कर्नाटक विधानसभा सत्र में किसानों के मुद्दों पर घमासान
भाजपा ने सरकार को घेरा
बेंगलुरु, 8 दिसम्बर,(एजेंसियां)।कर्नाटक विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ, जहां किसानों के लंबित मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस देखने को मिली। सत्र से पहले ही बेंगलुरु और बेलगावी में किसान संगठनों ने प्रदर्शन का ऐलान किया था, जिसके बाद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी।
विपक्षी भाजपा और जेडी(एस) ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों की समस्याओं, विशेषकर सिंचाई संकट, फसल खरीद और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर गंभीर नहीं है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार सिर्फ घोषणाएँ कर रही है, जबकि जमीनी स्तर पर किसानों की स्थिति और खराब होती जा रही है।
वहीं सत्ता पक्ष ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार पहले ही राहत पैकेज और सिंचाई परियोजनाओं पर तेज गति से काम कर रही है। उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बयान – “राज्य में आने वाले दिनों में बदलाव की तैयारी करें” – ने सत्र को और अधिक राजनीतिक रंग दे दिया है। विपक्ष ने इसे "सरकार के अंदरूनी असंतोष" का संकेत बताया, जबकि कांग्रेस ने कहा कि बयान का गलत अर्थ निकाला जा रहा है।
सत्र को देखते हुए पुलिस ने पूरे विधान सौध क्षेत्र और बेंगलुरु के संवेदनशील हिस्सों में अतिरिक्त बल तैनात किया है। किसान संगठनों का कहना है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, कर्नाटक की राजनीति इस समय किसानों, नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं और विपक्षी रणनीति — तीनों के कारण उबाल पर है, और सत्र आने वाले सप्ताहों में और ज्यादा विवादित हो सकता है।

