11 साल में 27 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर

विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट से खुलासा

 11 साल में 27 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर

11 साल में गरीबों को मिला योजनाओं का सीधा लाभ

नई दिल्ली, 08 जून (एजेंसियां)। विश्व बैंक की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार भारत ने अत्यधिक गरीबी उन्मूलन की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। भारत में 11 साल में 269 मिलियन (करीब 27 करोड़) लोग अत्‍यधिक गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं।

विश्‍व बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2011-12 में देश में अत्यधिक गरीबी की दर 27.1 फीसदी थीजो 2022-23 तक घटकर केवल 5.3 फीसदी रह गई है। इसी अवधि में देश में 344.47 मिलियन (34.4 करोड़) लोग अत्यधिक गरीबी में रह रहे थेजबकि 2022-23 तक यह संख्या घटकर 75.24 मिलियन (7.5 करोड़) हो गई। इसका मतलब है कि इस दौरान करीब 269 मिलियन (26.9 करोड़) भारतीय को अत्‍यधिक गरीबी रेखा से बाहर निकाला गया है।

उत्तर प्रदेशमहाराष्ट्रबिहार,  पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश- इन पांच राज्यों में 2011-12 में देश के 65 फीसदी अत्यंत गरीब रहते थे। अब इन्‍हीं पांच राज्यों ने 2022-23 तक गरीबी उन्मूलन में दो-तिहाई से अधिक योगदान दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक विश्व बैंक ने गरीबी का आकलन 3.00 डॉलर प्रतिदिन की अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा (2021 की कीमतों पर) के आधार पर की है। यह ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में गरीबी में तेज गिरावट को दर्शाता है। इसी अवधि में ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक गरीबी 18.4 फीसदी से घटकर 2.8 फीसदी प्रतिशत हो गईजबकि शहरी क्षेत्रों में अत्यधिक गरीबी 10.7 फीसदी से घटकर 1.1 फीसदी पर आ गई है। वहीं2.15 डॉलर प्रतिदिन की पिछली गरीबी रेखा (2017 की कीमतों पर) के आधार पर देखा जाए तो भारत में अत्यधिक गरीबी की दर 2011-12 में 16.2 फीसदी से घटकर 2022 में सिर्फ 2.3 फीसदी रह गई है। इस सीमा से नीचे रहने वाले भारतीयों की संख्या 2011 के 205.93 मिलियन (20.59 करोड़) से घटकर 2022 में 33.66 मिलियन (3.36 करोड़) हो गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि को सरकार की गरीबों के लिए चलाई गई पीएम आवास योजनापीएम उज्ज्वला योजनाजनधन योजना और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का परिणाम बताया है। उन्होंने कहा कि बीते 11 सालों में केंद्र ने इंफ्रास्ट्रक्चरसमावेशन और पारदर्शिता पर ध्यान देते हुए कई योजनाएं शुरू कीं जिनका सीधा लाभ गरीबों को मिला। इन पहलों से हाउसिंगक्लीन कुकिंग फ्यूलबैंकिंग सर्विसेज और हेल्थकेयर तक लोगों की पहुंच में विस्तार हुआ है। इसके अलावा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी)डिजिटल सर्विसेज और ग्रामीण विकास से जुड़े कामों ने भी गरीबों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सभी प्रयासों से 25 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर निकल पाए हैं। यह उपलब्धि भारत को गरीबी मुक्त राष्ट्र बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

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