“मैं मस्जिद की नींव रखूंगा, कोई रोक नहीं सकता”, ममता सरकार पर भी गंभीर आरोप
TMC से निष्कासित हुमायूं कबीर का भड़काऊ बयान
नई दिल्ली, 4 दिसम्बर,(एजेंसियां)।तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से निष्कासित देबरा विधायक हुमायूं कबीर एक बार फिर अपने विवादास्पद बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर मस्जिद निर्माण का बयान देने के बाद पार्टी ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। लेकिन कबीर अपने रुख पर अड़े हुए हैं और उन्होंने साफ कहा है—“मैं मस्जिद की नींव रखूंगा, कोई रोक नहीं सकता।” उनके इस बयान ने राज्य की राजनीति में नया तूफान खड़ा कर दिया है।
टीएमसी ने आरोप लगाया कि कबीर जानबूझकर सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश कर रहे हैं और भाजपा की प्रेरणा से ऐसा कर रहे हैं। पार्टी का कहना है कि राज्य सरकार लगातार शांति और सौहार्द बनाए रखने की कोशिश कर रही है, ऐसे में कबीर जैसे बयानों से सामाजिक माहौल बिगड़ सकता है। वरिष्ठ नेता फिरहाद हाकिम ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मंजूरी के बाद कबीर के निलंबन की घोषणा की।
कबीर का विवाद यहीं नहीं रुका। मीडिया से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि मुर्शिदाबाद में वह एक विशाल इस्लामिक परियोजना शुरू करेंगे। उन्होंने बताया कि 25 बीघा भूमि पर इस्लामिक अस्पताल, रेस्ट हाउस, होटल-कम-रेस्टोरेंट, हेलीपैड, पार्क और मेडिकल कॉलेज के निर्माण की योजना तैयार है। कबीर ने दृढ़ स्वर में कहा—“मैंने नींव रखने की बात कही थी और नींव रखी जाएगी। कोई मुझे रोक नहीं सकता। थोड़ा इंतज़ार करो, सबकुछ दिख जाएगा।”
उन्होंने ममता बनर्जी पर भी तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि टीएमसी नेतृत्व ने उन्हें 12–13 वर्षों तक केवल इस्तेमाल किया। कबीर ने कहा कि जब ममता बनर्जी पहली बार सत्ता में आईं और उन्हें 182 सीटें मिलीं, तब उन्हें पार्टी में शामिल किया गया था। लेकिन उनके साथ लगातार अन्याय होता रहा। उन्होंने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री धार्मिक संस्थानों और समितियों को आर्थिक सहायता देकर राजनीतिक लाभ ले रही हैं।
कबीर ने कहा कि मुस्लिम मौलवियों को 3000 रुपये भत्ता दिया जाता है, जबकि विभिन्न समितियों को 1,10,000 रुपये प्रतिवर्ष दिया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी “आरएसएस का काम कर रही हैं” और मुस्लिम समाज के मुद्दों को केवल वोट बैंक के नजरिए से देखती हैं।
टीएमसी ने कबीर के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा सभी समुदायों के कल्याण के लिए काम करती हैं और राज्य में धार्मिक सौहार्द बनाए रखना उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है। पार्टी का कहना है कि कबीर का बयान अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना है, खासकर ऐसे समय में जब राज्य में कई क्षेत्रों में राजनीतिक तनाव पहले से मौजूद है।
कबीर का मस्जिद निर्माण बयान बाबरी मस्जिद विध्वंस की वर्षगांठ (6 दिसंबर) के ठीक पहले आया है, जिससे संवेदनशीलता और बढ़ गई है। टीएमसी का कहना है कि ऐसा वक्त चुनना और इस तरह की घोषणा करना राज्य में अस्थिरता पैदा करने का प्रयास है।
फिलहाल कबीर नई पार्टी बनाने का इशारा भी दे चुके हैं, जिससे पश्चिम बंगाल की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना दिख रही है।

