जल्द तय होगा भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष! खरमास के बाद तेज़ होगी प्रक्रिया

केशव मौर्य, धर्मेंद्र प्रधान और शिवराज सिंह दौड़ में आगे

जल्द तय होगा भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष! खरमास के बाद तेज़ होगी प्रक्रिया

नई दिल्ली, 1 दिसम्बर,(एजेंसियां)। भारतीय जनता पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रही अटकलें अब तेज़ हो गई हैं। पार्टी को जल्द ही नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। मौजूदा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा, जिन्हें 2024 लोकसभा चुनाव तक कार्यकाल विस्तार दिया गया था, अब अपने विस्तारित कार्यकाल के अंतिम चरण में हैं। भाजपा और आरएसएस के उच्च स्तर पर मंथन तेज़ है, और संकेत मिल रहे हैं कि जनवरी 2026 तक नए अध्यक्ष का चयन किया जा सकता है। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद संगठनात्मक बदलावों को लेकर समीकरण और भी दिलचस्प हो गए हैं।

सूत्रों ने बताया कि भाजपा और संघ नेतृत्व के बीच हाल ही में मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुई अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर गंभीर चर्चा हुई। बिहार में एनडीए की सफलता को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र के एक कैबिनेट मंत्री को पार्टी की कमान सौंपने पर भी विचार हो रहा है। भाजपा की रणनीतिक राजनीति को देखते हुए यह अटकल और मजबूत होती दिख रही है।

सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन को मजबूत बनाने वाले एक वरिष्ठ आरएसएस पदाधिकारी को भी बड़ी संगठनात्मक जिम्मेदारी मिल सकती है। इसे बदलते राजनीतिक माहौल में भाजपा-संघ रिश्तों को और मजबूती देने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। नड्डा के अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान पार्टी ने कई राज्यों में संगठनात्मक ढांचों को नए सिरे से स्थापित किया है। 29 राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे हो चुके हैं और केवल उत्तर प्रदेश तथा कर्नाटक में औपचारिकताएँ जारी हैं। इससे यह साफ हो गया है कि नया अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया अंतिम दौर में है।

पार्टी सूत्रों ने यह भी संकेत दिया है कि हिंदू पंचांग के अनुसार अशुभ माने जाने वाले खरमास की अवधि 14 जनवरी को समाप्त होगी, उसके बाद निर्णय प्रक्रिया को गति मिलेगी। भाजपा उच्च नेतृत्व शुभ समय में महत्वपूर्ण संगठनात्मक बदलाव करने की परंपरा का पालन करता रहा है। एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि सभी तैयारियाँ लगभग पूरी हो चुकी हैं और जनवरी 2026 तक चुनाव की औपचारिक घोषणा संभव है। चुनाव के लिए बनाए जा रहे निर्वाचक मंडल को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिससे यह भी स्पष्ट होता है कि पार्टी अब अंतिम निर्णय के करीब है।

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इस बीच, भाजपा में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए जिन नामों की चर्चा सबसे अधिक है, उनमें उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव तथा शिवराज सिंह चौहान सबसे आगे बताए जा रहे हैं। इनमें से मौर्य और प्रधान विशेष रूप से मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। मौर्य को आरएसएस और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोनों का मजबूत समर्थन मिलने की चर्चा है। वहीं प्रधान ने बिहार चुनावों में चुनाव प्रभारी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनकी रणनीतिक क्षमताओं की पार्टी में काफी सराहना हुई है।

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शिवराज सिंह चौहान का नाम भी गंभीरता से चर्चा में है। मध्य प्रदेश में लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने और उनके विशाल राजनीतिक अनुभव को देखते हुए कई नेता उन्हें संगठन मजबूत करने के लिए उपयुक्त मानते हैं। हालांकि, भाजपा में अंतिम निर्णय आमतौर पर संघ और शीर्ष नेतृत्व के सामूहिक विचार से होता है, इसलिए अंतिम नाम का चयन एक व्यापक संतुलन साधने की प्रक्रिया के बाद ही संभव होगा।

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पार्टी के अंदर यह भी माना जा रहा है कि नए अध्यक्ष का चयन 2029 के लोकसभा चुनावों और 2026 में शुरू होने वाले कई महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों की रणनीति को ध्यान में रखकर होगा। इसलिए संगठन के शीर्ष पद पर ऐसा व्यक्ति लाना भाजपा की प्राथमिकता होगी, जो मजबूत जमीनी पकड़, संघ के साथ सुचारू समन्वय और चुनावी रणनीति—तीनों मोर्चों पर प्रभावी हो।

भाजपा में यह भी देखा जा रहा है कि नया अध्यक्ष कौन बनेगा, इससे राज्यों की राजनीति पर भी असर पड़ेगा। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार और दक्षिण भारत के राज्यों में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को नया स्वरूप देने के प्रयास चल रहे हैं। ऐसे में मौर्य और प्रधान के नामों का तेजी से उभरना स्वाभाविक है।

अब देखना होगा कि भाजपा और आरएसएस के बीच हो रहे मंथन से कौन सा चेहरा उभरकर आता है। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि खरमास की अवधि समाप्त होते ही राजनीतिक गतिविधियाँ तेज़ होंगी और भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने की संभावना बेहद प्रबल है।