बेंगलुरु में पड़ोसियों की प्रताड़ना से त्रस्त इंजीनियर ने की आत्महत्या, परिवार ने लगाई न्याय की गुहार

बेंगलुरु में पड़ोसियों की प्रताड़ना से त्रस्त इंजीनियर ने की आत्महत्या, परिवार ने लगाई न्याय की गुहार

बेंगलुरु, 4 दिसम्बर,(एजेंसियां)। बेंगलुरु के नल्लूरहल्ली क्षेत्र में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहाँ 32 वर्षीय इंजीनियर मुरली ने कथित पड़ोसी विवाद और लगातार प्रताड़ना से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। यह मामला तेजी से सुर्खियों में आ गया है और पुलिस अब इसकी गंभीरता से जांच कर रही है। मृतक की मां, लक्ष्मी गोविंदराजू ने पड़ोसियों उषा नांबियार और शशि नांबियार पर सीधा आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

कैसे बढ़ा विवाद?

शिकायत के अनुसार, मुरली वर्ष 2018 में खरीदी गई जमीन पर अपना घर बना रहे थे। निर्माण कार्य अंतिम चरणों में था और इसी दौरान पड़ोसियों के साथ संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हुआ। परिवार का आरोप है कि पड़ोस में रहने वाली उषा नांबियार और उनके रिश्तेदार शशि नांबियार ने मुरली पर अनावश्यक दबाव बनाना शुरू कर दिया। शिकायतकर्ता के अनुसार, दोनों ने कथित तौर पर निर्माणाधीन संपत्ति को लेकर विवाद खड़ा किया और मुरली से 20 लाख रुपये की अवैध मांग की।

लक्ष्मी गोविंदराजू का कहना है कि जब मुरली ने यह रकम देने से इंकार कर दिया, तो आरोपियों ने बीबीएमपी (वृहद बेंगलुरु महानगर पालिका) के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर निर्माण स्थल पर पहुंचकर उनके बेटे को मानसिक रूप से परेशान किया। आरोप है कि यह प्रताड़ना कई दिनों तक चली, जिससे मुरली तनाव में आ गए।

घटना का दिन: एक मां के लिए सदमे भरी सुबह

3 दिसंबर की सुबह परिवार की सामान्य दिनचर्या की तरह शुरू हुई। मुरली रोज़ की तरह घर से निकले। परिवार को लगा कि वह निर्माण स्थल की देखरेख करने जा रहे हैं। लेकिन उस दिन की सुबह उनके लिए आखिरी साबित हुई।

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दोपहर के समय निर्माण स्थल पर काम करने पहुंचे बढ़ई गणेश ने दूसरी मंजिल की छत के हुक से लटकता हुआ मुरली का शव देखा। यह दृश्य बेहद भयावह था और उसने तुरंत परिवार को फोन कर जानकारी दी। मौके पर पहुंचते ही परिवार के लोगों ने देखा कि मुरली ने मानसिक तनाव के कारण यह कदम उठाया।

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शिकायत के अनुसार, आत्महत्या से पहले मुरली बेहद परेशान थे और उन्होंने कई बार परिवार से कहा भी था कि पड़ोसी उन्हें मानसिक रूप से तोड़ रहे हैं। लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि वे इतना कठोर कदम उठा लेंगे।

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पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच शुरू

लक्ष्मी गोविंदराजू की शिकायत पर पुलिस ने उषा नांबियार और शशि नांबियार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने मुरली को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, अवैध रूप से धन की मांग की और बीबीएमपी अधिकारियों की मदद लेकर निर्माण कार्य में बाधा पैदा की।

पुलिस ने घटनास्थल से कई महत्वपूर्ण सबूत एकत्र किए हैं और पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है। जांच अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मोबाइल रिकॉर्ड, पड़ोसियों और निर्माण स्थल के कर्मचारियों के बयान मामले को स्पष्ट करेंगे। पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है, क्योंकि यह न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है बल्कि समाज में पड़ोसियों के बीच विवाद का भयावह रूप भी है।

परिवार की मांग—दोषियों को सख्त सजा मिले

मुरली के परिवार का कहना है कि उनका बेटा शांत स्वभाव का और मेहनती इंजीनियर था, जो अपनी मेहनत से घर बना रहा था। पड़ोसियों की प्रताड़ना न होती, तो आज वह जिंदा होता। परिवार का आरोप है कि दोनों आरोपी पैसे वसूलने और निर्माण रोकने के लिए मुरली पर मानसिक दबाव बना रहे थे।

परिवार ने मुख्यमंत्री और पुलिस आयुक्त से भी अपील की है कि इस मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में चलाकर दोषियों को कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसी त्रासदी न झेलनी पड़े।

समाज के लिए एक चेतावनी

यह घटना पड़ोसियों के बीच छोटे-छोटे विवादों के भयावह परिणामों को दिखाती है। अक्सर संपत्ति से जुड़े मामलों में अनावश्यक दबाव, झगड़े, धमकियाँ और मानसिक प्रताड़ना जमीन-जायदाद का सामान्य हिस्सा मान लिए जाते हैं। लेकिन कई बार इसका अंत बेहद दर्दनाक हो सकता है।

मुरली की मौत केवल एक व्यक्ति का खो जाना नहीं है, बल्कि समाज के लिए चेतावनी है कि मानसिक प्रताड़ना भी उतनी ही घातक है जितना कोई अन्य अपराध।