धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव और शिवराज सिंह सबसे मजबूत दावेदार
भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष पर सस्पेंस गहराया
नई दिल्ली, 4 दिसम्बर,(एजेंसियां)।भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर पार्टी के भीतर मंथन तेज हो गया है। बुधवार को संसद भवन में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद इस मुद्दे पर राजनीतिक हलकों में चर्चा और भी गरमा गई है। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव (संगठन) बीएल संतोष शामिल हुए। बंद कमरे में लगभग एक घंटे चली इस बैठक में संगठनात्मक फेरबदल, प्रदेश नेतृत्व में बदलाव और केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाओं पर व्यापक मंथन हुआ।
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया पर विस्तृत रणनीति पर चर्चा हुई। भाजपा जनवरी 2026 के मध्य तक नए अध्यक्ष की घोषणा करने की तैयारी कर रही है। पार्टी संविधान के अनुसार अध्यक्ष का चुनाव औपचारिक प्रक्रिया के तहत होना है, लेकिन भाजपा की परंपरा में सर्वसम्मति से अध्यक्ष का चयन होता आया है, जिसके कारण इसे अक्सर निर्विरोध घोषित किया जाता है।
दिल्ली की बैठक से पहले सोमवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर भाजपा और आरएसएस की महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। तीन घंटे चली इस बैठक में उत्तर प्रदेश के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी गहन विचार-विमर्श हुआ। माना जा रहा है कि भाजपा इसी सप्ताह यूपी के नए अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है और उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष पर अंतिम निर्णय तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा।
पार्टी के अंदर चर्चा में तीन नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं—केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान। तीनों नेताओं का संगठनात्मक अनुभव, जनाधार और नेतृत्व क्षमता उन्हें मजबूत दावेदार बनाते हैं। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का नाम भी सूची में है, हालांकि शीर्ष पंक्ति में उनका दावा अपेक्षाकृत कमजोर माना जा रहा है।
जेपी नड्डा 2020 से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उन्हें 2023 में उनके कार्यकाल का विस्तार दिया गया था। पार्टी सूत्रों का कहना है कि 14 जनवरी के बाद संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया को औपचारिक रूप देने के लिए तेजी आएगी, जिसके बाद अध्यक्ष पद की घोषणा संभव है। यह भी माना जा रहा है कि नए अध्यक्ष का चयन 2026–27 के राज्यों के चुनाव और 2029 लोकसभा चुनाव की रणनीति को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।
पार्टी के भीतर यह राय बन रही है कि नए अध्यक्ष को मजबूत सांगठनिक पकड़, चुनावी अनुभव और केंद्र–राज्य सरकारों के बीच तालमेल बनाए रखने की क्षमता होनी चाहिए। धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव दोनों लंबे समय से संगठन में सक्रिय हैं, जबकि शिवराज सिंह चौहान का व्यापक जनाधार और प्रशासनिक अनुभव उन्हें खास बनाता है।
भाजपा समर्थकों और राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें अब इसी पर टिकी हैं कि पार्टी किस चेहरे को राष्ट्रीय नेतृत्व की कमान सौंपकर आगे की रणनीति को अंजाम देती है। जनवरी मध्य तक इसका औपचारिक ऐलान होने की उम्मीद है।

