कोलंबिया का पाकिस्तान के समर्थन वाला बयान वापस
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने दिलाई भारत को कूटनीतिक जीत
दल के नेता शशि थरूर के तर्कों से कोलंबिया सहमत
आतंकवाद के खिलाफ हम भारत के साथः इंडोनेशिया
कोलंबिया, 31 मई (एजेंसियां)। भारत के ऑपरेशन सिंदूर पर पाकिस्तान का समर्थन जताने वाला बयान कोलंबिया ने वापस ले लिया है। इसे भारत की कूटनीति और विदेश दौरा कर रहे भारतीय प्रतिनिधिमंडल के नेता शशि थरूर के अकाट्य तर्कों की जीत के तौर पर देखा जा रहा है। यही वजह है कि जो कोलंबिया कल तक पाकिस्तान के प्रति सांत्वना जता रहा था, वह आज भारत के समर्थन में खड़ा हो गया है। दूसरी तरफ, इस्लामिक देश इंडोनेशिया ने भी भारत के प्रति समर्थन जताते हुए कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इंडोनेशिया भारत के साथ खड़ा है। इंडोनेशिया के सबसे बड़े इस्लामिक संगठन नाहदतुल उलमा ने भी भारत के प्रति अपना समर्थन जताया है।
सर्वदलीय शिष्टमंडल का नेतृत्व करने वाले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कोलंबिया के पाकिस्तान के प्रति संवेदना वाले बयान पर निराशा जाहिर की थी और कोलंबिया को घटना के बारे में विस्तार से बताया था। थरूर ने अपने अकाट्य तर्कों के साथ कोलंबिया को आतंकवाद के साथ खड़े होने और शांति-दूतों का साथ देने की विभाजक रेखा पर अपना स्टैंड स्पष्ट करने और पारदर्शी रहने की अपील की थी। थरूर ने कोलंबिया को बताया कि सात मई को पहलगाम में किस तरह पाकिस्तानी आतंकियों ने भारत के निर्दोष पर्यटकों को उनका धर्म पूछ-पूछ कर मारा। इस नृशंस घटना के बाद ही भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों, उनके मुख्यालय और लॉन्च पैड्स को निशाना बनाया। भारत की इस जवाबी कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए जिसके बाद कोलंबिया ने पाकिस्तान के प्रति संवेदना जताई थी। शशि थरूर ने कहा, हम अपने कोलंबियाई मित्रों से कहना चाहेंगे कि जो आतंकवाद फैलाते हैं और जो उसका प्रतिरोध करते हैं, उनके बीच कोई समानता नहीं हो सकती। जो हमला करते हैं और जो रक्षा करते हैं, उनके बीच कोई तुलना नहीं हो सकती। हम केवल आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं, और यदि इस पर कोई गलतफहमी है, तो हम उसे दूर करने के लिए तैयार हैं।
कोलंबिया की उप विदेश मंत्री रोजा योलांडा ने शशि थरूर के अकाट्य तर्कों को सुनने के बाद पाकिस्तान के प्रति संवेदना जताने वाले कोलंबिया के बयान को बहुत ही गरिमामय तरीके से वापस ले लिया और आतंकवाद के खिलाफ अपने पारदर्शी स्टैंड की पुष्टि की। कोलंबिया की उप विदेश मंत्री ने कहा कि इस पूरे मामले पर कोलंबिया भारत के रुख को पूरी संजीदगी से समझता है। यह वास्तव में बहुत महत्व रखता है। उन्होंने यह माना कि आतंक फैलाने वाले और उसके खिलाफ एक्शन लेने वालों में समानता नहीं हो सकती।
कोलंबिया सरकार के ताजा स्टैंड पर संतोष जताते हुए शशि थरूर ने कहा, आज का दिन उप विदेश मंत्री रोजा योलेन्डा विलाविसेन्सियो और एशिया-प्रशांत मामलों से जुड़े उनके वरिष्ठ सहयोगियों के साथ एक उत्कृष्ट बैठक साबित हुआ। कोलंबिया सरकार ने सारे तथ्य और तर्क सुनने के बाद अपना पुराना बयान वापस ले लिया है। स्पष्ट है कि कोलंबिया ने भारत की स्थिति को ठीक से समझा और उसका मजबूती से समर्थन किया है।
शशि थरूर ने कहा, हम ब्रिक्स के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देते हैं, जिसके हम संस्थापक सदस्य हैं। हम ग्लोबल साउथ विकासशील दुनिया के देशों के विकास से भी बहुत जुड़े हुए हैं। कोलंबिया और भारत दोनों ही ग्लोबल साउथ के सदस्य हैं और जहां तक भारत का सवाल है, हम विकास और प्रगति के पथ पर उत्साह के साथ एक साथ आगे बढ़ना पसंद करेंगे।
