असीम मुनीर के इशारे पर जेल में हो रहा 'मानसिक टॉर्चर'?
—इमरान खान की बहनों की मुलाक़ात के बाद बड़ा दावा
नई दिल्ली, 2 दिसम्बर,(एजेंसियां)।पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर सुर्खियों में हैं—इस बार वजह है अदियाला जेल में उनके साथ की जा रही कथित मानसिक प्रताड़ना। खान की दोनों बहनों, डॉ. खानम और उज़मा खान, ने मंगलवार को उनसे मुलाक़ात की और बाहर आकर मीडिया के सामने चौंकाने वाले खुलासे किए। उनका दावा है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के निर्देश पर जेल में इमरान खान को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
पूरा दिन कोठरी में बंद, किसी से बात करने की अनुमति नहीं
मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए डॉ. खानम ने बताया कि इमरान खान शारीरिक रूप से ठीक हैं, “अल्हम्दुलिल्लाह वह ठीक हैं,” लेकिन मानसिक उत्पीड़न से बेहद नाराज़ हैं।
उन्होंने बताया:
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इमरान खान को पूरा दिन कोठरी में बंद रखा जाता है
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केवल बहुत कम समय के लिए उन्हें बाहर निकाला जाता है
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किसी भी व्यक्ति से बात करने की अनुमति नहीं
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एकांत कारावास की स्थिति ने उनका मानसिक दबाव बढ़ा दिया है
परिवार का कहना है कि यह पूरा रवैया एक सुनियोजित रणनीति की तरफ इशारा करता है, जिसका उद्देश्य इमरान खान को मानसिक रूप से तोड़ना है।
“असीम मुनीर दे रहे हैं टॉर्चर के निर्देश”—इमरान का आरोप
डॉ. खानम और उज़मा खान ने यह भी बताया कि इमरान खान ने सीधे तौर पर आरोप लगाया है कि उनके ऊपर जो मानसिक यातना दी जा रही है, वह जनरल असीम मुनीर के इशारे पर की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, खान ने कहा कि यह केवल जेल प्रशासन की मनमानी नहीं है, बल्कि शीर्ष सत्ता का निर्देश है।
उज़मा खान ने बताया कि इमरान खान जेल प्रशासन के रवैये से बेहद नाराज़ थे, लेकिन उनका मनोबल अभी भी बेहद ऊँचा है।
“वह मानसिक रूप से मजबूत हैं। उन्होंने अपनी पार्टी और अवाम के लिए स्पष्ट संदेश दिया है कि वह दबने वाले नहीं,” — उज़मा खान ने कहा।
मुलाक़ात के अधिकार पर भी रोक, परिवार और PTI का विरोध जारी
उज़मा खान की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब PTI लगातार इस मुद्दे को लेकर अदालतों और सड़कों पर संघर्ष कर रही है। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय और अदियाला जेल के बाहर PTI कार्यकर्ता प्रदर्शन कर चुके हैं।
पार्टी का आरोप है कि:
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अदालत ने सप्ताह में दो बार मुलाक़ात की अनुमति दी थी
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इसके बावजूद कई हफ्तों से किसी भी मुलाकात की इजाज़त नहीं दी गई
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यह फैसला पूरी तरह गैरकानूनी है और जानबूझकर इमरान खान को अलग-थलग रखने की कोशिश हो रही है
इमरान खान की सेहत और सुरक्षा को लेकर पहले भी कई तरह की अफवाहें और आशंकाएं सामने आ चुकी हैं। हाल ही में उनकी “मौत” की अफवाह फैलने के बाद रावलपिंडी में धारा 144 भी लगानी पड़ी थी, जिससे हालात की गंभीरता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
मानसिक प्रताड़ना के आरोप बढ़ाए राजनीतिक तापमान
इमरान खान के इन आरोपों ने पाकिस्तान की सियासत को और गर्मा दिया है।
एक ओर सेना प्रमुख असीम मुनीर पर गंभीर आरोप हैं, तो दूसरी ओर PTI अपनी राजनीतिक लड़ाई को और तीखा करती जा रही है।
पूर्व प्रधानमंत्री पर लगे कई मामलों, अदालत में चल रही सुनवाई और जेल में उनके व्यवहार को लेकर पाकिस्तान में एक नई बहस जन्म ले चुकी है—क्या यह न्यायिक प्रक्रिया है या राजनीतिक प्रतिशोध?
इमरान खान के समर्थकों का कहना है कि उन्हें चुप करने और राजनीतिक मैदान से बाहर करने के लिए यह सब हो रहा है, जबकि सरकार इन आरोपों को बेबुनियाद बताती रही है।
अदियाला जेल में उनके साथ व्यवहार और मुलाक़ात के अधिकार पर रोक ने हर तरफ से गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि PTI इस मुद्दे को किस तरह अंतरराष्ट्रीय मंचों तक ले जाती है और पाकिस्तान की अदालतें इस पर क्या रुख अपनाती हैं।

