Afghanistan–Pakistan सीमा पर ताबड़तोड़ हमले, कई पाक चौकियां तबाह
स्पिन बोल्डक में भड़की भीषण लड़ाई
नई दिल्ली, 6 दिसम्बर,(एजेंसियां)।अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बीती रात एक बार फिर तनाव अपने चरम पर पहुँच गया। कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं के बीच जबरदस्त गोलीबारी हुई, जिसमें कई पाकिस्तानी चौकियों के तबाह होने की खबर है। अफगानिस्तान के आधिकारिक प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने एक्स पर पोस्ट लिखकर पुष्टि की कि यह झड़प पाकिस्तानी सेना की ओर से दागे गए गोले और की गई आक्रामक कार्रवाई के बाद शुरू हुई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सैनिकों ने अफगान सीमा के भीतर मौजूद रहकर हमला किया, जिसके बाद इस्लामिक अमीरात की सेना को जवाब देना पड़ा।
मुजाहिद ने अपने पोस्ट में लिखा कि दुर्भाग्यवश पाकिस्तानी पक्ष ने एक बार फिर स्पिन बोल्डक की ओर गोलाबारी शुरू की, जिसके कारण अफगान बलों को तत्काल प्रतिक्रिया देनी पड़ी। अफगानिस्तान का दावा है कि पाकिस्तान ने बिना किसी उत्तेजना के भारी हथियारों का इस्तेमाल किया, जिससे सीमा क्षेत्र में दहशत फैल गई। अफगान मीडिया और स्थानीय सूत्रों ने बताया कि दोनों तरफ से मोर्टार दागे गए और कई घंटों तक दोनों देशों के जवानों के बीच भीषण संघर्ष चलता रहा।
टोलो न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, झड़पों में चार अफगान नागरिकों की मौत हो गई, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। मृतक अफगान माज़ल गली और लुकमान गाँव के निवासी बताए जा रहे हैं। मोर्टार हमलों के कारण कई घरों को नुकसान पहुंचा है। घायलों में एक महिला और एक पुरुष की हालत नाजुक बताई गई है और उन्हें कंधार के ऐनो मीना अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि देर शाम से लेकर रात भर गोलाबारी की आवाजें आती रहीं, जिसके चलते सीमा इलाकों में रहने वाले लोगों ने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन शुरू कर दिया है।
इसी बीच पाकिस्तान स्थित चमन सीमा पर भी भारी गोलीबारी की पुष्टि हुई है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार देर रात दोनों देशों की सीमा सुरक्षा बलों ने एक-दूसरे पर हमले शुरू करने का आरोप लगाया है। पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि अफगान बलों ने बदानी इलाके में मोर्टार के गोले दागकर संघर्ष की शुरुआत की। पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कई अफगान चौकियों को निशाना बनाया और लंबे समय तक सीमा पर सैन्य गतिविधि तेज रही।
क्वेटा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गोलीबारी शुक्रवार रात लगभग 10 बजे शुरू हुई और देर रात तक जारी रही। उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि दोनों देशों की ओर से भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया और इलाके में धुआँ और धमाकों की आवाजों का सिलसिला रातभर चलता रहा। कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी बलों की शुरुआती गोलाबारी के बाद अफगानिस्तान की ओर से टैंकरोधी हथियारों और रॉकेटों का इस्तेमाल किया गया, जिससे कई पाकिस्तानी पोस्टों को भारी नुकसान हुआ है।
सीमा तनाव में अचानक आई इस बढ़ोतरी ने क्षेत्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। 2021 में अमेरिकी वापसी के बाद से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के संबंध लगातार तनावपूर्ण रहे हैं, खासकर टीटीपी यानी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की गतिविधियों के कारण। पाकिस्तान लगातार दावा करता रहा है कि टीटीपी अफगान सीमा के भीतर पनाह ले रही है और अफगान तालिबान उन्हें रोकने में नाकाम रहा है। दूसरी ओर अफगानिस्तान का आरोप है कि पाकिस्तान अपनी घरेलू असफलताओं और सुरक्षा संकट का दोष अफगानिस्तान पर मढ़ रहा है और सीमा पर तनाव बढ़ाकर अपने भीतर के दबाव से ध्यान हटाना चाहता है।
अफगानिस्तान की शासक तालिबान सरकार ने यह भी कहा कि पाकिस्तान बार-बार सीमा का उल्लंघन कर अफगान क्षेत्र में प्रवेश करता है। स्पिन बोल्डक और चमन, दोनों क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से ड्यूरंड लाइन को लेकर विवाद का हिस्सा रहे हैं और पिछले कई वर्षों में यहाँ कई बार झड़पें हो चुकी हैं। यह क्षेत्र रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दक्षिणी अफगानिस्तान और बलूचिस्तान को जोड़ने वाला प्रमुख व्यापार मार्ग है। इस मार्ग के बंद होने या असुरक्षित होने से दोनों तरफ का व्यापार पूरी तरह ठप हो सकता है, जिसका असर स्थानीय अर्थव्यवस्था पर गंभीर रूप से पड़ता है।
झड़पों के बाद अफगानिस्तान के सीमा मामलों के मंत्रालय ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि लगातार उकसावे या आक्रामक कार्रवाई का परिणाम गंभीर हो सकता है। वहीं पाकिस्तान की ओर से यह कहा जा रहा है कि उसकी सीमा और सैनिकों पर किसी भी तरह का हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। कूटनीतिक चैनलों के ज़रिये बातचीत की संभावनाएँ बेहद कम दिखाई दे रही हैं क्योंकि दोनों पक्ष एक-दूसरे को दोष देने में लगे हुए हैं।
कुल मिलाकर, स्पिन बोल्डक और चमन में छिड़ी यह ताज़ा मुठभेड़ दोनों देशों के बीच गहराते तनाव का संकेत है। क्षेत्र में शांति स्थापना की संभावना फिलहाल बेहद धूमिल दिख रही है। सीमा पर भारी हथियारों का इस्तेमाल, नागरिकों की मौत और दोनों सेनाओं का आक्रामक रुख इस बात का इशारा है कि स्थिति किसी भी समय और अधिक गंभीर हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय पहले ही अफगानिस्तान-पाकिस्तान संबंधों को लेकर चिंतित रहा है, ऐसे में यह संघर्ष न केवल क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ा सकता है बल्कि मानवीय संकट को भी जन्म दे सकता है।

