सीटी रवि ने सांप्रदायिक ग्रंथों पर प्रतिबंध लगाने का किया आग्रह
-तटीय अशांति को घृणास्पद उपदेश से जोड़ा
मेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| भाजपा एमएलसी सी टी रवि ने सांप्रदायिक और नफरत फैलाने वाले विदेशी धार्मिक ग्रंथों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की| उन्होंने दावा किया कि दक्षिण कन्नड़ जिले में चल रहे सांप्रदायिक तनाव की जड़ में ऐसे ग्रंथ हैं और पुलिस विभाग से उनके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया| रवि की टिप्पणी जिले में सुहास शेट्टी और अब्दुल रहमान की हत्याओं सहित कई घटनाओं की पृष्ठभूमि में आई है|
इन घटनाओं का अध्ययन करने और शांति बहाल करने की दिशा में कदम उठाने की सिफारिश करने के लिए भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को क्षेत्र का दौरा करने वाला है| रवि ने कहा कि वरिष्ठ नेता बी के हरिप्रसाद के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल भी हाल ही में इसी तरह के इरादे से आया था और पुलिस ने इस दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं| रवि ने पुलिस को कई सुझाव दिए और दावा किया कि सांप्रदायिक संघर्ष की जड़ें गोहत्या, ‘लव जिहाद’ और धर्मांतरण में हैं|
उन्होंने कहा जब पुलिस गायों की हत्या करने वालों और विरोध करने वालों दोनों के साथ समान व्यवहार करती है, तो अन्याय होता है| उन्होंने मांग की कि गोहत्या बंद की जाए, लव जिहाद- जिसे उन्होंने एक संगठित गतिविधि बताया- पर अंकुश लगाया जाए और धर्मांतरण को सख्ती से नियंत्रित किया जाए| उन्होंने ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों के लिए वित्तीय सहायता के स्रोत पर भी सवाल उठाया|
उन्होंने आरोप लगाया इतना आसान पैसा कहां से आ रहा है? कुछ लोग धार्मिक कारणों से इन गतिविधियों को वित्तपोषित कर रहे हैं| इस पैसे का इस्तेमाल ड्रग्स, अवैध रेत खनन और सट्टेबाजी के लिए किया जा रहा है| उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि उनके विभाग का कोई भी सदस्य ऐसे नेटवर्क में शामिल न हो| तीखी फटकार लगाते हुए रवि ने पुलिस पर कुलीन और अपराधी दोनों को एक ही तराजू पर तौलने का आरोप लगाया| उन्होंने पुलिस को ८० वर्षीय पूवप्पा और सीताराम के घर जाने की सलाह दी, जिन्हें उन्होंने देशभक्ति का प्रतीक बताया| सीटी रवि ने वीएचपी और बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों को ’सांप्रदायिक’ बताने वाले पुलिस के बयानों पर भी आपत्ति जताई और कहा कि ’हिंदू विचारधारा सांप्रदायिक नहीं है|
उन्होंने अन्य धर्मों के साथ इसकी तुलना करते हुए दावा किया, कुछ धर्मों में, लोगों को यह दावा करने के लिए मार दिया जाता है कि कोई ईश्वर नहीं है, बल्कि एक पैगम्बर है| सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट के मुद्दे पर, उन्होंने कुछ धार्मिक ग्रंथों के खिलाफ कार्रवाई की कमी पर सवाल उठाया| उन्होंने कहा ये पुस्तकें गैर-आस्तिकों को मारने का आह्वान करती हैं| अगर हम उनके खिलाफ कार्रवाई करते हैं, तो दुनिया भर में शांति कायम हो सकती है| रवि ने कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया और आरोप लगाया कि सुहास शेट्टी की हत्या के बाद उसने कोई सहानुभूति नहीं दिखाई, जिसका परिवार दशकों से पार्टी का समर्थन करता रहा था|
उन्होंने कहा कि रहमान की हत्या को स्वीकार किया गया, लेकिन सुहास की हत्या को दरकिनार किया जा रहा है| उन्होंने कबीर को कथित तौर पर मुआवजा देने के लिए सरकार की आलोचना की, जो मवेशी परिवहन के दौरान पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था| उन्होंने हाल की घटनाओं के लिए वीएचपी या बजरंग दल के नेताओं को पहले से ही दोषी ठहराने के खिलाफ चेतावनी दी और निष्पक्ष जांच की मांग की|
उन्होंने जोर देकर कहा, उचित जांच से पहले संगठनों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए| पुलिस विभाग को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा अगर आपमें वाकई हिम्मत है, तो नफरत फैलाने वाले धार्मिक ग्रंथों के खिलाफ कार्रवाई करें| उन्होंने कहा कि इस तरह के नफरत भरे ग्रंथ भारतीय धर्मग्रंथों में नहीं हैं, लेकिन कुछ विदेशी धर्मग्रंथों में पाए जा सकते हैं, और इसे संघर्ष का एक बड़ा कारण बताया|
-समाज की मानसिकता धार्मिक ग्रंथों से प्रभावित
कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन का जिक्र करते हुए उन्होंने उन पर आरोप लगाकर उनकी विश्वसनीयता पर संदेह जताया कि उन्होंने एक बार विधान सौधा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए थे| रवि ने इस बात पर जोर देते हुए निष्कर्ष निकाला कि उनके सुझाव शांति बनाए रखने के उद्देश्य से थे और समाज की मानसिकता धार्मिक ग्रंथों से प्रभावित थी| उन्होंने स्पष्ट किया, विहिप एक हिंदू संगठन है और हिंदुओं के बीच एकता को बढ़ावा देता है| हम किसी भी हत्या को उचित नहीं ठहराते| उन्होंने विधान सौधा में क्रिकेटरों के हाल ही में हुए सम्मान समारोह पर भी कटाक्ष किया और दावा किया कि कथित तौर पर बेंगलूरु पुलिस आयुक्त द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम राजनीति से प्रेरित था और इसमें कांग्रेस नेताओं के बच्चों और पोते-पोतियों के साथ सेल्फी ली गई थी| उन्होंने इसे असंवेदनशील बताते हुए कहा अगर सीएम खुद ऐसी त्रासदी के बाद डोसा खाएंगे, तो भगवान भी उन्हें माफ नहीं करेंगे|