हैदराबाद में जल संकट पर हाहाकार, सरकार ने आपात बैठक बुलाकर नए कदमों का ऐलान किया
हैदराबाद, 9 दिसम्बर (एजेंसियां)। शहर में बढ़ते जल संकट ने सरकार और स्थानीय प्रशासन को अलर्ट मोड पर ला दिया है। पिछले कई हफ्तों से लगातार घटते जलस्तर और अनियमित जलापूर्ति के कारण नागरिक परेशान हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने आपात बैठक बुलाकर संकट से निपटने के लिए कई अहम निर्णय लिए। बैठक में जल बोर्ड, नगर निगम, आपदा प्रबंधन और राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया गया।
सरकारी समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार, शहर के प्रमुख जलाशयों—हिमायत सागर, उस्मान सागर और मांनहेड़—में जलस्तर पिछले दस वर्षों के न्यूनतम स्तर पर पहुँच गया है। इससे शहर के दक्षिण और पश्चिमी इलाकों में जलापूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। कई कॉलोनियों में तीन से चार दिन में एक बार ही पानी पहुँच रहा है, जिसके चलते टैंकरों की मांग अचानक बढ़ गई है। प्रशासन के मुताबिक, टैंकरों की आपूर्ति दोगुनी कर दी गई है, ताकि किसी भी इलाके में पानी की किल्लत न हो।
मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद कहा कि सरकार संकट को लेकर गंभीर है और किसी भी नागरिक को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अगले सात दिनों में 120 नए बोरवेल लगाने की प्रक्रिया तेज की जाएगी और बड़ी आवासीय सोसाइटियों के लिए विशेष 'वाटर मॉनिटरिंग सेल' बनाया जाएगा। इसके अलावा, सरकार ने बंगलूरू और नागपुर जैसे शहरों के मॉडल पर 'रीसाइकल्ड वॉटर प्रोजेक्ट' को भी तेज करने के निर्देश दिए।
जल बोर्ड ने नागरिकों से पानी के संरक्षण की अपील की है और कहा है कि अगले सप्ताह से अवैध जल कनेक्शनों पर कड़ी कार्रवाई शुरू की जाएगी। बढ़ते संकट के बीच सरकार का दावा है कि फरवरी तक शहर को राहत देने के लिए वैकल्पिक स्रोतों को सक्रिय कर दिया जाएगा।

