CDF बनते ही आसिम मुनीर ने भारत के खिलाफ उगला जहर

भारतीय सेना करारा सबक सिखाने के लिए पूरी तरह तैयार

CDF बनते ही आसिम मुनीर ने भारत के खिलाफ उगला जहर

नई दिल्ली, 9 दिसम्बर,(एजेंसियां)। पाकिस्तान के सैन्य ढांचे में एक बड़े पुनर्गठन के बीच आसिम मुनीर को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज़ (CDF) बनाया गया है। यह पद भारत के CDS मॉडल की सीधी नकल माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मुनीर पहले से ही चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) हैं, और अब नए पद के मिलने के बाद सेना, वायुसेना, नौसेना और परमाणु नियंत्रण, सभी की कमान एक ही व्यक्ति के हाथ में आ गई है। पदभार ग्रहण करते ही मुनीर ने भारत के खिलाफ कड़े शब्दों में चेतावनी दी, जिससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ गया है।

GHQ में अपने पहले आधिकारिक संबोधन में मुनीर ने कहा कि यदि भारत ने कोई भी “आक्रामक कदम” उठाया तो पाकिस्तान की प्रतिक्रिया “पहले से कहीं अधिक कठोर, तीव्र और विनाशकारी” होगी। उनका यह बयान पाकिस्तान की परंपरागत सैन्य बयानबाजी जैसा तो है ही, लेकिन CDF बनने के तुरंत बाद यह संदेश अधिक संवेदनशील और गंभीर माना जा रहा है।

मुनीर इससे पहले भी कई मौकों पर भारत के खिलाफ उग्र टिप्पणी कर चुके हैं, और खुद पाकिस्तान के ‘अस्तित्वगत संकट’ की स्थिति में “अभूतपूर्व प्रतिक्रिया” की चेतावनी दे चुके हैं। लेकिन पाकिस्तान के वर्तमान राजनीतिक और आर्थिक संकट को देखते हुए विश्लेषकों का मानना है कि यह चेतावनी वास्तविक सामरिक क्षमता से अधिक, एक राजनीतिक संदेश के रूप में है, जिसका उद्देश्य आंतरिक असंतोष और अस्थिरता से जनता का ध्यान हटाना है।

पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति और बाहरी बयानबाजी

हकीकत यह है कि पाकिस्तान इस समय गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है, महंगाई चरम पर है और IMF की शर्तें जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल रही हैं। राजनीतिक अस्थिरता और सैन्य-सिविल संघर्ष ने देश को और कमजोर बना दिया है। ऐसे में भारत-विरोध का पुराना नारा वहाँ की सेना के लिए हमेशा की तरह एक आसान राजनीतिक हथियार बन जाता है।

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विशेषज्ञों का मानना है कि CDF पद को स्थापित कर सेना एक बार फिर पाकिस्तान की राजनीति और नीति-निर्माण पर अपनी पकड़ को और मजबूत कर रही है। ऐसे में आसिम मुनीर का भारत को लेकर उग्र बयान एक अंदरूनी रणनीति का हिस्सा अधिक लगता है, न कि वास्तविक सैन्य इरादा।

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भारत की स्थिति: पहले से ज्यादा मजबूत, निर्णायक और जवाबी क्षमता संपन्न

दूसरी ओर, भारत आज 2025 में आर्थिक, सामरिक और तकनीकी रूप से पहले से कहीं अधिक मजबूत स्थिति में है। भारतीय सेना की युद्ध तैयारी, आधुनिककरण, अत्याधुनिक मिसाइलों, तेज़ प्रतिक्रिया क्षमता और साइबर व अंतरिक्ष सुरक्षा तंत्र पिछले एक दशक में अभूतपूर्व रूप से उन्नत हुआ है।

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विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पाकिस्तान किसी भी प्रकार का दुस्साहस करता है—चाहे वह सीमा पर छोटी उकसावट हो या प्रॉक्सी आतंकवाद—भारत अब न केवल तत्काल जवाब देगा, बल्कि जवाब निर्णायक और गहरे प्रभाव वाला होगा।

