पर्यावरण कार्यकर्ताओं को ‘गोवा सरकार के एजेंट’ कहने पर भाजपा सांसद से माफी की मांग

पर्यावरण कार्यकर्ताओं को ‘गोवा सरकार के एजेंट’ कहने पर भाजपा सांसद से माफी की मांग

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कर्नाटक में महादयी बेसिन परियोजनाओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने भाजपा सांसद जगदीश शेट्टर से उन्हें ‘गोवा सरकार के एजेंट’ कहने पर माफी की मांग की है| बेलगावी में कार्यकर्ता सुजीत मुलगुंड ने कहा बेलगावी के सांसद जगदीश शेट्टर द्वारा बेलगावी के प्रतिष्ठित पर्यावरणविदों को ‘गोवा सरकार के एजेंट’ कहना न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह सच्चाई, गरिमा और लोगों की लोकतांत्रिक आवाज पर जानबूझकर किया गया हमला है| सांसद को तुरंत सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए|


उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि जिन कार्यकर्ताओं को शेट्टर ने एजेंट कहा है, वे सम्मानित व्यक्तित्व हैं जिन्होंने पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए दशकों तक कड़ी मेहनत की है| दिलीप कामत जो ६० से अधिक वर्षों से निस्वार्थ सक्रियता में शामिल हैं| उन्होंने बाबा आमटे के साथ मिलकर काम किया है और ८०,००० एकड़ जंगल को कॉरपोरेट और अन्य लोगों के शोषण से बचाया है| शिवाजीराव कगनीकर, जिन्हें ’उत्तर कर्नाटक के जल पुरुष’ के रूप में जाना जाता है, उन्हें राज्योत्सव और देवराज उर्स पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है| वे एक गांधीवादी हैं और वंचित वर्गों के लिए न्याय, वर्षा जल संचयन और वनीकरण के लिए अथक वकालत करते रहे हैं|


लेफ्टिनेंट जनरल श्रीकृष्ण सरदेशपांडे एक युद्ध नायक हैं, जिन्हें उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक और राज्योत्सव पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने पर्यावरण सक्रियता के साथ भीमगढ़, कोडाचाद्री और महादेई संरक्षण क्षेत्रों की नींव रखी| कार्यकर्ताओं में कर्नल रवींद्र सैनी, कैप्टन नितिन धोंड, नायला कोलोहो और शारदा गोपाल भी शामिल हैं| इनमें सामाजिक कार्यकर्ता, वैज्ञानिक, समाज सुधारक, शिक्षक, इस धरती के सभी बेटे और बेटियाँ शामिल हैं जो पर्यावरण की रक्षा के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं| ये बाहरी लोग नहीं हैं| ये बेलगावी की आत्मा हैं, हमारे जंगलों, नदियों और समुदायों के संरक्षक हैं| इन्हें कई सरकारों से पुरस्कार मिल चुके हैं, जिनमें परिसर मित्र पुरस्कार और मुख्यमंत्रियों की प्रशंसा शामिल है|

शेट्टर को उनका अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है| इन पर्यावरण योद्धाओं ने वह हासिल किया है जिसका राजनेता केवल वादा करते हैं| उन्होंने वोट या सत्ता मांगे बिना हमारी जमीन की रक्षा की है| शेट्टर के हमले में राजनीतिक असुरक्षा की बू आती है और असली मुद्दे से ध्यान हटाने की कोशिश की गई है|

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