Varanasi Police ने काशी तमिल संगमम् 4.0 की सुरक्षा के लिए अगली पीढ़ी के ड्रोन किए तैनात
लखनऊ, 6 दिसम्बर,(एजेंसियां)। वाराणसी, धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों का अद्वितीय संगम। यह नगरी आध्यात्मिकता को आत्मसात करती है और परंपराओं को आधुनिक सोच के साथ जोड़कर दुनिया के सामने एक अनूठी मिसाल पेश करती है। ऐसे में काशी तमिल संगमम्—जो दक्षिण और उत्तर भारत की सांस्कृतिक निकटता का सबसे बड़ा प्रतीक बन चुका है—अपने चौथे संस्करण में सुरक्षा के दृष्टिकोण से और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस वर्ष वाराणसी पुलिस ने कार्यक्रम को अभूतपूर्व सुरक्षा देने के लिए अत्याधुनिक तकनीकी व्यवस्था अपनाई है। इनमें सबसे प्रमुख है अगली पीढ़ी के ड्रोन की तैनाती।
वाराणसी आयुक्तालय ने इस बार सुरक्षा व्यवस्था को पिछले वर्षों की तुलना में कई स्तर तक उन्नत किया है। पुलिस उपायुक्त सरवणन थंगमणि ने बताया कि इस बार कुल 10 विशेषज्ञ कर्मियों की एक समर्पित ड्रोन टीम बनाई गई है, जो कार्यक्रम स्थल पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं और प्रतिभागियों की सुरक्षा पर लगातार नजर रख रही है। काशी तमिल संगमम् के महत्वपूर्ण आयोजनों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, धार्मिक यात्राओं तथा भीड़-भाड़ वाले स्थानों की 24 घंटे निगरानी की जा रही है।
सरवणन के अनुसार इस वर्ष ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल केवल संख्या के लिहाज से ही नहीं बढ़ा है, बल्कि उनकी क्षमता और कुशलता में भी भारी वृद्धि की गई है। पिछले वर्ष कुछ सीमित ड्रोन उपयोग में लाए गए थे, लेकिन इस बार तीन उन्नत श्रेणियों—मिनी, माइक्रो और नैनो ड्रोन—को एक साथ तैनात किया गया है। इन ड्रोन में ऐसी तकनीक मौजूद है जो न केवल व्यापक क्षेत्रों की निगरानी कर सकती है, बल्कि सूक्ष्म गतिविधियों पर भी सटीक रिपोर्ट दे सकती है।
सबसे रोचक है मिनी ड्रोन, जिसे वाराणसी पुलिस ने निगरानी व्यवस्था का मुख्य आधार बना दिया है। यह ड्रोन स्वयं चार्ज होने की तकनीक से लैस है, यानी कि पैसिव चार्जिंग सिस्टम की वजह से इसे लगातार 24 घंटे तक उड़ान में रखा जा सकता है। परंपरागत बैटरी आधारित ड्रोन जहां हर कुछ घंटों में चार्ज की आवश्यकता होती है, वहीं यह मिनी ड्रोन बिना रुके पूरे क्षेत्र की लाइव मॉनिटरिंग करता रहता है। यह लगातार रिकॉर्डिंग और रियल-टाइम ट्रांसमिशन की क्षमता के कारण पुलिस नियंत्रण कक्ष का सबसे बड़ा हथियार बन गया है।
दूसरी श्रेणी है माइक्रो ड्रोन, जो बड़े क्षेत्रों की निगरानी में अत्यधिक सक्षम साबित हुआ है। सरवणन ने बताया कि यह ड्रोन लगभग दो किलोमीटर के दायरे की स्पष्ट निगरानी कर सकता है। कार्यक्रम के दौरान भीड़भाड़ वाले हिस्सों और नमो घाट के आस-पास के जंगल क्षेत्र को माइक्रो ड्रोन के हवाले किया गया है। नमो घाट वह प्रमुख स्थल है, जहाँ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी तमिल संगमम् 4.0 का औपचारिक उद्घाटन किया था। चूँकि इस स्थान पर जनसमूह अधिक इकट्ठा होता है, इसलिए माइक्रो ड्रोन की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
तीसरी श्रेणी में आते हैं नैनो ड्रोन—ये छोटे आकार और उच्च तकनीकी क्षमता के चलते पुलिस की ‘इंटेलिजेंस आंख’ माने जा रहे हैं। ये ड्रोन किसी संदिग्ध गतिविधि को बेहद करीब से पकड़ सकते हैं, चाहे वह किसी वाहन का अजीब तरह से देर तक खड़ा रहना हो, किसी अनजान व्यक्ति द्वारा असामान्य गतिविधि, या कोई भी ऐसा दृश्य जो सामान्य परिस्थितियों में तुरंत पकड़ में न आए। नैनो ड्रोन द्वारा ली गई हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरें सीधे पुलिस टीम को भेजी जाती हैं, जिसके आधार पर तत्काल कार्रवाई की जाती है।
तीनों श्रेणियों के ड्रोन द्वारा प्राप्त निगरानी डेटा को सीधे पुलिस की रियल-टाइम मॉनिटरिंग यूनिट से जोड़ा गया है। यह डेटा बिना किसी देरी के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पहुंचाया जाता है, ताकि निर्णय तुरंत लिए जा सकें। इस तरह वाराणसी पुलिस ने पूरी निगरानी को डिजिटल और हाईटेक बना दिया है।
पुलिस की इस उन्नत तकनीकी तैनाती का उद्देश्य सिर्फ सुरक्षा नहीं, बल्कि भीड़ प्रबंधन, आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया और बड़े आयोजनों में कानून-व्यवस्था को सुचारु बनाए रखना भी है। विशाल जनसमूह के बीच यदि कहीं भगदड़ जैसी स्थिति बनती है, या कोई चिकित्सा आपात स्थिति पैदा होती है, तो ड्रोन तुरंत स्थितियों का लाइव वीडियो भेजकर मदद को तेज बनाते हैं।
काशी तमिल संगमम् का यह चौथा संस्करण सांस्कृतिक एकात्मता का एक भव्य उत्सव है, जिसमें तमिलनाडु और काशी की परंपराएँ एक साथ दिखाई देती हैं। लाखों लोगों की उपस्थिति में इस कार्यक्रम को सुरक्षित रूप से सम्पन्न कराना पुलिस और प्रशासन दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य है। ऐसे में ड्रोन तकनीक का यह स्मार्ट उपयोग न केवल प्रशासन की दृढ़ता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि काशी जैसे प्राचीन शहर में भी आधुनिक तकनीक किस तरह परंपरा के साथ कदमताल कर सकती है।
इस उन्नत निगरानी व्यवस्था के चलते काशी तमिल संगमम् 4.0 को अब तक का सबसे सुरक्षित और प्रबंधित आयोजन माना जा रहा है। वाराणसी पुलिस की यह पहल आगामी बड़े आयोजनों के लिए भी एक मॉडल बन सकती है, जहाँ ड्रोन तकनीक कानून व्यवस्था को नए स्तर पर पहुंचाती नजर आएगी।