भारतीय सैन्य सिद्धांत में हाल के वर्षों में यह स्पष्ट किया गया है कि पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद या संघर्ष की स्थिति में प्रतिक्रिया रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक और रणनीतिक रूप से विनाशकारी होगी।

पिछले वर्षों में भारत द्वारा किए गए सीमापार ऑपरेशनों ने यह साफ कर दिया है कि भारतीय सेना अब केवल चेतावनी देने तक सीमित नहीं रहती, बल्कि अवसर मिलने पर निर्णायक आघात भी करती है। पाकिस्तान इस सच्चाई से भली-भांति परिचित है।

अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में भारत की स्थिति

आज की वैश्विक राजनीति में भारत एक स्थिर, जिम्मेदार और विश्वसनीय शक्ति के रूप में उभरा है। अमेरिका, यूरोप, खाड़ी देश, जापान और ऑस्ट्रेलिया सभी भारत के रणनीतिक साझेदार हैं। विश्व समुदाय यह जानता है कि भारत संघर्ष नहीं चाहता, पर राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा के मामले में भारत कड़ा कदम उठाने में हिचकेगा नहीं।

इसके विपरीत, पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय साख लगातार गिर रही है। IMF और विश्व बैंक की कठोर टिप्पणियाँ, FATF का दबाव, आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई में ढिलाई, और आर्थिक बदहाली ने पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर कमजोर बना दिया है। ऐसी स्थिति में मुनीर के बयान पाकिस्तान की कूटनीतिक साख को और नुकसान पहुँचा सकते हैं।

भारत के लिए यह बयान कितना महत्वपूर्ण?

मुनीर का बयान भारत के लिए नया नहीं है। पाकिस्तान की सेना अक्सर इस प्रकार की धमकियों को अपनी आंतरिक प्रतिष्ठा बचाने के लिए इस्तेमाल करती रही है। लेकिन इस बार अंतर यह है कि पाकिस्तान का रक्षा ढाँचा एक नई संरचना में बदल रहा है और CDF का पद एक व्यक्ति को अत्यधिक अधिकार देता है।

भारत के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान की उकसावेभरी बयानबाजी में वास्तविक खतरा कम और राजनीतिक उद्देश्य अधिक छिपा है। भारत की रणनीति हमेशा से यही रही है कि वह शांति चाहता है, पर अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के साथ किसी प्रकार का खिलवाड़ स्वीकार नहीं करेगा।

यदि पाकिस्तान ने कोई गलती की तो?

भारत के पास आज अत्याधुनिक मिसाइल प्रणाली, राफेल जैसे लड़ाकू विमान, मजबूत थलसेना, उन्नत नौसेना क्षमता, उपग्रह-निगरानी तंत्र और साइबर युद्ध क्षमता मौजूद है। पाकिस्तान की जर्जर अर्थव्यवस्था और कमजोर बुनियादी ढांचा किसी भी बड़े सैन्य तनाव को झेलने की स्थिति में नहीं है।

इसलिए यदि पाकिस्तान किसी भी प्रकार का सैन्य दुस्साहस करता है, तो उसकी कीमत उसे राजनीतिक, आर्थिक और सामरिक सभी मोर्चों पर विनाशकारी रूप से चुकानी पड़ेगी। यह स्थिति पाकिस्तान के लिए आत्मघाती होगी।

 

आसिम मुनीर की चेतावनी अधिकतर राजनीतिक दिखती है। भारत एक जिम्मेदार शक्ति होने के नाते क्षेत्र में शांति चाहता है, परंतु यदि पाकिस्तान इसे कमजोरी समझने की गलती करता है, तो भारतीय सेना का जवाब इस बार तेज़, व्यापक और निर्णायक होगा।

मुनीर को यह समझ लेना चाहिए कि भारत की सैन्य शक्ति 2025 में किसी भी प्रकार की उकसावे के सामने पीछे हटने जैसी नहीं रही। भारत की शांति नीति उसकी ताकत है, लेकिन सुरक्षा के मामले में भारत किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगा।

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