोषण किया है| उन्होंने कहा कि हमें कन्नड़ भाषा और संस्कृति को ऊंचे स्तर पर ले जाना है|

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-65 हजार करोड़ का अनुदान


शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिए 65 हजार करोड़ का अनुदान दिया गया है| आवासीय विद्यालयों में 8.36 लाख बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है| हम जहां आवश्यक हो वहां आवासीय विद्यालय और छात्रावास शुरू कर रहे हैं| राज्य में 3,000 सदी पुराने सरकारी स्कूल हैं, जिनका जीर्णोद्धार किया जाएगा| 800 सरकारी स्कूलों को पब्लिक स्कूलों में अपग्रेड किया जा रहा है| कन्नड़ 180 मदरसों में पढ़ाई जा रही है और इसे 1,500 मदरसों तक विस्तारित किया जा रहा है| उन्होंने बताया कि 800 प्री-डिग्री लेक्चरर समेत 18 हजार नये शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी कर दी गयी है| प्रोफेसर सुखदेव भोराट की अध्यक्षता में गठित राज्य शिक्षा नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट दे दी है और इस पर गंभीरता से विचार कर लागू किया जायेगा|

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