कर्नाटक में सत्ता संघर्ष तेज: डीके शिवकुमार के ‘शब्द शक्ति’ संदेश ने सिद्धारमैया की कुर्सी को घेरा
कांग्रेस का नैतिक संकट गहराया
पटना, 27 नवम्बर (एजेंसियां)।कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद परिवर्तन की अफवाहों के बीच राजनीतिक तापमान अचानक बढ़ गया है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के ताज़ा बयान ने सत्ता संघर्ष को और हवा दे दी है। शिवकुमार ने देर रात सतीश जारकिहोली से हुई बैठक के बाद सोशल मीडिया पर लिखा—“शब्द शक्ति विश्व शक्ति है… दुनिया में सबसे बड़ी ताकत अपने शब्द पर कायम रहना है”, जिसे राजनीतिक गलियारों में सिद्धारमैया को संदेश माना जा रहा है।
सूत्र बताते हैं कि यह “संदेश” 2023 में दिल्ली में बने उस अनलिखित समझौते की याद दिलाने की कोशिश है, जिसके तहत मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को कार्यकाल के मध्य में पद छोड़ना था। बताया जा रहा है कि शिवकुमार ने जारकिहोली से इस कथित समझौते को सिद्धारमैया तक पहुँचाने में सहयोग मांगा।
हालाँकि शिवकुमार इसे “सामान्य बैठक” बताते रहे, लेकिन उनके शब्दों ने कांग्रेस के भीतर बढ़ते सत्ता संघर्ष को साफ उजागर कर दिया है।
इस बीच कांग्रेस हाईकमान ने इस विवाद पर तुरंत गंभीरता दिखाते हुए नई दिल्ली में बैठक बुला ली है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी से परामर्श के बाद ही अंतिम निर्णय होगा। सूत्रों के अनुसार शिवकुमार और सिद्धारमैया 29 या 30 नवम्बर को हाईकमान से मुलाकात कर सकते हैं।
शिवकुमार ने साफ कहा कि मुख्यमंत्री पद का निर्णय हाईकमान करेगा, लेकिन उनकी पोस्ट का तेवर बताता है कि कर्नाटक कांग्रेस के भीतर खींचतान चरम पर है। सत्ता परिवर्तन के संकेतों और सियासी नुकीले शब्दों ने राज्य की राजनीति में अस्थिरता और कांग्रेस की नैतिक कमजोरी दोनों को उजागर कर दिया है।

