कर्नाटक मुद्दे पर कांग्रेस में बढ़ती दरार

कर्नाटक मुद्दे पर कांग्रेस में बढ़ती दरार

सोनिया गांधी आवास पर मैराथन बैठक भी बेनतीजा

नई दिल्ली, 7 दिसम्बर,(एजेंसियां)। कर्नाटक में कांग्रेस की सत्ता को लेकर जारी खींचतान एक बार फिर दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का केंद्र बनी रही। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच नेतृत्व को लेकर लंबे समय से चल रही तकरार ने पार्टी नेतृत्व के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। इस बीच, शनिवार को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें कर्नाटक की मौजूदा परिस्थिति और नेतृत्व संबंधी उथल-पुथल पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। हालांकि बैठक किसी ठोस नतीजे के बिना समाप्त हो गई, लेकिन जल्द ही एक और दौर की चर्चा होने की संभावना जताई गई है।

कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार ने 20 नवंबर को अपने पांच वर्ष के कार्यकाल का आधा दौर पूरा कर लिया है। इसी समय सीमा के बाद से ही राज्य में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलें तेज हो गईं। सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता संतुलन को लेकर पहले दिन से ही तनाव की स्थिति रही है। 2023 में चुनाव जीतने के बाद पार्टी नेतृत्व ने संतुलन साधते हुए दोनों नेताओं के बीच एक समझौता तैयार किया था, जिसके मुताबिक कार्यकाल के मध्य में नेतृत्व परिवर्तन का प्रावधान अनौपचारिक रूप से माना गया था। अब वही वक्त आने पर राजनीतिक दबाव और नेताओं की इच्छाओं ने विवाद को तेज कर दिया है।

शनिवार की बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी गई क्योंकि इसमें कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्वयं हिस्सा लिया। उनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और एआईसीसी महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल भी मौजूद थे। पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने इस बैठक को संघीय ढांचे की मजबूती और पार्टी की आंतरिक एकजुटता के संदर्भ में बेहद संवेदनशील माना। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस हाईकमान फिलहाल किसी भी प्रकार का बड़ा निर्णय बिना विस्तृत परामर्श के नहीं लेना चाहता।

बैठक के बाद वेणुगोपाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बैठक में देश की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा हुई। कर्नाटक की स्थिति पर भी विचार हुआ, लेकिन इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय के लिए एक और बैठक की आवश्यकता बताई गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है और कर्नाटक कांग्रेस में भी एकता बनी हुई है। वेणुगोपाल ने यह भी स्पष्ट किया कि नेतृत्व परिवर्तन या किसी बड़े फैसले पर जल्दबाज़ी नहीं की जाएगी।

Read More जनरल बिपिन रावत की संदेहास्पद मौत की जांच हुई या लीपापोती?

उधर, कर्नाटक में भी दिनभर राजनीतिक घटनाक्रम जारी रहा। उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार बेंगलुरु में मल्लिकार्जुन खरगे के साथ विधान सौध से एयरपोर्ट तक एक कार्यक्रम में शामिल हुए। दोनों ने डॉ. भीमराव आंबेडकर की 69वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी। इस साझा उपस्थिति ने राज्य की सियासत में नई अटकलों को हवा दी कि शायद दोनों नेताओं के बीच नेतृत्व को लेकर कुछ बातचीत हुई है, लेकिन इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि सामने नहीं आई।

Read More एलपीजी ट्रक और सीएनजी टैंकर की टक्कर से हुआ विस्फोट, 11 लोगों जिंदा जल गए

कर्नाटक की राजनीति में यह संघर्ष इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस की जीत के बाद राज्य पार्टी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर शक्ति केंद्र बनाने की उम्मीद थी। लोकसभा चुनावों के बाद कांग्रेस जिस तरह दक्षिण भारत को अपने राजनीतिक आधार के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रही है, उसमें कर्नाटक की स्थिरता विशेष मायने रखती है। राज्य में यदि नेतृत्व विवाद बढ़ता है, तो इसका प्रभाव राष्ट्रीय राजनीति तक देखने को मिल सकता है।

Read More सांसदों को धक्का देने पर राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर

इसके अतिरिक्त, पार्टी ने 14 दिसंबर को 'वोट चोरी' के खिलाफ होने वाली रैली और देशभर की राजनीतिक परिस्थितियों पर भी रणनीतिक चर्चा की। कांग्रेस इस रैली को भाजपा के खिलाफ अपने बड़े जन अभियान का हिस्सा बना रही है। ऐसे में समय से पहले कर्नाटक में किसी बड़े परिवर्तन से पार्टी की राष्ट्रीय रणनीति प्रभावित हो सकती है, जिस कारण केंद्रीय नेतृत्व अत्यधिक सावधानी बरतता दिखाई दे रहा है।

कर्नाटक में कांग्रेस की आंतरिक राजनीति का स्वरूप जटिल रहा है। सिद्धरमैया राज्य के अनुभवी और जनाधार वाले नेता हैं, जबकि डी.के. शिवकुमार संगठन पर अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं और लंबे समय से मुख्यमंत्री पद की इच्छा रखते रहे हैं। दोनों नेताओं के समर्थक अपने-अपने गुटों को मजबूत करने में लगे हुए हैं, जिसके कारण राज्य की राजनीति में तनाव समय-समय पर सतह पर आ जाता है।

शनिवार को हुई बैठक का परिणाम चाहे तत्काल न निकला हो, लेकिन इतना स्पष्ट है कि हाईकमान अभी भी दोनों नेताओं के बीच संतुलन बनाने की कोशिश में है। पार्टी चाहती है कि सरकार स्थिर रहे, जनता में अच्छा संदेश जाए और आगामी चुनावों में कांग्रेस अपनी स्थिति मजबूत रख सके। अब आगे की बैठक में क्या फैसला होता है, यह आने वाले दिनों में कर्नाटक की राजनीति का स्वरूप तय करेगा।


Meta Keywords

कर्नाटक कांग्रेस संकट, सिद्धरमैया, डीके शिवकुमार, सोनिया गांधी बैठक, कांग्रेस नेतृत्व विवाद, मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, कांग्रेस हाईकमान, कर्नाटक राजनीति, कांग्रेस सरकार

Meta Description

कर्नाटक में नेतृत्व विवाद के बीच कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने सोनिया गांधी के आवास पर बैठक की। सिद्धरमैया और डी.के. शिवकुमार के बीच तनाव पर चर्चा हुई, लेकिन कोई निर्णय नहीं निकला। पार्टी ने जल्द एक और बैठक बुलाने के संकेत दिए।

Tags: