डीके शिवकुमार का आमंत्रण, सिद्धारमैया की हामी और सीएम पद की दौड़ में नई हलचल

कर्नाटक की राजनीति में ‘नाश्ते की डिप्लोमेसी’

डीके शिवकुमार का आमंत्रण, सिद्धारमैया की हामी और सीएम पद की दौड़ में नई हलचल

नई दिल्ली, 1 दिसम्बर,(एजेंसियां)। कर्नाटक में सत्ता संतुलन को लेकर लंबे समय से चल रही राजनीतिक रस्साकशी के बीच सोमवार का नाश्ता बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को अपने आवास पर नाश्ते का निमंत्रण दिया, जिसे दोनों नेताओं के बीच जारी खींचतान को कम करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब कांग्रेस के भीतर सत्ता-साझाकरण समझौते को लेकर विवाद एक बार फिर तीखा हो गया है।

शिवकुमार के कार्यालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, यह बैठक मंगलवार सुबह उनके आवास पर आयोजित की जाएगी। यह मुलाकात उस हाई-प्रोफाइल बैठक के कुछ ही दिनों बाद हो रही है, जो शनिवार को सिद्धारमैया के कावेरी स्थित आवास पर हुई थी। उस बैठक को शिवकुमार ने “कर्नाटक की प्राथमिकताओं और आगे की राह पर सार्थक चर्चा” बताया था, लेकिन इसे कांग्रेस नेतृत्व में बढ़ती आंतरिक तनातनी को शांत करने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है।


सीएम पद की दौड़: खींचतान का असली कारण

2023 के सत्ता-साझाकरण फॉर्मूले के अनुसार, सरकार के शेष ढाई वर्षों के लिए डीके शिवकुमार के समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। इसी मुद्दे ने कांग्रेस सरकार के भीतर राजनीतिक विभाजन को हवा दी है। इसी असहमति ने दोनों नेताओं को बार-बार आमने-सामने आने पर मजबूर किया, ताकि सरकार किसी बड़े संकट से बच सके।

शनिवार की नाश्ते वाली बैठक के बाद शिवकुमार ने एक्स पर पोस्ट किया—
“आज सुबह कावेरी निवास पर माननीय मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से नाश्ते पर मुलाकात की। कर्नाटक की प्राथमिकताओं और आगे की राह पर एक उपयोगी चर्चा हुई।”

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इस बैठक में सिद्धारमैया के कानूनी सलाहकार एएस पोन्नन्ना भी मौजूद रहे, जिनकी उपस्थिति इस राजनीतिक उलझन को सुलझाने की गंभीर कोशिश का संकेत देती है।

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बताया जा रहा है कि शिवकुमार जल्द ही दिल्ली जाएंगे और कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात करेंगे। यह मुलाकात उनके भविष्य की भूमिका को लेकर काफी अहम मानी जा रही है।

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‘पार्टी एक है’—सिद्धारमैया का स्पष्ट संदेश

नाश्ते के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सभी अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि दोनों नेता पार्टी के हर निर्णय का पालन करने पर सहमत हैं और “किसी भी भ्रम” को खत्म किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा—
“हमने तय किया है कि आलाकमान जो भी कहेगा, हम उसका पालन करेंगे। अभी कोई भ्रम नहीं है, कुछ मीडिया रिपोर्टों ने भ्रम पैदा किया है।”

उन्होंने बताया कि कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल के अनुरोध पर यह मुलाकात हुई थी। बैठक का मुख्य फोकस 2028 विधानसभा चुनाव, आगामी स्थानीय निकाय चुनाव और रणनीतिक प्राथमिकताओं पर रहा।

इडली-सांभर और उपमा के एक घंटे चले इस नाश्ते में दोनों नेताओं ने न सिर्फ राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की, बल्कि एकजुटता का संदेश भी दिया—यानी कोई बड़ा संकट फिलहाल टलता दिखाई दे रहा है।


कर्नाटक कांग्रेस में आगे क्या?

हालांकि सिद्धारमैया ने साफ संकेत दिया है कि उनके रुख में कोई बदलाव नहीं है, लेकिन शिवकुमार की दिल्ली यात्रा और आलाकमान की भूमिका आने वाले दिनों में राजनीतिक समीकरणों को बदल सकती है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह नाश्ता केवल एक प्रतीकात्मक कदम नहीं, बल्कि सत्ता संतुलन की बड़ी रणनीति का हिस्सा है। कांग्रेस नेतृत्व किसी खुली विद्रोह स्थिति से बचना चाहता है, और दोनों नेताओं को साथ रखना पार्टी के लिए अनिवार्य है।