दूसरी तरफ, पाकिस्तान के पाखंड का जवाब देने के लिए पश्चिमी अफ्रीका के देश सिएरा लियोन पहुंचे भारतीय संसदीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने वहां के कार्यवाहक विदेश मंत्री फ्रांसेस पी. अल्घाली से विस्तृत चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान की प्रत्यक्ष भूमिका के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। इस मौके पर अल्घाली ने भारत के आतंकवाद से लड़ने और शांति बनाए रखने के समन्वित प्रयासों का समर्थन किया। प्रतिनिधिमंडल की सदस्य भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज सिएरा लियोन यात्रा का संक्षिप्त ब्यौरा साझा किया है।
फ्रीटाउन में भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने पाकिस्तान को आगाह करते कहा कि यह नया भारत है। यह नया भारत रुकता नहीं है। झुकता नहीं है। गुनाह के लिए माफ नहीं करता। नया भारत मुंहतोड़ जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ हर तरह की कार्रवाई करने में नया भारत सक्षम है। आतंकवाद वैश्विक मुद्दा है। इसलिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों की यात्रा कर रहे हैं। इस प्रतिनिधिमंडल के दूसरे सदस्य बीजू जनता दल सांसद सस्मित पात्रा ने कहा कि पहलगाम हमला दुखदायी है। उन्होंने कहा कि एक आतंकवादी आता है। पति से उसका धर्म पूछता है और उसे गोली मार देता है। पत्नी कहती है कि मुझे भी मार दो, मैं क्यों जीऊं? आतंकवादी पलटकर महिला से कहता है, मैं तुम्हें नहीं मारूंगा, जाओ और अपनी सरकार को यह बताओ। फिर ऑपरेशन सिंदूर आया। हमने पाकिस्तान में घुसकर उन पर हमला किया। यह नया भारत है। यकीन मानिए कि यह नया भारत है और हम नए भारत का चेहरा हैं। कोपेनहेगन (डेनमार्क) शिवसेना (यूटीबी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि वह मुंबई शहर से हैं। मुंबई में आतंकी हमले हुए, कितनी महिलाएं अपने पतियों के बिना रह गईं? एक महिला के तौर पर, इसने मुझ पर असर डाला है। इसने पाकिस्तान के प्रति मेरी अपनी भूमिका बदल दी है।
उधर, इस्लामिक देश इंडोनेशिया ने भारत के प्रति समर्थन जताते हुए कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इंडोनेशिया भारत के साथ खड़ा है। इंडोनेशिया के सबसे बड़े इस्लामिक संगठन नाहदतुल उलमा ने भी भारत के प्रति अपना समर्थन जताया है। विश्व में मुसलमानों की सबसे बड़ी आबादी इंडोनेशिया में है। आपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान में पल रहे जेहादियों की कमर तोड़ने के बाद विश्व के अनेक देशों में आतंकवाद और पाकिस्तान के बीच गर्भनाल के संबंधों का खुलासा करने गए भारत के विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों में से एक इन दिनों इस्लामी देश इंडोनेशिया में है और वहां भारत के सांसदों ने जब उन्हें आतंकवाद के खतरों और उसमें पाकिस्तान की मिलीभगत बताया तो वहां के समझदारों ने इस पर सहमति जताते हुए आतंकवादी का हर रूप में विरोध करने की बात की। उस इस्लामी देश के सबसे बड़े संगठन नाहदतुल उलमा ने आगे आकर कहा कि हम भारत के साथ हैं और जहां तक आतंकवाद से लड़ने की बात है तो हम साथ साथ इससे लड़ेंगे।
