फांसी के बाद अब 21 साल कैद!
बांग्लादेश की पूर्व PM शेख हसीना पर दूसरी बड़ी कार्रवाई
—क्या भारत करेगा प्रत्यर्पण?
पटना, 27 नवम्बर, (एजेंसियां)। बांग्लादेश की सियासत में भूचाल ला देने वाले एक और बड़े फैसले में ढाका की विशेष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भ्रष्टाचार के तीन मामलों में 21 वर्ष की कैद की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश-5 मोहम्मद अब्दुल्ला अल मामून ने उन्हें पुरबाचल इलाके में अवैध सरकारी प्लॉट आवंटन के मामलों में दोषी ठहराया। ये वही हसीना हैं जिन्हें बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने जुलाई 2024 के सरकार-विरोधी प्रदर्शनों को दबाने के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए पहले ही मृत्युदंड सुनाया है।
भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (ACC) ने जनवरी में शेख हसीना और उनके परिवार पर कुल छह मामले दर्ज किए थे। इनमें से तीन मामलों का फैसला आ चुका है, जबकि शेष तीन पर निर्णय 1 दिसंबर को सुनाया जाएगा।
अदालत ने हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय को भी पाँच साल कैद और 1 लाख टका का जुर्माना लगाया है, जबकि उनकी बेटी साइमा वाजेद पुतुल को भी पाँच साल की सजा सुनाई गई है। हसीना परिवार इन मामलों में फरार रहा और अदालत में उनका कोई वकील मौजूद नहीं था। हालांकि, हसीना ने विभिन्न भाषणों में खुद को निर्दोष बताते हुए आरोपों से इनकार किया था।
इस बीच, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत को औपचारिक तौर पर शेख हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध भेजा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में पुष्टि की कि नई दिल्ली को यह पत्र मिल चुका है और भारत इसे अपनी न्यायिक और आंतरिक कानूनी प्रक्रियाओं के तहत जांच रहा है।
जायसवाल ने कहा कि भारत बांग्लादेश में शांति, लोकतंत्र और स्थिरता को प्रभावित न होने देने के लिए सभी हितधारक देशों से संवाद जारी रखेगा।

