बेंगलूरु शहर में और अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे: डीके शिवकुमार
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने चेतावनी दी है कि यदि आप सड़क के किनारे कचरा फेंकते हैं, तो यह आपके घर में वापस आ जाएगा| विधान सौधा के पास भुवनेश्वरी प्रतिमा के पास मीडिया से बातचीत में शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर की समस्या को लेकर हो रही आलोचना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पहले ही काफी सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं| इसके चलते जगह-जगह कूड़ा फेंकने वालों की पहचान की जा रही है और उन्हीं के घर के सामने कूड़ा फेंककर काम चलाया जा रहा है| गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माना लगाने का भी काम चल रहा है| उन्होंने कहा कि अब तक लाखों रुपये जुर्माना वसूला जा चुका है|
मैं शुक्रवार को मुंबई के लिए रवाना हुआ| वहां भी कोने-कोने में कूड़े के ढेर लगे हुए थे| हो सकता है ये कहीं और गिरा हो| लोग अपने पास मौजूद अवसर का दुरुपयोग कर रहे हैं| जहां-तहां कूड़ा फेंकना बंद किया जाए| उन्होंने कहा कि स्वच्छ बेंगलूरु के लिए लोगों को और अधिक सहयोग करना चाहिए| ऐसी जानकारी है कि जिन लोगों ने मुंबई शहर की प्रमुख सड़कों का काम और रखरखाव किया है, उन्हें उन सड़कों के किनारे कचरा निपटान की जिम्मेदारी दी गई है| उन्होंने कहा कि इस मॉडल को बेंगलूरु में भी लागू करने पर चर्चा और विचार किया जा रहा है| कूड़ेदान रखें और घरेलू कूड़ा-कचरा उनमें एकत्र करें| मेरा अनुरोध है कि इन्हें कचरा संग्रहण वाहनों को अनिवार्य रूप से दिया जाए| उन्होंने कहा, हमारे अधिकारी शुक्रवार देर रात तक मुझे कूड़ा निस्तारण समेत इस बारे में जानकारी दे रहे थे| जब उनसे पूछा गया कि नागरिकों का यह आरोप है कि कूड़ा उठाने की समुचित व्यवस्था नहीं है, तो उन्होंने कहा यह सब झूठ है|
आए दिन घरों से कूड़ा उठाने का काम चल रहा है| यदि कोई समस्या हो तो बताए गए टेलीफोन नंबर पर शिकायत करें| हमने पूरे देश में सबसे अच्छी व्यवस्था बनाई है| यदि आपको कहीं भी कूड़ा-कचरा या सड़क जाम दिखाई दे तो हमने आपको उसकी फोटो और स्थान भेजने का अवसर दिया है| मीडिया आए दिन कोई न कोई रोड़ा अटकाता रहता है| चाहे आप कितनी भी मेहनत कर लें, रुकावटें तो आएंगी ही| वाहनों के इकट्ठा होने पर सड़क जाम हो जाती है| इसलिए हम इस समस्या के समाधान के लिए कुछ प्रयास कर रहे हैं| हैदराबाद और अन्य स्थानों में डामर सड़क तकनीक का उपयोग करके सड़क निर्माण किया जा रहा है जो कम से कम दस वर्षों तक चलती है| इस पर चर्चा हो रही है|

