इंडिगो पर सरकार का कड़ा प्रहार: 7 दिसंबर तक पूरा रिफंड, 48 घंटे में हर यात्री का बैग घर तक पहुँचे

 — अंतिम चेतावनी जारी

इंडिगो पर सरकार का कड़ा प्रहार: 7 दिसंबर तक पूरा रिफंड, 48 घंटे में हर यात्री का बैग घर तक पहुँचे

नई दिल्ली, 6 दिसम्बर,(एजेंसियां)। इंडिगो के परिचालन संकट ने जिस तरह देशभर में हज़ारों यात्रियों को परेशान किया, उसके बाद अब सरकार ने एयरलाइन के खिलाफ बेहद सख्त रुख अपनाया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा है कि यात्रियों के साथ हो रही लापरवाही अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंत्रालय ने इंडिगो को आदेश दिया है कि उड़ान रद्द या देरी के कारण जिन यात्रियों का सामान अलग रह गया है, उसका पता लगाकर अगले 48 घंटे के भीतर हर हाल में उनके घर तक पहुँचाया जाए। सरकार का यह निर्देश एयरलाइन पर बढ़ते जनाक्रोश और यात्रियों की शिकायतों के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि इंडिगो की तरफ से न तो सामान ढूंढने में कोई गंभीरता दिखाई जा रही है और न ही प्रभावित यात्रियों को समय पर जानकारी दी जा रही है।

नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने स्वयं मामले में हस्तक्षेप करते हुए इंडिगो को साफ शब्दों में निर्देश दिया है कि 7 दिसंबर की रात 8 बजे तक जितने भी रिफंड लंबित हैं, वे सभी भुगतान कर दिए जाएं। यह आदेश इसलिए भी अहम है क्योंकि पिछले कई दिनों से हजारों यात्रियों ने रिफंड में हो रही देरी को लेकर शिकायतें की थीं। मंत्रालय ने कहा है कि संकट की इस घड़ी में एयरलाइन का दायित्व यात्रियों की सहायता करना है, न कि उन्हें और अधिक परेशान करना। यही कारण है कि इंडिगो को यह भी निर्देश दिया गया है कि प्रभावित यात्रियों से किसी भी तरह का पुनर्निर्धारण शुल्क नहीं लिया जाएगा। मंत्रालय चाहता है कि एयरलाइन यात्रियों की मदद के लिए एक समर्पित सहायता और रिफंड सुविधा प्रकोष्ठ स्थापित करे, जिससे हर शिकायत पर तुरंत कार्रवाई हो सके।

सरकार ने सभी घरेलू इकोनॉमी क्लास उड़ानों के लिए अधिकतम किराया सीमा को भी सख्ती से लागू कर दिया है। इंडिगो संकट के चलते उड़ानें रद्द होने से विभिन्न रूटों पर टिकटों के दाम अचानक बढ़ने लगे थे। मंत्रालय ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसीलिए किराया सीमा को तुरंत प्रभाव से लागू किया गया है। अधिकारी मानते हैं कि उड़ानों की बड़ी संख्या में रद्दीकरण के बाद न केवल यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा, बल्कि एयरलाइन की संचालन क्षमता पर भी सवाल उठे हैं।

इंडिगो ने दबाव बढ़ने के बाद अपने कदम तेज किए हैं और 5 से 15 दिसंबर 2025 के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए रद्दीकरण और पुनर्निर्धारण शुल्क पूरी तरह माफ कर दिया है। एयरलाइन का कहना है कि रिफंड स्वचालित रूप से मूल भुगतान माध्यम में भेज दिया जाएगा और यात्रियों को किसी अतिरिक्त प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि एयरलाइन केवल घोषणाएँ न करे, बल्कि जमीन पर उनका पालन भी करे।

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मंत्रालय ने वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग यात्रियों, छात्रों और तत्काल चिकित्सा यात्रा वाले यात्रियों के लिए विशेष प्रबंध और निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि संकट की स्थिति में ऐसे यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा सर्वोपरि है। मंत्रालय की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि पूर्ण परिचालन सामान्यता बहाल होने तक एयरलाइन पर कड़ी नजर रखी जाएगी और अगर आदेशों का पालन नहीं हुआ, तो आगे की कार्रवाई अनिवार्य होगी।

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सरकार की यह चेतावनी, और इंडिगो पर बढ़ता दबाव, यह संकेत है कि अब एयरलाइन को अपनी नीतियों और संचालन में व्यापक बदलाव लाने होंगे। यात्रियों की परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार का झुकाव सख्त कार्रवाई की ओर साफ दिख रहा है और यह संकट एयरलाइन के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है।

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