नाबालिग बिटिया ने सत्याग्रह कर रुकवाई अपनी शादी

शिवानी ने 11 अन्य बच्चियों का भी जीवन बचाया

 नाबालिग बिटिया ने सत्याग्रह कर रुकवाई अपनी शादी

बलरामपुर, 21 मई (एजेंसियां)। बलरामपुर की रहने वाली नाबालिग बेटी शिवानी ने अपनी शादी तय किए जाने के खिलाफ सत्याग्रह कर अन्न जल त्याग दिया तो परिजनों को उसकी जिद के आगे झुकना पड़ा। शिवानी यही नहीं रुकी, उसने 11 और बच्चियों की जिंदगी भी बचाई।

अभी वृद्धि की ओर बेल हैथोड़ी-सी बढ़ जाने दो। अभी ब्याहने की क्या जल्दीथोड़ा लिख-पढ़ जाने दो। बाल विवाह अभिशाप है। इन नारों को देख-समझ रही शिवानी ने इस अभिशाप के खिलाफ लड़ने का साहस किया। इस साहस से उसने न केवल खुद को बचाया, बल्कि 11 अन्य लड़कियां भी बाल विवाह के त्रासद अभिशाप से मुक्त हुईं। बलरामपुर स्थित तुलसीपुर ब्लॉक के ग्राम जुगलीकलां की बेटी शिवानी अब तक कई लड़कियों को बाल विवाह के अभिशाप से बचा चुकी है।

शिवानी बताती है कि साल 2023 में उसके पिता का निधन हो गया था। आस-पड़ोस और गांववाले तो यही जताने में लग गए थे कि बिन बाप की बेटी बोझ की तरह होती है। मां को समझा भी रहे थे कि जल्द से जल्द बेटी की शादी कर विदा करो और बोझ से मुक्ति पाओ। मां को भी कच्ची उम्र में बेटी की शादी में भलाई नजर आने लगी थी। शिवानी को जब पता चला कि उसकी सगाई की तैयारी हो गयी है तो उसके पांव तले जमीन खिसक गई। उसको लगा कि उसके सपने मिट्टी में मिल गए। वह तब हाईस्कूल बोर्ड की तैयारी कर रही थी। उसने ठाना कि वह अभी किसी भी दशा में शादी नहीं करेगी। बस उसने घर में ही सत्याग्रह शुरू कर दिया। अन्न-जल त्याग दिया। बिटिया के विरोध पर मां पसीजी। बिटिया ने भी भरोसा दिया कि वह घर के लिए बेटे से ज्यादा करके दिखाएगी। अंततः बेटी की जीत हुई और शादी टल गयी। शिवानी को आगे पढ़ने का पूरा अवसर दिया गया।

अब शिवानी इलाके में बाल विवाह के खिलाफ एक रोल मॉडल है। अपनी शादी तो उसने रोकी हीअब तक कई बेटियों को बाल विवाह से बचा चुकी है। बाल विवाह के खिलाफ उसके अभियान पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल उसे सम्मानित कर चुकी हैं। लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर इसी साल महिला कल्याण विभाग ने भी शिवानी को सम्मानित किया। बाल विवाह रोकने के लिए महिला कल्याण विभाग लगातार मुहिम चला रहा है। विभाग ने इस मुहिम के लिए शिवानी को रोल मॉडल बनाया है। शिवानी के समर्थन से विभाग ने पिछले पांच सालों में 11 बाल विवाह रोके हैं। इसमें वर्ष 2021 में एक, 2022 में छह, 2023 में एक, 2024 में दो और इस साल अब तक एक बाल विवाह रोका गया है।

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जिला प्रोबेशन अधिकारी सुशील कुमार सिंह का कहना है कि बाल विवाह अधिनियम 2006 की धारा के तहत 18 वर्ष से कम की लड़की और 21 वर्ष से कम का लड़कों का विवाह कानूनन अपराध है। ऐसा करने पर दो वर्ष का कठोर कारावास और एक लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है। बाल विवाह रोकने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

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