रणवीर सिंह मुसीबत में: ‘कंतारा’ की दैव परंपरा का मज़ाक उड़ाने पर शिकायत
कर्नाटक में भड़की धार्मिक भावनाएँ
मुम्बई, 4 दिसम्बर,(एजेंसियां)। बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह एक नई विवादित स्थिति में फंस गए हैं, जब कर्नाटक के एक वकील ने उनके खिलाफ ‘कंतारा’ फिल्म में दिखाए गए पवित्र ‘दैव’ या ‘भूत कोला’ परंपरा का मज़ाक उड़ाने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। यह शिकायत अभिनेता की उस प्रस्तुति को लेकर है जो उन्होंने गोवा में 56वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के समापन समारोह में दी थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, रणवीर की यह प्रस्तुति सांस्कृतिक परंपराओं का मज़ाक उड़ाने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली थी।
यह मामला अब तेजी से तूल पकड़ रहा है, खासकर कर्नाटक और तटीय क्षेत्रों में जहां ‘दैव’ या ‘भूत कोला’ सदियों से धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था का हिस्सा रहा है। उल्लेखनीय है कि ऋषभ शेट्टी की ‘कंतारा’ फिल्म ने इस परंपरा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई थी, जिसके बाद इसका अपना धार्मिक महत्व और बढ़ गया है।
शिकायत का आधार: ‘दैव’ परंपरा का अपमान
बेंगलुरु के हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन में वकील प्रशांत मेथल की शिकायत के अनुसार रणवीर सिंह ने IFFI के दौरान ‘कंतारा’ में दिखाई गई दैव परंपरा की पवित्र प्रस्तुति की नकल ऐसे अंदाज़ में की, जिसने न सिर्फ उसकी गंभीरता को हल्का दिखाया, बल्कि इसे व्यंग्य और मनोरंजन का विषय बना दिया। शिकायत में सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और रिपोर्ट्स का भी हवाला दिया गया है।
शिकायत में कहा गया है कि रणवीर की हरकत ने “मेरी और लाखों हिंदुओं, विशेष रूप से कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों के तुलु-भाषी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को गंभीर चोट पहुंचाई है।” शिकायतकर्ता ने अनुरोध किया है कि अभिनेता के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाए।
कौन-कौन से आरोप लगाए गए?
शिकायत में रणवीर सिंह पर BNS की इन धाराओं के तहत आरोप लगाने की मांग की गई है—
-
धारा 299: धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य
-
धारा 302: किसी धर्म या धार्मिक प्रतीक का अपमान करने के उद्देश्य से शब्दों का उच्चारण
-
धारा 196: धर्म, जाति या जन्मस्थान के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी बढ़ाना
हालाँकि पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अभी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। अधिकारी मामले की कानूनी समीक्षा कर रहे हैं।
रणवीर सिंह ने मांगी माफी, लेकिन विवाद थमा नहीं
शिकायत दर्ज होने से कुछ दिन पहले ही रणवीर सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक माफीनामा जारी किया था। उन्होंने कहा कि उनका मकसद ‘कंतारा’ में ऋषभ शेट्टी की परफॉर्मेंस की सराहना करना था, उसका मज़ाक उड़ाना नहीं। रणवीर ने लिखा—
“मैंने हमेशा हमारे देश की हर संस्कृति, परंपरा और विश्वास का सम्मान किया है। यदि मेरी प्रस्तुति से किसी की भावना आहत हुई है तो मुझे उसका गहरा खेद है।”
लेकिन शिकायतकर्ता का कहना है कि “माफी तभी सार्थक है जब गलती स्वीकारने के साथ उसके कानूनी परिणाम भी हों।” कर्नाटक के तटीय समुदायों में भी मामला काफी संवेदनशील हो गया है।
‘दैव’ या ‘भूत कोला’ परंपरा इतनी महत्वपूर्ण क्यों?
‘कंतारा’ फिल्म के बाद उत्तर भारत तक चर्चा में आई ‘दैव’ परंपरा कर्नाटक के तटीय जिलों में सदियों पुरानी धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथा है। इसमें एक व्यक्ति ‘दैव’ का अवतार लेकर पूरे गांव के लिए मार्गदर्शन, न्याय और आशीर्वाद देने की भूमिका निभाता है।
यह परंपरा—
-
अत्यंत पवित्र मानी जाती है
-
किसी भी मनोरंजन या नकल के रूप में प्रस्तुत नहीं की जाती
-
स्थानीय समुदायों की आस्था का मुख्य आधार है
इसी परंपरा का रनवीर द्वारा सार्वजनिक मंच पर मनोरंजन के रूप में प्रदर्शन करना कई लोगों को अस्वीकार्य लगा।
फिल्म ‘कंतारा’ से उठी संवेदनशीलता
ऋषभ शेट्टी की फिल्म ‘कंतारा’ ने दैव परंपरा को बड़े पर्दे पर बेहद सम्मानजनक और गंभीरता के साथ प्रस्तुत किया था। जिस कारण यह विषय पूरे देश में धार्मिक-सांस्कृतिक रूप से और भी मजबूत होकर उभरा। फिल्म ने न सिर्फ करोड़ों की कमाई की बल्कि तटीय कर्नाटक की संस्कृति को वैश्विक मानचित्र पर भी स्थापित किया।
इस कारण अब कोई भी नकल, व्यंग्य या हल्का प्रदर्शन तुरंत विवाद पैदा कर देता है।
पुलिस और समाज की प्रतिक्रिया
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शिकायत प्राप्त हुई है लेकिन FIR दर्ज करने पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। इस बीच सोशल मीडिया पर भी इस विवाद ने तूल पकड़ लिया है। कई लोग इसे “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” बता रहे हैं तो कई इसे “धार्मिक परंपरा का अपमान” मानकर कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
तटीय समुदायों के कई संगठनों ने रणवीर की हरकत को “अनुचित और असंवेदनशील” करार दिया है।
आगे क्या?
कानूनी प्रक्रिया के अनुसार पुलिस पहले वीडियो और शिकायत में दिए गए तथ्यों को सत्यापित करेगी। यदि साक्ष्य मजबूत पाए गए तो रणवीर सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की जा सकती है। BNS की ये धाराएँ संज्ञान लेने योग्य और गैर-जमानती मानी जाती हैं, इसलिए मामला गंभीर हो सकता है।
रणवीर के माफीनामे के बावजूद विवाद शांत नहीं हुआ है। कई संगठनों ने कहा है कि “सिर्फ माफी नहीं, कानून के अनुसार कार्रवाई भी होनी चाहिए।”
आने वाले दिनों में यह मामला फिल्म उद्योग, धार्मिक समुदायों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर नई बहस उत्पन्न कर सकता है।

