संसद में पिल्ला लाए जाने के विवाद पर राहुल गांधी का तंज—“असली काटने वाले संसद में बैठे हैं”
नई दिल्ली, 2 दिसम्बर,(एजेंसियां)। संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन उस समय अप्रत्याशित राजनीतिक बहस छिड़ गई जब कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी द्वारा संसद भवन परिसर में कुछ समय के लिए एक पिल्ला लाए जाने का मामला सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में गरमा गया। पूरे देश में इस मुद्दे पर अनावश्यक शोर के बीच आज विपक्ष के नेता राहुल गांधी सामने आए और उन्होंने सरकार व मीडिया पर तीखा कटाक्ष किया।
राहुल गांधी ने संसद भवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि देश की वास्तविक समस्याओं पर गंभीर चर्चा होने के बजाय एक “बेचारे मासूम जानवर” को राष्ट्रीय विवाद बना दिया गया है। उन्होंने तंज भरे अंदाज़ में कहा,
“आजकल भारत शायद इन्हीं मुद्दों पर चर्चा कर रहा है। मुझे लगता है कि आज कुत्ता ही मुख्य विषय है। बेचारे कुत्ते ने क्या किया? क्या यहाँ कुत्तों का आना मना है?”
उन्होंने आगे कहा कि ऐसी बहसें सरकार की प्राथमिकताओं को दिखाती हैं, जबकि देश बेरोज़गारी, महंगाई, किसानों की समस्याओं, आर्थिक चुनौतियों और सुरक्षा से जुड़े बड़े मुद्दों का सामना कर रहा है।
राहुल गांधी ने कहा,
“असली काटने वाले संसद में बैठे हैं। वे देश चला रहे हैं। हम एक मूक जानवर पर करुणा दिखाएँ तो वह राष्ट्रीय मुद्दा बन जाता है। सरकार के पास क्या और कोई काम नहीं है?”
पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब रेणुका चौधरी सोमवार सुबह संसद पहुँचते समय एक पिल्ले को अपनी कार में लेकर अंदर आईं। बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि यह उनका पालतू जानवर नहीं था, बल्कि वह रास्ते में एक दुर्घटना के बाद उसे बचाकर लाई थीं। दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि उन्होंने एक स्कूटर और कार की टक्कर देखी थी, जहां एक पिल्ला सड़क पर डरा हुआ घूम रहा था।
रेणुका चौधरी ने कहा,
“मुझे लगा कि उसे चोट लग सकती है, इसलिए मैंने उसे उठाया, कार में रखा और संसद तक ले आई ताकि सुरक्षित भेज सकूँ। मैंने उसे वापस भेज दिया। तो इस बहस का क्या मतलब है?”
उन्होंने पूछा कि क्या करुणा की एक घटना राजनीतिक विवाद या मीडिया ट्रायल का विषय बननी चाहिए।
इस बीच, सोशल मीडिया पर कई नेताओं और अभिनेताओं ने भी प्रतिक्रिया दी। अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “चुनाव हारने का हताशा कांग्रेस को हर दिन नया तमाशा करने पर मजबूर कर रही है।”
राहुल गांधी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि सरकार और उसके समर्थक असल मुद्दों से ध्यान भटकाकर देश को तुच्छ बहसों में उलझा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की संसद का समय ऐसे विषयों में ख़र्च नहीं होना चाहिए, जिनका न तो राष्ट्रहित से लेना- देना है और न ही जनता की समस्याओं से।
उन्होंने यह भी कहा कि जनता उन वास्तविक चुनौतियों का सामना कर रही है जिन पर सरकार को जवाब देना चाहिए—
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महंगाई और बेरोज़गारी
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किसानों की आय
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चीन सीमा पर तनाव
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युवाओं में बढ़ता असंतोष
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महिलाओं की सुरक्षा
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आर्थिक मंदी के संकेत
राहुल गांधी ने कहा कि अगर संसद में पिल्ले की मौजूदगी देश का सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है, तो इसकी जिम्मेदारी सरकार और मीडिया की प्राथमिकताओं पर है।
“हम उन मुद्दों पर बात नहीं करते जो हमें हर रोज़ प्रभावित करते हैं। संसद में बैठे लोग जिन्होंने देश को नुकसान पहुँचाया है, उन पर चर्चा नहीं होती। लेकिन एक पिल्ले के प्रति करुणा दिखाएँ तो वह ‘राष्ट्रीय मुद्दा’ बन जाता है।”
कुल मिलाकर, यह विवाद बताता है कि देश की राजनीति किस दिशा में जाती दिख रही है—जहाँ एक मासूम जानवर के बचाव से बड़ा विषय कोई और नहीं बन रहा, जबकि राष्ट्र के सामने खड़ी वास्तविक चुनौतियाँ पीछे छूटती जा रही हैं।