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आपरेशन सिंदूर को लेकर पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे झूठ का पर्दाफाश किया और बताया कि कैसे बंटवारे के बाद से ही भारत का पड़ोसी इस्लामी देश भारत में आतंकवादी भेजकर जम्मू कश्मीर सहित पूरे देश को रक्तरंजित करता रहा है। भारत के सांसदों ने तथ्यों के साथ पूरी परिस्थिति स्पष्ट की और बताया कि पहलगाम जिहादी हमले के बाद पाकिस्तान के लापरवाह रवैए को देखते हुए ही, भारत ने सटीक निशाने साधकर पीओजेके में चल रहे आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को नेस्तोनाबूद किया है।
भारत की ओर से प्रस्तुत इस पूरे प्रकरण को सुनने वालों में वहां के सबसे बड़े इस्लामी संगठन नाहदतुल उलमा के सदस्य भी थे। उन्होंने पूरा वक्तव्य सुनने के बाद भारत की पीड़ा को समझा और पाकिस्तान की शरारत पर हैरान रह गए। इस संगठन के वरिष्ठ सदस्यों ने एक स्वर से कहा कि साझा लड़ाई करके इस आतंकवाद को समाप्त करना होगा। विश्व में शांति कायम होनी चाहिए। किसी को किसी देश में इस तरह की शैतान हरकतें नहीं करनी चाहिए जैसी पाकिस्तान करता है। इस इस्लामी संगठन के अध्यक्ष उलिल अब्शार अब्दल्ला ने साफ कहा कि मजहब का नाम लेकर हिंसक गतिविधियां करना बहुत खतरनाक बात है। और इसके सबसे बड़े शिकार खुद मुसलमान हैं।
अब्शार अब्दल्ला ने यह बात भारत के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल से अलग से इस विषय पर चर्चा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को साझा लड़ाई लड़कर ही समाप्त किया जा सकता है। इस रास्ते से ही शांति आ सकती है। भारत की तरह इंडोनेशिया भी आतंकवाद का शिकार रहा है। इसलिए अब्दल्ला ने कहा कि जिस प्रकार का भारत को अनुभव हो रहा है उसे हम समझ सकते हैं। उनका कहना था कि भारत और इंडोनेशिया दोनों आर्थिक विकास, राजनीतिक स्थिरता और शांति चाहते हैं। अब्दल्ला का संगठन नाहदतुल उलमा उस देश का सबसे बड़ा इस्लामी संगठन होने के नाते अपनी अलग साख रखता है। यह संगठन इस्लामी मूल्यों को मानता है लेकिन हिंसा के विरुद्ध है। संगठन का मानना है कि हिंसा के लिए मजहब की आड़ लेना किसी तरह सही नहीं है। अगर ऐसा होता है कि तो यह एक बहुत खतरनाक सोच है। अब्दल्ला मानते हैं कि कुछ गुट हैं तो इस्लाम का नाम लेकर हिंसा फैलाते हैं, उसे उकसाते हैं। लेकिन यह गलत है। इस्लाम शांति का मजहब है। खुद मुसलमान आतंकवाद के शिकार हो रहे हैं, इसलिए इस खतरे पर कैसे लगाम लगे, इसे मुसलमानों को अपनी पहली जिम्मेदारी मानना होगा।
अब्दल्ला ने भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के बीच इंडोनेशिया के इतिहास का जिक्र किया कि कैसे इसमें भारत की समृद्ध सभ्यता की झलक दिखती है। उनका कहना है कि इस वजह से भी हम दोनों देशों के लोगों को अपने स्तर पर आपसी सहयोग को महत्व देना होगा। भारत के सांसदों के इस प्रतिनिधिमंडल की अगुआई जदयू से सांसद संजय कुमार झा कर रहे थे। उन्होंने भी अब्दल्ला के विचारों को सहानुभूति से भरा कहा। उन्होंने जानकारी दी कि नाहदतुल उलमा के अध्यक्ष ने भरोसा दिया है कि इस्लामिक देशों के संगठन में भी भारत द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं के प्रति समर्थन प्राप्त होगा।
भारत से गए इस प्रतिनिधिमंडल की भेंट इंडोनेशिया की नेशनल मेंडेट पार्टी तथा वहां के वरिष्ठ चिंतकों, विचारकों से भी हुई। प्रतिनिधिमंडल ने अनेक शिक्षा संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारियों से विशेष रूप से चर्चा की। जकार्ता में कार्यरत भारतीय दूतावास ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल यहां ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत के विरुद्ध जो दुष्प्रचार किया जा रहा है, उसकी कलई खोलने आए हैं। आतंकवाद को लेकर भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को पूरी दुनिया ने सराहा है।