लोकसभा में शांतिपूर्वक चला प्रश्नकाल, राज्यसभा में ‘लोकभवन’ विवाद पर तीखा हंगामा

शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन संसद की कार्यवाही सामान्य—लेकिन राज्यसभा में ‘लोकभवन’ निर्देश को लेकर सरकार–विपक्ष में जबरदस्त टकराव

लोकसभा में शांतिपूर्वक चला प्रश्नकाल, राज्यसभा में ‘लोकभवन’ विवाद पर तीखा हंगामा

नई दिल्ली, 3 दिसम्बर,(एजेंसियां)।संसद के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन पहले दो दिनों की तुलना में अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण रहा। जहाँ लोकसभा में प्रश्नकाल बिना किसी व्यवधान के संपन्न हुआ, वहीं राज्यसभा में गृह मंत्रालय के ‘राजभवन’ को ‘लोक भवन’ नाम देने वाले निर्देश पर बड़ा विवाद देखने को मिला। इससे पहले दो दिनों तक मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्षी हंगामे से सदन की कार्यवाही बाधित रही थी। तीसरे दिन विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच कई मुद्दों पर बहस हुई, जिनमें मणिपुर चुनाव, तंबाकू कर, जल प्रदूषण कानून, जनगणना, 4जी कनेक्टिविटी और फर्जी खबरों पर रोक जैसे विषय प्रमुख रहे।

लोकसभा में आज का दिन कई महत्वपूर्ण विधायी और गैर-विधायी चर्चाओं से भरा रहा। सदन ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 को पारित किया। इसी दौरान गृह मंत्रालय ने आगामी जनगणना की समय-सारिणी स्पष्ट की। मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि 2026 में मकान सूचीकरण के बाद फरवरी 2027 में जनसंख्या गणना तय है। 1 मार्च 2027 की मध्यरात्रि को पूरे देश के लिए संदर्भ तिथि माना जाएगा, जबकि हिमालयी क्षेत्रों में यह तिथि 1 अक्टूबर 2026 होगी। यह जानकारी विपक्ष के नेता राहुल गांधी के प्रश्न के उत्तर में दी गई।

लोकसभा में संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘डिजिटल भारत’ दृष्टि के अनुसार 4जी नेटवर्क को देश के हर कोने तक पहुँचाना लक्ष्य है। उन्होंने घोषणा की कि अगले वर्ष तक देशभर में, विशेषकर जम्मू-कश्मीर के सीमा क्षेत्रों में, 12,000 नए 4जी टॉवर स्थापित किए जाएंगे।

सदन में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने गायक जुबिन गर्ग की हत्या का मुद्दा उठाते हुए उन्हें मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ देने की मांग की। वहीं केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फर्जी खबरों को लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बताते हुए कहा कि डीपफेक और झूठी सूचनाओं पर नियंत्रण के लिए सरकार नई संस्थागत प्रणालियाँ और कानून ला रही है।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तंबाकू पर कर बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष की चिंताओं का जवाब देते हुए कहा कि जीएसटी उपकर हटने के बाद कर का बोझ कम न हो, इसलिए उत्पाद शुल्क संशोधन आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुल कर भार वर्तमान स्तर से कम नहीं होगा, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य के मद्देनज़र सरकार की प्राथमिकता सुरक्षित रहेगी।

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उधर राज्यसभा में आज का दिन राजनीतिक तौर पर अधिक उथल-पुथल भरा साबित हुआ। तृणमूल कांग्रेस की सांसद डोला सेन ने गृह मंत्रालय के हालिया निर्देश, जिसमें देशभर के ‘राजभवन’ का नाम बदलकर ‘लोक भवन’ करने की बात कही गई है, को शून्यकाल में उठाया। सेन ने आरोप लगाया कि यह निर्णय न तो संसद को बताया गया और न ही कैबिनेट में चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं को दरकिनार कर फैसले लिए जा रहे हैं। उनके बयान में मनरेगा और अन्य मुद्दे जोड़ने पर सदन के नेता जे.पी. नड्डा ने कड़ी आपत्ति जताई और सभापति से अनुरोध किया कि विषय से संबंधित न होने वाली टिप्पणियाँ रिकॉर्ड से हटाई जाएँ। सभापति ने सहमति जताते हुए गैर-संबंधित हिस्से रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया।

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विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने डोला सेन का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने कोई अपमानजनक शब्द नहीं कहा है और उनका वक्तव्य विषय से जुड़ा हुआ है। इस घटना ने सदन के अंदर कुछ देर के लिए तीखी राजनीतिक बहस को जन्म दिया, जिससे कार्यवाही का माहौल गर्म हो गया।

राज्यसभा में आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल ने अपनी ही पार्टी शासित पंजाब पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि राज्य ‘‘गंभीर रूप से नशे की चपेट’’ में है और कुछ नशामुक्ति केंद्र स्वयं मादक पदार्थों की आपूर्ति करा रहे हैं। उनके बयान ने सदन में व्यापक बहस को जन्म दिया और पंजाब सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए।

भाजपा सांसद मेधा विश्वास कुलकर्णी ने गैर-हलाल उत्पादों पर हलाल प्रमाणपत्र वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि हलाल प्रमाणन को गैर-धार्मिक उत्पादों पर लागू करना संविधानिक अधिकारों का उल्लंघन है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सदन में दावा किया कि दिल्ली में 400 से अधिक एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) वाले दिनों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। उन्होंने बताया कि 2016 की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में 90 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राज्यों के साथ लगातार समन्वय किया है, और परिणाम सामने दिखाई दे रहे हैं।

राज्यसभा ने आज मणिपुर में जल प्रदूषण रोकथाम कानून लागू करने से जुड़ा संकल्प भी पारित किया। विपक्ष ने मणिपुर में शीघ्र विधानसभा चुनाव कराने की मांग दोहराई और कहा कि राज्य में स्थिर शासन बहाल करना आवश्यक है।

संसद का तीसरा दिन कई विधानात्मक प्रक्रियाओं, तीखी नोकझोंक और महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्थक चर्चा के साथ पूरा हुआ। लोकसभा शांतिपूर्ण रही, जबकि राज्यसभा में ‘लोकभवन’ विवाद ने राजनीतिक गर्माहट बढ़ाई।