नई दिल्ली, 3 दिसम्बर,(एजेंसियां)।केंद्र सरकार ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए देश में बिकने वाले सभी स्मार्टफोन्स में Sanchar Saathi ऐप को प्री-इंस्टॉल करने की अनिवार्यता को रद्द कर दिया है। यह फैसला संसद में ऐप से जुड़ी गोपनीयता संबंधी चिंताओं, सरकारी निगरानी के आरोपों और विपक्ष की तीखी आलोचना के बीच लिया गया है।
सरकार का कहना है कि यह निर्णय उपभोक्ताओं की गोपनीयता और डेटा सुरक्षा से जुड़े सवालों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। अब मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों पर इस ऐप को पहले से इंस्टॉल करने का कोई दबाव नहीं होगा और न ही पुराने फोन को अनिवार्य रूप से अपडेट करना पड़ेगा।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि Sanchar Saathi ऐप पूरी तरह नागरिक सुरक्षा के लिए बनाया गया है, जिसका उद्देश्य साइबर धोखाधड़ी से लोगों को बचाना और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्टिंग को आसान बनाना है। सरकार ने कहा कि ऐप कॉल सुनने या संदेशों की निगरानी करने में सक्षम नहीं है, जैसा कि विपक्ष आरोप लगा रहा है।
ऐप की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और सरकार के अनुसार केवल 24 घंटों में ही 6 लाख नए लोगों ने ऐप डाउनलोड करने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है, जो इसके उपयोग में दस गुना वृद्धि को दर्शाता है। इसी बढ़ती स्वीकार्यता को देखते हुए सरकार ने फैसला किया कि इसे प्री-इंस्टॉल करने की बाध्यता आवश्यक नहीं है।
28 नवंबर को दूरसंचार विभाग ने स्मार्टफोन निर्माताओं को यह ऐप सभी नए और पुराने डिवाइस में अनिवार्य रूप से शामिल करने का आदेश दिया था। इसके बाद निजी डेटा सुरक्षा और संभावित जासूसी को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। विपक्ष का आरोप था कि यह ऐप संचार की निगरानी करने में सक्षम हो सकता है, लेकिन सरकार ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है।
सरकार का कहना है कि ऐप नागरिकों को सशक्त बनाने और साइबर अपराध से बचाव का साधन है, और इसे इंस्टॉल करना या हटाना पूरी तरह उपभोक्ताओं की मर्जी पर निर्भर है।

