सहकार टैक्सी दो साल में भारत की सबसे बड़ी सहकारी टैक्सी कंपनी बनेगी: अमित शाह

सहकार टैक्सी दो साल में भारत की सबसे बड़ी सहकारी टैक्सी कंपनी बनेगी: अमित शाह

नई दिल्ली, 6 दिसम्बर,(एजेंसियां)। देश में सहकारिता ढांचे को मजबूत करने और ड्राइवरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई सहकार टैक्सी सेवा तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रही है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यह दावा किया कि सहकारी मॉडल पर आधारित यह टैक्सी सेवा आने वाले दो वर्षों में भारत की सबसे बड़ी सहकारी टैक्सी कंपनी बन जाएगी।

गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर कन्वेंशन सेंटर में ‘अर्थ समिट’ को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि सेवा की शुरुआत भले ही प्रायोगिक तौर पर की गई हो, लेकिन ड्राइवरों और यात्रियों दोनों से मिले अप्रत्याशित समर्थन ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार देने की मजबूत नींव दे दी है। यह समिट राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) और इंटरनेट एवं मोबाइल संघ (IAMAI) की राष्ट्रीय पहल के अंतर्गत आयोजित की गई थी।

51 हजार से अधिक ड्राइवर पहले ही जुड़े

अमित शाह ने जानकारी दी कि दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू की गई इस सेवा में अब तक 51,000 से अधिक ड्राइवर पंजीकरण करा चुके हैं। उनका कहना था कि यह संख्या अपने आप में इस बात का प्रमाण है कि ड्राइवर समुदाय इस नई सहकारी व्यवस्था को लेकर गंभीर रूप से उत्साहित है।

उन्होंने कहा—
“हमने हाल ही में सहकार टैक्सी सेवा की शुरुआत की है। यह पूरी तरह सहकारी मॉडल पर आधारित है। दिल्ली में इसे प्रायोगिक तौर पर लॉन्च किया गया है और शुरुआत से ही इसमें जबरदस्त रुचि देखने को मिली है। मुझे पूरा विश्वास है कि अगले दो वर्षों में यह टैक्सी सेवा देश की सबसे बड़ी सहकारी टैक्सी कंपनी बन जाएगी।”

Read More सांसदों को धक्का देने पर राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर

ड्राइवरों के लिए पारदर्शी और लाभकारी मॉडल

शाह ने ड्राइवरों के हितों की चर्चा करते हुए कहा कि सहकार टैक्सी सेवा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें ड्राइवरों की कमाई सीधे उनके बैंक खातों में जमा होगी।
उन्होंने जोर दिया कि प्राइवेट एग्रीगेटर्स द्वारा वसूले जाने वाले भारी कमीशन की समस्या से ड्राइवरों को अब राहत मिलेगी।

Read More रूस के कजान शहर में हुआ में 9/11 जैसा हमला

सहकारी मॉडल में ड्राइवर स्वयं ही सहकार संस्था के सदस्य बनते हैं, जिससे लाभ और निर्णय दोनों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित होती है। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ती है बल्कि सेवा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता भी मजबूत होती है।

Read More बांग्लादेशी आतंकी संगठन के 8 आतंकी गिरफ्तार

‘भारत टैक्सी’ नाम से ऐप सेवा

देश की शीर्ष आठ सहकारी संस्थाओं
अमूल, इफको, कृभको, नैफेड, एनडीडीबी, एनसीईएल, एनसीडीसी और नाबार्ड
ने मिलकर इस नई ऑनलाइन राइड सेवा 'भारत टैक्सी' का निर्माण किया है।

‘भारत टैक्सी’ के डिजिटल ऐप के माध्यम से ग्राहक कार, ऑटो और बाइक — तीनों श्रेणियों में सेवाएं बुक कर सकेंगे। इस बहु-स्तरीय सेवा से न केवल ड्राइवरों के लिए अवसर बढ़ेंगे, बल्कि यात्रियों को भी एक भरोसेमंद और किफायती परिवहन विकल्प मिलेगा।

सहकारिता मंत्रालय की बड़ी पहल

सहकारिता मंत्रालय ने हाल के वर्षों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि और लघु उद्योगों को सहकारी ढांचे से जोड़कर एक नए आर्थिक मॉडल की शुरुआत की है। टैक्सी सेवा इसका नवीनतम उदाहरण है, जो शहरी परिवहन क्षेत्र में सहकारी सिद्धांतों को व्यवहारिक रूप देती है।

अमित शाह ने कहा कि सहकारी मॉडल भारत की अर्थव्यवस्था को अधिक समावेशी, न्यायसंगत और सामुदायिक बनाएगा।
उन्होंने जोर देते हुए कहा—
“देश में सहकारिता का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। यह टैक्सी सेवा सामाजिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर परिवर्तनकारी प्रभाव डालेगी।”

निजी कंपनियों को कड़ी चुनौती

ईंधन की महंगाई और कमीशन कटौती के चलते ओला-उबर जैसे एग्रीगेटर्स से पिछले कुछ वर्षों में ड्राइवरों की नाराज़गी बढ़ती रही है। ऐसे में सहकार टैक्सी ड्राइवरों के लिए एक बड़े विकल्प के रूप में उभर रही है।

इस मॉडल में—

  • ड्राइवर मालिक भी हैं,

  • निर्णय लेने में भागीदार भी,

  • और लाभ के हिस्सेदार भी।

इससे उन्हें अपने कार्यक्षेत्र पर अधिक नियंत्रण, सम्मान और स्थायी आय के अवसर मिलते हैं।

यात्रियों के लिए सुरक्षित, भरोसेमंद विकल्प

‘भारत टैक्सी’ ऐप में—

  • लाइव लोकेशन ट्रैकिंग,

  • चालक सत्यापन,

  • डिजिटल भुगतान,

  • 24x7 ग्राहक समर्थन
    जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं।

इससे यह सेवा सुरक्षा, पारदर्शिता और सुविधा के क्षेत्र में निजी कंपनियों को टक्कर देने का दावा करती है।

आने वाले दो वर्षों में राष्ट्रीय विस्तार

सूत्रों के अनुसार, सहकार टैक्सी सेवा को जल्द ही—

  • मुंबई,

  • बेंगलुरू,

  • अहमदाबाद,

  • चेन्नई,

  • लखनऊ,

  • हैदराबाद
    जैसे बड़े शहरों में लॉन्च किया जाएगा।

ड्राइवरों की बढ़ती संख्या और सहकारी संस्थाओं के मजबूत नेटवर्क को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दो वर्षों में यह सेवा पूरे भारत में महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कर लेगी।