युद्ध-विराम में कोई मध्यस्थ नहीं था : थरूर
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने विश्व में बढ़ाया देश का मान
पाकिस्तान का प्रस्ताव था, भारत ने निर्णय लिया
ऑपरेशन सिंदूर को ब्राजील का भी समर्थन मिला
ब्रासीलिया, 03 जून (एजेंसियां)। ऑपरेशन सिंदूर के बाद विश्व के देशों का दौरा कर रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की एक टीम के नेता शशि थरूर ने अमेरिका समेत कई देशों के समक्ष यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध विराम में किसी भी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी। शशि थरूर ने साफ-साफ कहा कि युद्ध विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कोई भूमिका नहीं थी। युद्ध विराम का प्रस्ताव पाकिस्तान की तरफ से आया था और भारत सरकार ने इस पर विचार करने के बाद सम्यक निर्णय लिया। थरूर ने कहा, भारत अपने मामले में किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा। शशि थरूर ने कहा, हमने 7 मई को शुरू से ही कहा कि हम संघर्ष को लंबा खींचने के इच्छुक नहीं हैं। यह किसी तरह के युद्ध की शुरुआत नहीं है। यह सिर्फ आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिशोध है, बस। अगर पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया नहीं की होती, तो हम भी प्रतिक्रिया नहीं करते।
ऑपरेशन सिंदूर पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इंकार किया और कहा कि संघर्ष विराम के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत हुई। थरूर के नेतृत्व वाला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल फिलहाल ब्राजील में है और ब्राजील से अमेरिका के लिए रवाना होगा। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार दावा कर रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के लिए उन्होंने मध्यस्थता की। इसे शशि थरूर ने साफ-साफ नकार दिया है।
ब्राजील में शशि थरूर ने कहा, हम अमेरिकी राष्ट्रपति पद का बहुत सम्मान करते हैं और हम उसी सम्मान को ध्यान में रखते हुए बात करेंगे, लेकिन मोटे तौर पर कहें तो हमारी समझ थोड़ी अलग है। हमें रोकने के लिए किसी को मनाने की जरूरत नहीं थी। हमने पहले ही रुकने के लिए कह दिया था। अगर अमेरिकी राष्ट्रपति या उनके वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किसी को मनाने की जरूरत थी, तो वह पाकिस्तानियों को मनाने की थी। उन्हें मनाना पड़ता। हमें मनाने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम युद्ध नहीं चाहते। हम विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। यही मूल संदेश है।
डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि भारत-पाकिस्तान के बीच उन्होंने ही मध्यस्थता कराई। ट्रंप ने ही सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में सबसे पहले भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की जानकारी दी थी। हालांकि भारत ने ट्रंप ने दावे को उस समय भी खारिज कर दिया था। भारत ने बताया था कि पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) ने भारतीय समकक्ष को फोन करके संघर्ष विराम की अपील की थी। जिसके बाद संघर्ष विराम हुआ।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर को ब्राजील का समर्थन मिला है। ब्राजील ने भारत सरकार के द्वारा आतंकी गतिविधियों की रोकथाम के लिए ऑपरेशन सिंदूर के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया और पाकिस्तान के द्वारा क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म की कड़ी भर्त्सना की। प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने यह आधिकारिक जानकारी दी। तेजस्वी सूर्या शशि थरूर की अगुवाई वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य हैं। सूर्या ने कहा, ब्राजीलिया में हमने ब्राजील की संसद के अध्यक्ष, कार्यवाहक विदेश मंत्री और भारत-ब्राजील मैत्री समूह के सांसदों से मुलाकात की। इस दौरान वहां के नेताओं ने ब्राजील को भारत का सदाबहार मित्र करार दिया। तेजस्वी सूर्या ने ब्राजील की यात्रा को सफल बताया। वहां के नेताओं ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से बातचीत के दौरान कहा कि उनका देश हमारा हर मौसम में सहयोगी औऱ हर मौसम का दोस्त है। सूर्या ने यह भी कहा कि ब्राजील के अलावा गुयाना, पनामा और कोलंबिया से भी हमें पूरा समर्थन हासिल हुआ है। यह उपलब्धि भारतीय प्रतिनिधिमंडल के लिए बहुत अहम है। खास तौर पर लैटिन अमेरिका में और सामान्य रूप से पूरे विश्व में ब्राजील एक जरूरी और महत्वपूर्ण आवाज है। वहां गए भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शशि थरूर, सरफराज अहमद, गंटी हरीश मधुर, शशांक मणि त्रिपाठी, भुवनेश्वर कलिता, तेजस्वी सूर्या और पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू शामिल हैं।
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