यात्रियों को अब नहीं होगी परेशानी! IndiGo के CEO पीटर एल्बर्स का दावा
—फ्लाइट संचालन पूरी तरह सामान्य, माफ़ी के साथ भरोसा भी
नई दिल्ली, 9 दिसम्बर,(एजेंसियां)। देश की सबसे बड़ी निजी विमानन कंपनी इंडिगो ने बीते एक सप्ताह से जारी गड़बड़ी और भारी अव्यवस्था के बाद अब अपने संचालन को सामान्य घोषित कर दिया है। यह भरोसा खुद IndiGo एयरलाइंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पीटर एल्बर्स ने मंगलवार को जारी एक विस्तृत बयान में दिया। देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर पिछले कुछ दिनों से फ्लाइट रद्द होने, देरी, पायलटों की कमी और तकनीकी वजहों से यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। हज़ारों यात्री एयरपोर्ट पर फंसे रहे, कई यात्राओं में घंटों की देरी हुई और सैकड़ों उड़ानें रद्द की गईं। इस संकट ने न केवल यात्रियों की नाराज़गी बढ़ाई, बल्कि एयरलाइन प्रबंधन की क्षमताओं पर सवाल भी खड़े किए। हालांकि आज जारी किए गए ताज़ा बयान से संकट के कम होने और व्यवस्था सामान्य होने के संकेत मिले हैं।
पीटर एल्बर्स ने अपने बयान में माना कि हालिया दिनों में एयरलाइन को भारी परिचालन दबाव का सामना करना पड़ा, जिसका सीधा प्रभाव यात्रियों पर पड़ा। उन्होंने कहा कि यह स्थिति इंडिगो की सामान्य कार्यप्रणाली से बिल्कुल अलग थी, और कंपनी इस बात को लेकर बेहद गंभीर है कि लाखों लोग अपने महत्वपूर्ण काम, कार्यक्रम और पारिवारिक जिम्मेदारियों के लिए उसपर निर्भर रहते हैं। एल्बर्स ने अपनी प्रतिक्रिया में यात्रियों से स्पष्ट रूप से माफ़ी मांगते हुए कहा कि आपमें से हज़ारों लोगों की यात्रा प्रभावित हुई और इसके लिए हम दिल से खेद व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि हवाई यात्रा सिर्फ एक परिवहन साधन नहीं, बल्कि भावनाओं, महत्वाकांक्षाओं और आशाओं को जोड़ने का माध्यम है, और इंडिगो इस बात को अच्छी तरह समझती है कि हर यात्री की यात्रा उसके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
सीईओ ने कहा कि इंडिगो ने संकट के तुरंत बाद अपनी प्राथमिकताओं को तय किया, जिसमें सबसे पहला लक्ष्य था—फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित और जल्द से जल्द उनके गंतव्य या घर तक पहुँचाना। इस दौरान एयरलाइन की टीम ने 24 घंटे लगातार काम करके यात्रियों की तत्काल सहायता सुनिश्चित की। एल्बर्स ने कहा कि अब हमारी सभी उड़ानें सामान्य रूप से संचालित हो रही हैं और परिचालन स्थिर है। उन्होंने बताया कि एयरलाइन ने आंतरिक रूप से कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो सके।
संकट के दौरान एयरलाइन के रद्दीकरण के फैसले ने हजारों यात्रियों को आर्थिक परेशानी भी दी। इस संबंध में एल्बर्स ने कहा कि कंपनी ने बिना किसी सवाल-जवाब के रिफंड जारी करना शुरू किया। अब तक लाखों यात्रियों को उनका पूरा रिफंड जारी किया जा चुका है। एयरलाइन ने यह भी दावा किया कि रिफंड प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और इसे रोजाना अपडेट किया जा रहा है। इंडिगो ने बताया कि उनकी टीमों ने अधिकांश यात्रियों का सामान उनके घर तक पहुंचा दिया है और बाकी बैग भी पूरी सावधानी से जल्द भेजे जा रहे हैं।
इसी बीच, इस पूरे संकट के चलते केंद्र सरकार भी सक्रिय हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्थिति पर कड़ी टिप्पणी के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो की 115 उड़ानें अस्थायी रूप से घटाई थीं, ताकि एयरलाइन पर दबाव कम हो सके और वह अपनी सेवाओं को सामान्य कर सके। DGCA ने हाल ही में एयरलाइन के सीईओ को नोटिस भी जारी किया था, जिसमें पूछा गया था कि यात्री सुविधाओं और सुरक्षा मानकों का उल्लंघन कैसे हुआ। इस कदम के बाद इंडिगो ने अपने परिचालन की समीक्षा तेज़ी से की और अब कंपनी दावा कर रही है कि स्थिति नियंत्रित है।
इंडिगो के सीईओ ने कहा कि विमानन क्षेत्र की खूबसूरती यह है कि यह लोगों के सपनों और जरूरतों को पंख देता है। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि इंडिगो अब पहले से अधिक मजबूत होकर काम कर रही है और भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न आए, इसके लिए कंपनी सभी आवश्यक कदम उठा रही है। एयरलाइन प्रबंधन ने यह भी स्पष्ट किया कि यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और भरोसा ही उसके संचालन का मूल आधार है और इसे किसी भी परिस्थिति में प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।
बयान के अंत में एल्बर्स ने यह भी दोहराया कि इंडिगो अब सामान्य गति से उड़ानें संचालित कर रही है और सभी संचालन समय पर चल रहे हैं। हालांकि यात्रियों ने राहत की सांस ली है, फिर भी यह सवाल बना रहेगा कि देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इतने बड़े संकट में कैसे फंस गई और क्या इसके पीछे प्रबंधन में किसी गहरी खामी या आंतरिक असंतोष की भूमिका रही। फिलहाल, इंडिगो की उड़ानें पटरी पर लौट आई हैं और एयरलाइन यात्रियों का विश्वास फिर से जीतने की कोशिश में लगी है।

