योगेश गौड़ा के हत्या के आरोपी विधायक को सीबीआई हिरासत में लिया गया
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| धारवाड़ ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक विनय कुलकर्णी, जो नौ साल पहले हुई धारवाड़ जिला पंचायत सदस्य योगेश गौड़ा की हत्या के मामले में आरोपी हैं, को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सीबीआई ने हिरासत में ले लिया|
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उनकी जमानत रद्द कर दी थी और उन्हें एक सप्ताह के भीतर अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था| इस संदर्भ में वे जनप्रतिनिधियों की विशेष अदालत के न्यायाधीश के समक्ष पेश हुए| सुनवाई करने के बाद न्यायाधीश ने उन्हें सीबीआई की हिरासत में भेज दिया और आदेश जारी किया| अदालत में मौजूद सीबीआई अधिकारियों ने विनय कुलकर्णी को गिरफ्तार कर हिरासत में ले लिया|
हत्याकांड में गवाहों से पूछताछ करने वाले सुप्रीम कोर्ट ने पिछले मंगलवार को भी विनय कुलकर्णी को सुनवाई में पेश होने के लिए रिमांड पर लिया था| हालांकि, वे सुनवाई में अनुपस्थित रहे| सुनवाई के दौरान उनके वकील ने उनकी अनुपस्थिति का कोई कारण बताते हुए पेश होने से छूट मांगी थी| अदालत ने समिति को सलाह देते हुए सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी थी| इसी मामले में ६ जून को सुप्रीम कोर्ट ने विनय कुलकर्णी की जमानत रद्द कर दी थी और उन्हें एक हफ्ते के भीतर ट्रायल कोर्ट में सरेंडर करने को कहा था| २०२० में गिरफ्तार और २०२१ में जमानत पर रिहा हुए कुलकर्णी पर गवाहों को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया था| कर्नाटक सरकार ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए उनकी जमानत रद्द करने की मांग की थी|
कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए उनकी जमानत रद्द कर दी| विनय कुलकर्णी ने निर्वाचन क्षेत्र से बाहर होने के बावजूद कांग्रेस के टिकट पर २०२३ का विधानसभा चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया था| उन्होंने दो साल तक निर्वाचन क्षेत्र से बाहर से शासन किया था और अब उनकी जमानत रद्द होने के बाद वे फिर से जेल में हैं| कोर्ट ने सीबीआई की अर्जी स्वीकार करते हुए यह फैसला सुनाया था| गवाहों को पैसे का लालच देने के कारण जमानत रद्द की गई थी| विनय कुलकर्णी धारवाड़ निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक हैं| वह योगेश गौड़ा हत्याकांड में आरोपी है|
इससे पहले कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा था| बाद में सुप्रीम कोर्ट ने ११ अगस्त २०२१ को उन्हें जमानत दे दी| सीबीआई ने इस जमानत को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी| इसमें आरोप लगाया गया था कि विनय कुलकर्णी ने गवाहों को एक लाख रुपये का लालच दिया था|
इस संदर्भ में सीबीआई ने जमानत रद्द करने का अनुरोध किया था| योगेश गौड़ा की हत्या १५ जून २०१६ को धारवाड़ उपनगरीय पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में हुई थी| इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी| बाद में जनप्रतिनिधियों की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था|
इस मामले में कुल २१ आरोपी हैं| बसवराज मुथगी पहले आरोपी हैं, शिवानंद श्रीशैल बिरादर १७वें आरोपी हैं और विनय कुलकर्णी १५वें आरोपी हैं| पिछले साल गुरुनाथ गौड़ा नाम के व्यक्ति ने ट्रायल कोर्ट में गवाही दी थी| उन्होंने कोर्ट को बताया कि विनय कुलकर्णी और मेरे चाचा योगेश गौड़ा के बीच एक बार जिला पंचायत की बैठक में हाथापाई हुई थी| कुछ दिनों बाद मेरे चाचा की हत्या कर दी गई| पहले आरोपी बसवराज मुथगी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है| उसने कोर्ट के सामने कई बातें बताईं|