भारत ने खरीदे परमाणु दागने में सक्षम 26 राफेल मरीन
नई दिल्ली, 28 अप्रैल, (एजेंसी)। भारत ने अपनी नौसेना की समुद्री फायर-पावर को बड़ी छलांग देने के लिए फ्रांस से 26 अति आधुनिक राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का समझौता किया है। राफेल नौसैनिक विमानों की आपूर्ति हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की सामरिक क्षमता को नया आयाम देगी। हिंद महासागर इलाके में चीनी नौसेना की सक्रिय और आक्रामक सामरिक मौजूदगी के मद्देनजर भारतीय नौसेना के हवाई बेड़े में राफेल को शामिल किया जाना शक्ति संतुलन रणनीति के लिहाज से अहम है।
64000 करोड़ रुपए का है यह रक्षा सौदा
भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच हुए अंतर-सरकारी समझौते के तहत 26 समुद्री राफेल जेट की खरीद पर करीब 64000 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसमें 22 राफेल जेट सिंगल सीटर और चार ट्विन-सीटर होंगे। भारत-फ्रांस के बीच हुए इस रक्षा खरीद समझौते की शर्तों के अनुसार भारतीय नौसेना को राफेल नौसैनिक लड़ाकू विमानों की आपूर्ति तीन साल बाद यानि वर्ष 2028 से शुरू होगी और अगले तीन सालों में सभी विमानों की आपूर्ति की जाएगी। इस हिसाब से फ्रांस वर्ष 2030 तक नौसेना को सभी 26 लड़ाकू राफेल जेट की आपूर्ति कर देगा।
2028 से नौसेना को शुरू होगी राफेल की आपूर्ति
रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस के सशस्त्र बल मंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नू ने राफेल खरीद से जुड़े अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। जबकि रक्षा मंत्रालय में समुद्री मामलों के प्रभारी संयुक्त सचिव दिनेश कुमार और राफेल का निर्माण करने वाली फ्रांसीसी विमानन कंपनी डसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर के बीच खरीद अनुबंध पर औपचारिक रूप से सोमवार को नौसेना भवन में हस्ताक्षर किए गए।