बंग के रंग में भंग

बंग के रंग में भंग

महेश बैंक चुनाव में महिलाओं की भागीदारी को लेकर उठे सवालों के बीच संस्थापक पैनल को महिला शक्ति का व्यापक समर्थन मिला। महिला वर्ग में संस्थापक पैनल की दोनों प्रत्याशी अल्का झावर और कविता तोष्णीवाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों पर भारी बढ़त दर्ज की। रजनी राठी और तारा मालू के बीच अंतर इतना अधिक रहा कि परिणाम स्पष्ट रूप से संस्थापक गुट के पक्ष में झुके दिखाई दिए। इसके साथ ही महिलाओं की उपस्थिति ने पूरे निर्वाचन क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार किया।

चुनाव प्रक्रिया 7 और 8 दिसंबर 2025 को सम्पन्न हुई। एससी/एसटी श्रेणी से इस बार कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं था। 9 दिसंबर को नाम वापस लेने की अंतिम तिथि के बाद मतदान अधिकारी ने योग्य उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की। यदि आवश्यक हुआ तो 19 दिसंबर को सुबह 11 बजे मतदान कराया जाएगा। इससे पहले 8 दिसंबर की सुबह 8 बजे से आयोजित निर्वाचन प्रशिक्षण सत्र में सभी प्रतिनिधियों को मतदान प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी गई।

चुनाव के दौरान कई मतदान केंद्रों पर कुछ मतपेटियों में गड़बड़ी की आशंका जताई गई। बताया गया कि कुछ मतदाता समझाने के लिए बांटे गए डमी मत–पत्रों को ही असली समझकर मतपेटी में डाल आए थे। इसके अलावा कुछ ऐसे मत–पत्र भी पाए गए जिनमें एक से अधिक चिन्ह बना दिए गए थे, जिससे वे स्वतः ही अमान्य हो गए। इस स्थिति ने मतदान अधिकारियों को अतिरिक्त सतर्कता के साथ पुनः जांच करने के लिए बाध्य किया।

देश के विभिन्न क्षेत्रों में फैली शाखाओं में शांतिपूर्ण मतदान के बीच अंतिम बैलेट बॉक्स देर शाम तक मुख्य केंद्र तक पहुंचाया गया। देर रात सोशल मीडिया पर गहरी नाराजगी भी झलकती रही, विशेषकर उन मतदाताओं के बीच जिन्हें लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ा। वहीं कई केंद्रों पर पुलिस बंदोबस्त मजबूत होने के कारण मतदान निर्बाध रूप से चला।

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संस्थापक पैनल के समर्थकों का दावा है कि इस बार परिणाम ऐतिहासिक रहेंगे और महिला वर्ग का अभूतपूर्व समर्थन पैनल को निर्णायक बढ़त देगा। हालांकि, अंतिम परिणाम आने तक दोनों पक्षों के समर्थक टकटकी लगाए बैठे हैं।

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