बीजेपी–टीएमसी आमने-सामने, BLO की मौतों पर बढ़ी चिंता
कोलकाता में SIR को लेकर सियासी टकराव तेज
कोलकाता, 25 नवम्बर,(एजेंसियां)। कोलकाता में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) को लेकर राजनीतिक तनाव चरम पर है। सोमवार देर रात चुनाव आयोग के मुख्यालय के बाहर बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए, जिसके बाद पुलिस को बैरिकेड लगाकर स्थिति नियंत्रित करनी पड़ी। SIR प्रक्रिया को लेकर दोनों दल एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं, जबकि इस बीच BLOs की मौतों और बढ़ते कार्यभार ने पूरे विवाद को और तीखा कर दिया है।
पश्चिम बंगाल में SIR प्रक्रिया तेजी से चल रही है, जिसके चलते बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी चुनाव कार्यालय के बाहर इकट्ठा हो गए। बीजेपी उत्तर कोलकाता जिला अध्यक्ष तमोघ्न घोष ने आरोप लगाया कि टीएमसी के लोग “रात में कार्यालय पहुंचकर संशोधन प्रक्रिया से छेड़छाड़ करने की कोशिश” कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि “ये BLO नहीं बल्कि गुंडे थे और आधी रात को गड़बड़ी करने आए थे।” घोष ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर “संदिग्ध गतिविधि” को रोका।
दूसरी ओर टीएमसी ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। पार्टी नेताओं का कहना है कि आयोग ने बिना योजना के SIR की प्रक्रिया तेज कर दी है, जिससे BLOs पर असामान्य दबाव बढ़ा है। टीएमसी का आरोप है कि “जल्दबाज़ी में तैयार की गई प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ करना है।”
विवाद के बीच BLOs की बढ़ती समस्याएँ चर्चा का मुख्य विषय बन गई हैं। रिपोर्टों के अनुसार, 4 नवंबर से शुरू गिनती कार्य के बाद से कम-से-कम तीन BLOs की मौत हुई है—दो आत्महत्या और एक संदिग्ध परिस्थिति में। कई BLOs बीमार पड़ गए हैं और अत्यधिक दबाव के चलते अस्पताल में भर्ती भी हुए हैं। BLO संगठनों ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने दो साल में होने वाली प्रक्रिया को दो महीनों में समेटने का दबाव बनाया है, जिससे कर्मचारियों पर मानसिक और शारीरिक तनाव बढ़ गया है।
मुर्शिदाबाद से आए एक शिक्षक ने दावा किया कि SIR की रफ्तार “असामान्य रूप से तेज़” है और यह “वैसी ही कार्रवाई की शुरुआत हो सकती है जैसी बिहार में बड़े पैमाने पर नाम हटाने के दौरान देखने को मिली थी।” उन्होंने चेतावनी दी कि “यदि परिस्थितियाँ न सुधरीं तो हजारों BLO ड्यूटी छोड़ने को मजबूर होंगे।”
इस पूरे घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि “SIR जल्दबाज़ी में और बिना पर्याप्त प्रबंध के चलाया जा रहा है,” जिससे BLOs पर भारी दबाव है और यह स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने आयोग से प्रक्रिया को धीमा करने और कर्मचारियों को राहत देने की मांग की।
इसी बीच, पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने BLOs की कठिनाइयों को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि BLOs “बहुत कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे हैं और उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है।” अग्रवाल ने जिला प्रशासन को BLOs को स्वास्थ्य, सुरक्षा और राहत उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मौतों के मामलों में पुलिस और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी तलब की है।
हालात को देखते हैं, कोलकाता में SIR प्रक्रिया केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि बड़े राजनीतिक संघर्ष का केंद्र बन चुकी है।

