कांग्रेस दलित वोट खोने के डर से ही अम्बेडकर को याद करती है: भाजपा
मैसूरु, 25 नवंबर (एजेंसियां)। कर्नाटक विधान परिषद में विपक्ष के नेता और भाजपा के वरिष्ठ नेता चलवाडी नारायणस्वामी ने कांग्रेस पर भीमराव अम्बेडकर के नाम का राजनीतिक उपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि पुरानी पार्टी केवल दलित वोट खोने के डर से ही संविधान निर्माता को याद करती है, जबकि उनके आदर्शों का पालन करने में असफल रही है।
मैसूरु में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नारायणस्वामी ने कहा कि आज कांग्रेस अम्बेडकर का नाम लेती है, लेकिन इतिहास गवाह है कि कांग्रेस ने ही उन्हें उनके पहले चुनाव में हराया था। उन्होंने कहा कि उस समय आहत होकर डॉ. अम्बेडकर ने कांग्रेस को “जलता हुआ घर” बताया था और कहा था कि उसमें प्रवेश करने वाले का कोई भविष्य नहीं होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि आज यह कथन पूरी तरह सही साबित हो रहा है क्योंकि कांग्रेस पूरे देश में एक “डूबते जहाज” में बदल गई है और इंडिया गठबंधन में उसके सहयोगी भी उसके नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस वर्षों तक अपने कार्यालयों में अम्बेडकर की तस्वीर तक नहीं रखती थी और केवल राजनीतिक लाभ के लिए आज उनका स्मरण करती है। उन्होंने कहा कि दलित समाज का भरोसा टूटने के डर से कांग्रेस बार-बार अम्बेडकर का नाम लेती है, लेकिन यह सम्मान केवल दिखावा है।
नारायणस्वामी ने संविधान पर खतरे के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने संविधान को सबसे अधिक मजबूत किया है। उन्होंने तीखा सवाल उठाते हुए कहा कि 1975 में संविधान को किसने निलंबित किया था—भाजपा ने या इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने? उन्होंने कहा कि आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस आज संविधान की रक्षा पर उपदेश दे रही है, जो विडम्बनापूर्ण है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने अम्बेडकर की विरासत के सम्मान के लिए ठोस कदम उठाए हैं। भाजपा सरकार ने बाबासाहेब से जुड़े पाँच पवित्र स्थलों को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा दिया है और संविधान दिवस की परंपरा भी भाजपा ने ही शुरू की। उन्होंने बताया कि पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर 26 नवंबर से 6 दिसंबर तक कर्नाटक भर में संविधान दिवस और अम्बेडकर स्मरण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
राष्ट्रीय सम्मानों को लेकर उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस की ‘भारत रत्न संस्कृति’ जगज़ाहिर है। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को भारत रत्न मिल चुका है, और अगर कांग्रेस आज भी सत्ता में होती तो संभवतः सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को भी यह सम्मान दे देती।

