घुसपैठियों के खिलाफ योगी सरकार का सर्जिकल स्ट्राइक अभियान तेज
गांवों-शहरों में व्यापक धरपकड़
लखनऊ, 10 दिसम्बर,(एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने और कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से घुसपैठियों के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ दिया है। सरकारी बयान के अनुसार यह अभियान “सर्जिकल स्ट्राइक” की तर्ज पर संचालित किया जा रहा है, जिसके तहत राज्यभर में संदिग्ध विदेशी नागरिकों की पहचान, सत्यापन और निरुद्ध केंद्रों में रखे जाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। सरकार का कहना है कि यह कदम न केवल सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि सरकारी योजनाओं के लाभ को वास्तविक पात्रों तक पहुंचाने में भी सहायक सिद्ध होगा।
बयान में स्पष्ट किया गया है कि कई क्षेत्रों में घुसपैठियों के कारण सरकारी संसाधनों पर अनधिकृत बोझ बढ़ा है और योजनाओं का लाभ अपात्र लोगों तक पहुंच रहा है। ऐसे में सरकार ने ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति अपनाते हुए यह अभियान शुरू किया है। घुसपैठियों को निरुद्ध केंद्र भेजने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है और इन केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था को अभेद बनाया गया है, जिसे भेद पाना किसी के लिए संभव नहीं होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकों से अपील की है कि वे घरेलू और व्यावसायिक कार्यों में किसी भी व्यक्ति को नियुक्त करने से पहले उसकी पहचान अवश्य सत्यापित करें। उन्होंने कहा कि राज्य की सुरक्षा, सामाजिक संतुलन और सुदृढ़ कानून-व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। योगी ने बताया कि अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कठोर और निर्णायक अभियान चलाया जा रहा है। सभी नगर निकायों को संदिग्ध विदेशी नागरिकों की सूची तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि उच्चतम न्यायालय ने हाल में टिप्पणी की थी कि घुसपैठियों के लिए देश में लाल कालीन नहीं बिछाया जा सकता। इस टिप्पणी को प्रदेश सरकार ने सुरक्षा-सुदृढ़ीकरण के अभियान के समर्थन के रूप में देखा है। योगी ने कहा कि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि राज्य के संसाधनों और योजनाओं का लाभ केवल भारतीय नागरिकों और पात्र व्यक्तियों तक ही पहुंचे।
प्रदेश के विभिन्न शहरों में जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। नेताओं और जनप्रतिनिधियों द्वारा दुकानदारों और स्थानीय नागरिकों से कहा जा रहा है कि नौकरी पर रखने से पहले व्यक्ति की पहचान और दस्तावेज़ों की जांच अवश्य करवाएं। इसी क्रम में लखनऊ की मेयर भी सड़कों पर उतरीं और लोगों को पहचान सत्यापन के प्रति जागरूक किया।
सरकार का दावा है कि इस सघन कार्रवाई से अपराधों पर नियंत्रण आसान होगा, अवैध गतिविधियों में गिरावट आएगी और नागरिकों का विश्वास बढ़ेगा। साथ ही, प्रदेश की सुरक्षा-व्यवस्था और सामाजिक संतुलन दोनों मजबूत होंगे। सरकार ने कहा है कि यह अभियान निरंतर जारी रहेगा और किसी भी संदिग्ध विदेशी नागरिक को बख्शा नहीं जाएगा।

