Sanchar Saathi ऐप पर बवाल!

सिंधिया का बड़ा बयान—“वैकल्पिक है, नहीं चाहिए तो हटा दें”, विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप

Sanchar Saathi ऐप पर बवाल!

नई दिल्ली, 2 दिसम्बर,(एजेंसियां)।संचार साथी ऐप को लेकर देश में मचे राजनीतिक घमासान के बीच केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को संसद परिसर में महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि Sanchar Saathi ऐप पूरी तरह वैकल्पिक है, इसे जब चाहें हटाया जा सकता है और इसमें किसी तरह की जासूसी या कॉल मॉनिटरिंग प्रणाली नहीं है। सिंधिया ने विपक्ष पर “झूठ और भ्रम फैलाने” का आरोप लगाया और कहा कि ऐप का उद्देश्य सिर्फ उपभोक्ता सुरक्षा है, न कि निगरानी।

दरअसल, विवाद उस समय बढ़ा जब दूरसंचार विभाग (DoT) ने सभी स्मार्टफोन निर्माताओं को आदेश दिया कि वे नए स्मार्टफोन में संचार साथी को प्री-इंस्टॉल करें और इसकी कार्यक्षमता को किसी भी स्थिति में अक्षम न किया जाए। साथ ही पुराने स्मार्टफोन्स में भी इसे सॉफ़्टवेयर अपडेट के जरिए भेजा जाएगा। इस आदेश के बाद विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार “निगरानी प्रणाली” स्थापित कर रही है।

इस राजनीतिक माहौल के बीच सिंधिया का बयान सरकार का आधिकारिक स्पष्टीकरण माना जा रहा है। उन्होंने कहा,
“यदि आप संचार साथी नहीं चाहते हैं, तो आप इसे कभी भी हटा सकते हैं। यह पूरी तरह वैकल्पिक है। यह हमारा कर्तव्य है कि हम यह सुरक्षा ऐप जनता तक पहुँचाएँ, लेकिन इसे रखना या न रखना उपभोक्ता खुद तय करेगा।”

उन्होंने दोहराया कि ऐप तभी काम करता है जब उपयोगकर्ता उसे सक्रिय करता है। “इसमें कोई स्नूपिंग, कॉल मॉनिटरिंग या निजी डेटा की जासूसी संभव नहीं है।”

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मंत्री ने ऐप के प्रभाव और उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि—

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  • ऐप के 1.5 करोड़ से अधिक डाउनलोड हो चुके हैं।

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  • संचार साथी पोर्टल के 20 करोड़ से ज्यादा उपयोगकर्ता हैं।

  • इस प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से 1.75 करोड़ फर्जी या धोखाधड़ी वाले मोबाइल कनेक्शन बंद किए गए।

  • लगभग 20 लाख चोरी हुए फोन का पता लगाया गया।

  • इनमें से 7.5 लाख चोरी हुए फोन वापस मालिकों को सौंपे गए

सिंधिया ने कहा कि विपक्ष तथ्यों को जानबूझकर तोड़-मरोड़ रहा है। “जब विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं बचता, तो वे अनावश्यक विवाद खड़ा करने लगते हैं। हमारा उद्देश्य केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।”

हालांकि, विवाद खत्म होता नहीं दिख रहा है। स्मार्टफोन उद्योग ने DoT की नई शर्तों पर आपत्ति जताई है। कंपनियों का कहना है कि किसी ऐप को “अनिवार्य, अक्षम न होने योग्य और डिलीट न किए जा सकने वाला” बनाना उपभोक्ता की स्वतंत्रता का हनन है। हालांकि सिंधिया के बयान ने एक बात साफ कर दी है—उपयोगकर्ता चाहें तो ऐप को पूरी तरह डिलीट कर सकते हैं।

ऐप को लेकर डेटा सुरक्षा और यूज़र कंसेंट पर नई बहस भी शुरू हो गई है। विपक्ष ने संचार साथी को “निगरानी का नया हथियार” बताते हुए संसद में इस आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग की है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार स्मार्टफोन्स में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है और यह नागरिक स्वतंत्रता पर हमला है।

Sanchar Saathi ऐप जनवरी 2025 में लॉन्च किया गया था। यह चोरी हुए फोन को ब्लॉक करने, आपके नाम पर कितने मोबाइल कनेक्शन चल रहे हैं यह देखने, और किसी भी संदिग्ध नंबर या धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने जैसी सुविधाएँ प्रदान करता है। सरकार का दावा है कि यही फ़ंक्शन इसे “उपभोक्ता सुरक्षा का सबसे प्रभावी डिजिटल औज़ार” बनाता है।

हालांकि, राजनीतिक विवाद और उद्योगगत मतभेदों के बीच यह साफ है कि आने वाले दिनों में संचार साथी ऐप पर चर्चा और तेज होने वाली है। सरकार इसे सुरक्षा के लिए उपयोगी बता रही है, जबकि विपक्ष इसे निगरानी मॉडल के रूप में पेश करने में जुटा है।