अनमोल बिश्नोई की रिमांड 7 दिन और बढ़ी
NIA मुख्यालय में कड़ी सुरक्षा के बीच हुई सुनवाई
नई दिल्ली, 5 दिसम्बर,(एजेंसियां)। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई और अमेरिका से प्रत्यर्पित आरोपी अनमोल बिश्नोई की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार को उसे कड़ी सुरक्षा के बीच विशेष एनआईए न्यायाधीश के सामने पेश किया, जिसके बाद अदालत ने उसकी हिरासत 7 दिन और बढ़ाकर 12 दिसंबर तक कर दी। मामले की गंभीरता और सुरक्षा जोखिमों को देखते हुए, यह सुनवाई एनआईए मुख्यालय में ही आयोजित की गई।
सुरक्षा के बीच हुई विशेष सुनवाई
अनमोल बिश्नोई ने पिछली सुनवाई में दावा किया था कि उसकी जान को खतरा है, जिसके बाद अदालत ने असाधारण कदम उठाते हुए सुनवाई के लिए एनआईए मुख्यालय को ही कोर्ट रूम घोषित कर दिया। शुक्रवार सुबह, भारी सुरक्षा कवच के बीच न्यायाधीश प्रशांत शर्मा एनआईए मुख्यालय पहुंचे और बंद कमरे में पूरी कार्यवाही संपन्न की।
एनआईए की ओर से विशेष लोक अभियोजक (SPP) राहुल त्यागी और अमित रोहिला ने अदालत को बताया कि मामले से जुड़े कई संवेदनशील पहलुओं की जांच बाकी है। उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान सामने आई सूचनाएं बेहद महत्वपूर्ण हैं, जिन्हें सत्यापित करने और साजिश की कड़ियों को जोड़ने के लिए 7 दिन की अतिरिक्त हिरासत आवश्यक है।
डिफेंस की दलीलें और अदालत का फैसला
अनमोल बिश्नोई की ओर से वकील रजनी और दीपक खत्री ने रिमांड बढ़ाने का विरोध किया। उनका कहना था कि एनआईए पर्याप्त प्रगति नहीं दिखा पाई है और आरोपी को हिरासत में रखना उसके अधिकारों का हनन है। लेकिन अदालत ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए एनआईए की दलीलों को अधिक वज़न दिया।
अदालत ने न केवल हिरासत बढ़ाई, बल्कि एनआईए द्वारा मांगे गए आवाज और लिखावट के नमूनों के लिए दिए गए दो अलग-अलग आवेदनों को भी मंजूरी दे दी। यह निर्णय दर्शाता है कि एजेंसी जांच को वैज्ञानिक और तकनीकी आधार पर आगे बढ़ाना चाहती है।
पंजाब पुलिस भी पेश हुई, पर एनआईए का विरोध
सुनवाई के दौरान एक दिलचस्प मोड़ तब आया जब पंजाब पुलिस ने भी विशेष अदालत के समक्ष पहुंचकर अनमोल बिश्नोई की हिरासत मांगने का आवेदन दिया। लेकिन एनआईए ने इसका कड़ा विरोध किया और कहा कि फिलहाल जांच एजेंसी को उसकी हिरासत की बेहद आवश्यकता है। अदालत ने एनआईए के तर्कों को मानते हुए पंजाब पुलिस की मांग पर तत्काल कोई निर्णय नहीं लिया।
क्या है मामला?
एनआईए का आरोप है कि अनमोल बिश्नोई, बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर दिल्ली सहित देश के कई इलाकों में आतंकी गतिविधियों की साजिश रच रहा था। एजेंसी का कहना है कि:
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आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए फंडिंग की जा रही थी
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गिरोह युवाओं की भर्ती कर रहा था
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विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट्स से आतंकी घटनाओं की जिम्मेदारी ली जा रही थी
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लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का नेटवर्क देश और विदेश तक फैला हुआ है
18 नवंबर को अदालत ने पहली बार 11 दिनों की रिमांड देते हुए कहा था कि “अपराध की साजिश, फंडिंग के स्रोत, तकनीक, और आरोपी की भूमिका की गहन जांच जरूरी है।” नई जानकारी सामने आने के बाद अब जांच और अधिक गहराई में जा रही है।

