नई दिल्ली / इस्लामाबाद, 13 नवंबर (एजेंसियां)। लाल किले के पास हुए धमाके ने पूरे देश को झकझोर दिया है। यह सिर्फ दिल्ली का विस्फोट नहीं, बल्कि भारत के दिल पर सीधा हमला था। शुरुआती जांच में साफ संकेत मिले हैं कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है। जैसे ही यह खुलासा सामने आया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खामोशी ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया — क्योंकि मोदी की खामोशी अक्सर किसी बड़े एक्शन का संकेत होती है।दिल्ली धमाके के बाद मोदी सरकार की हर गतिविधि दर्शाती है कि भारत अब “आतंकवाद से बातचीत नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई” के मोड में है। पाकिस्तान में घबराहट और अंतरराष्ट्रीय समर्थन से यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में कुछ बड़ा घटित हो सकता है। भारत के लिए यह समय है — चुप रहकर योजना बनाना और वक्त आने पर शत्रु को ऐसा जवाब देना जो दशकों तक याद रहे।
🔥 भूटान से लौटकर सीधे एक्शन मोड में मोदी
प्रधानमंत्री मोदी भूटान दौरे से लौटते ही एक पल की देरी किए बिना सीधे अस्पताल पहुंचे, जहां दिल्ली धमाके में घायल हुए नागरिकों का हालचाल लिया। उन्होंने घायलों को हौसला दिया, डॉक्टरों से रिपोर्ट ली और तुरंत उसके बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक बुलाई।
इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, और एनएसए अजीत डोभाल मौजूद रहे।
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में “ऑपरेशन सिंदूर” की समीक्षा की गई — जो आतंक के ठिकानों पर भारत की सटीक और गुप्त कार्रवाई की रणनीति का हिस्सा है।
एक अधिकारी ने बताया — “प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि अब कोई भी हमला बिना जवाब के नहीं जाएगा। हर बार की तरह इस बार भी सर्जिकल नहीं, स्ट्रैटेजिक एक्शन होगा।”
💥 ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का अगला चरण शुरू?
सूत्रों का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, बल्कि उसका दूसरा चरण अब सक्रिय किया जा सकता है।
इस ऑपरेशन के तहत सेना और वायुसेना के बीच समन्वय कर आतंकी ठिकानों पर “मल्टी-लेवल टारगेट स्ट्राइक” की योजना पर चर्चा हो रही है।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह कार्रवाई “कम बोलो, ज़्यादा करो” की नीति पर आधारित होगी।
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है और उत्तर भारत की कई अग्रिम पोस्टों पर तैनाती बढ़ाई गई है।
अगर पाकिस्तान से कोई उकसावे की कोशिश होती है, तो “ब्रह्मोस” सबसे पहले जवाब देगा।
⚔️ पाकिस्तान में बुलाई गई हाई लेवल मीटिंग
भारतीय बयान और संभावित जवाबी कार्रवाई की आशंका से इस्लामाबाद में हड़कंप मच गया है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, गृह मंत्री मोहसिन नकवी, कानून मंत्री आजम नजीर तरार, और पूर्व पीएम यूसुफ रज़ा गिलानी सहित शीर्ष कैबिनेट मंत्रियों के साथ आपात बैठक बुलाई।
बैठक में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी —
“हम आर्थिक रूप से पहले ही कमजोर हैं। भारत के साथ युद्ध की स्थिति हमें तोड़ देगी।”
वहीं स्वास्थ्य मंत्री सैयद मुस्तफा कमाल ने कहा कि “मई में शुरू हुआ भारत-पाक तनाव अभी खत्म नहीं हुआ था, अब दिल्ली धमाके ने स्थिति को और विस्फोटक बना दिया है।”
🧠 खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट — ‘डायरेक्ट लिंक पाकिस्तान से’
भारत की खुफिया एजेंसियों ने प्रारंभिक रिपोर्ट में पुष्टि की है कि दिल्ली धमाके में इस्तेमाल हुआ RDX पाकिस्तान के बहरीन शिपमेंट चैनल से भारत लाया गया।
जांच में यह भी सामने आया है कि हमले के पहले दो सप्ताह तक संदिग्धों की बातचीत रावलपिंडी और कराची के बीच एन्क्रिप्टेड नेटवर्क पर होती रही।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम इस हमले की अंतरराष्ट्रीय साजिश की जांच कर रही है, और सूत्रों के अनुसार दो आतंकी हैंडलरों की पहचान कर ली गई है जो पाकिस्तान की जमीन से काम कर रहे हैं।
🚨 भारत के सख्त तेवर — मोदी की ‘मौन रणनीति’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में भले ही सीधे पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका हर शब्द पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दे गया —
“जिसने भी इस हमले की योजना बनाई है, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। भारत आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा।”
यह वही रणनीति है जिसे विशेषज्ञ “Modi Doctrine of Silent Retaliation” कहते हैं — पहले जांच, फिर जवाब, और वह भी इतनी तेजी से कि विरोधी को समझने का मौका ही न मिले।
🛰️ सीमा पर गतिविधि तेज, सेना हाई अलर्ट पर
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, जम्मू, पठानकोट, श्रीनगर और राजस्थान सेक्टर में सेना की निगरानी बढ़ा दी गई है।
IAF (भारतीय वायुसेना) ने अपनी निगरानी प्रणाली AWACS और Heron ड्रोन सक्रिय कर दिए हैं।
साथ ही, नौसेना ने अरब सागर में अपने दो फ्रिगेट्स को तैयार स्थिति में रखा है ताकि किसी भी संभावित हमले या घुसपैठ का तुरंत जवाब दिया जा सके।
🧩 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया — ‘भारत के साथ खड़ा है विश्व’
अमेरिका, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने दिल्ली धमाके की निंदा की है और भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने बयान जारी कर कहा — “भारत को अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का अधिकार है।”
वहीं चीन ने “संयम बरतने” की अपील की है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि वैश्विक मंच पर भारत को व्यापक समर्थन प्राप्त है।
⚡ जनता का मूड — ‘इस बार आर-पार’
सोशल मीडिया पर “#BrahMosReady” और “#ModiKaJawab” जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
लोगों का मूड साफ है — इस बार केवल निंदा नहीं, निर्णायक कार्रवाई चाहिए।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत अब “कूटनीतिक चुप्पी” नहीं, बल्कि “रणनीतिक प्रतिशोध” की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
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