IndiGo की मनमानी पर लगाम: सरकारी सख्ती के बाद यात्रियों को मिलेगा पूरा रिफंड
रद्दीकरण पर कोई शुल्क नहीं
नई दिल्ली, 6 दिसम्बर,(एजेंसियां)। देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइन IndiGo को परिचालन में भारी अव्यवस्था और हजारों उड़ानों के रद्द होने के बाद आखिरकार सरकार के कड़े निर्देशों का सामना करना पड़ गया है। केंद्र सरकार के सख्त रुख के बाद इंडिगो ने ऐलान किया है कि 5 दिसंबर से 15 दिसंबर 2025 के बीच रद्द की गई सभी उड़ानों का पूरी तरह रिफंड दिया जाएगा।
इसके साथ ही एयरलाइन ने घोषणा की है कि इन तिथियों के लिए किए गए सभी रद्दीकरण और पुनर्निर्धारण अनुरोधों पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, जिससे लाखों यात्रियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
यह फैसला तब आया जब नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि इंडिगो को 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी प्रभावित यात्रियों को रिफंड जारी करना होगा। मंत्रालय ने चेतावनी भी दी है कि यदि एयरलाइन ने निर्देशों का पालन नहीं किया तो तत्काल नियामक कार्रवाई की जाएगी।
भारी परिचालन संकट के बीच इंडिगो की सफाई
एयरलाइन ने अपने बयान में कहा कि परिचालन में अचानक आए व्यवधानों के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इंडिगो ने कहा कि वह रद्द उड़ानों के पैसों को स्वचालित रूप से उसी भुगतान मोड में जमा करेगा, जिससे यात्रियों को बार-बार शिकायत दर्ज कराने की जरूरत न पड़े।
एयरलाइन ने कहा—
“हमें हुई असुविधा के लिए खेद है। 5 दिसंबर 2025 से 15 दिसंबर 2025 के बीच यात्रा के लिए की गई सभी बुकिंगों के रद्दीकरण और पुनर्निर्धारण पर पूर्ण छूट दी जाएगी। रिफंड स्वतः आपके मूल भुगतान मोड में भेज दिया जाएगा।”
सरकार का सख्त रुख: नियम तोड़ने पर कार्रवाई तय
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि इंडिगो को यह सुनिश्चित करना होगा कि—
-
सभी प्रभावित यात्रियों को 7 दिसंबर तक रिफंड दे दिया जाए
-
रद्द या बाधित उड़ानों के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क न लिया जाए
-
रिफंड प्रक्रिया में देरी होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी
मंत्रालय ने अपनी चेतावनी में यह भी स्पष्ट किया कि यात्रियों के हितों के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, खासकर तब जब एयरलाइन परिचालन में लचर तैयारी करे।
विपक्ष का हमला, UBT और कांग्रेस ने सरकार को घेरा
इंडिगो की मनमानी को लेकर विपक्ष भी आक्रामक है।
-
UBT सांसदों ने इसे “एकाधिकार और सरकारी विफलता” बताया
-
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हजारों लोग एयरपोर्ट पर फंसे रहे और सरकार मूकदर्शक बनी रही
विपक्ष ने मांग की है कि एयरलाइन के परिचालन की स्वतंत्र जांच हो और भगदड़ जैसे हालात पैदा करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
इंडिगो ने मांगा समय: फरवरी 2026 तक स्थिति सामान्य होगी
विस्तारित संकट को देखते हुए इंडिगो ने सरकार से 10 फरवरी 2026 तक समय मांगा है ताकि वह परिचालन और स्टाफिंग को पूरी तरह स्थिर कर सके।
एयरलाइन ने बताया कि—
-
कुछ महीनों से कर्मचारी कमी,
-
पायलट शेड्यूलिंग की गड़बड़ी,
-
तकनीकी खामियों
के कारण उड़ानों की बड़ी संख्या में देरी और रद्दीकरण हो रहे थे।
अगले कुछ सप्ताह में इंडिगो फ्लाइट कटौती कर ऑपरेशंस को सरल बनाने की कोशिश करेगी।
यात्रियों से एयरलाइन की अपील
इंडिगो ने यात्रियों से अपील की है कि—
-
घर से निकलने से पहले फ्लाइट स्टेटस चेक करें
-
कम सामान के साथ यात्रा करें
-
यदि संभव हो तो लचीली या रिफंडेबल टिकट चुनें
यह सलाह उन यात्रियों के लिए खास उपयोगी है जिन्हें निकट भविष्य में यात्रा करनी है।
पायलटों की मांग: सुरक्षा के साथ समझौता न हो
लगातार बढ़ते दबाव के बीच पायलट यूनियनों ने डीजीसीए से आग्रह किया है कि किसी भी एयरलाइन की उड़ान शेड्यूल को तभी मंजूरी मिले जब वह यह प्रमाण दे दे कि—
-
पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध है
-
सुरक्षा मानकों से समझौता नहीं होगा
-
व्यावसायिक दबाव के कारण सुरक्षा नीतियाँ कमजोर नहीं होंगी
यह कदम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
परिचालन संकट ने उठाए कई सवाल
इंडिगो के संकट ने भारत की उड्डयन व्यवस्था में कई गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं—
-
क्या एयरलाइंस लागत घटाने के चक्कर में पर्याप्त स्टाफिंग की अनदेखी कर रही हैं?
-
क्या डीजीसीए उड़ानों की शेड्यूलिंग की समीक्षा में पर्याप्त सख्त है?
-
क्या बड़े पैमाने पर बढ़ती माँग के मुकाबले एयरलाइंस की तैयारी कमजोर है?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह संकट भारत की उड्डयन नीति और निगरानी तंत्र में सुधार की जरूरत की ओर संकेत करता है।
यात्रियों को क्या करना चाहिए?
यदि आपकी उड़ान 5 से 15 दिसंबर 2025 के बीच थी, तो—
-
रद्द बुकिंग का पूरा पैसा मिलेगा
-
पुनर्निर्धारण पर कोई शुल्क नहीं
-
रिफंड स्वतः आपके खाते में आ जाएगा
फिर भी सलाह दी जाती है कि बुकिंग पोर्टल और एयरलाइन ऐप पर स्थिति का स्क्रीनशॉट सुरक्षित रखें।

